नई दिल्ली। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने डेढ़ लाख ई-चालान वापस लेने का फैसला किया है। इनमें से ज्यादातर चालान राष्ट्रीय राजमार्ग 24 पर अगस्त से लेकर 10 अक्तूबर के बीच तेज रफ्तार से वाहन चलाने के लिए काटे गए थे। हालांकि इस बारे में अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है कि वसूली गई जुर्माना राशि का क्या होगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ट्रैफिक पुलिस में ज्वाइंट कमिश्नर स्तर के एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया, “दिल्ली ट्रैफिक पुलिस अगस्त और 10 अक्तूबर के बीच ढाई महीने के बीच काटे गए डेढ़ लाख चालान वापस ले रही है। इनमें से ज्यादातर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) 24 पर गति सीमा के उल्लंघन से संबंधित हैं।
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के एक अन्य अधिकारी ने कहा, “ये चालान एनएच 24 में निजामुद्दीन ब्रिज और दिल्ली-यूपी सीमा पर स्थित गाजीपुर के बीच काटे गए थे।”
यह है पूरा मामला
अब सवाल यह उठता है कि आखिर दिल्ली ट्रैफिक पुलिस को इन चालान को वापस क्यों लेना पड़ा। इस का जवाब देते हुए एक अधिकारी ने कहा, “इन चालान को वापस लेने का कारण यह है कि पीडब्ल्यूडी विभाग ने एक साइनबोर्ड लगाया था जिस पर गति सीमा 70 किमी प्रति घंटा लिखा था। जबकि चालान एनएच पर 60 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से वाहन चलाने पर काटे गए। बहुत सारी शिकायत मिलने के बाद हमने चालान वापस लेने का फैसला किया।”
एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक, ट्रैफिक पुलिस ने पीडब्ल्यूडी से कहा कि वे साइनबोर्ड को बदल कर 60 किमी प्रति घंटा कर दें, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया। पुलिस ने बताया कि अब हाईवे पर लगे कैमरों में उच्च गति सीमा को 70 किमी प्रति घंटा कर दिया गया है।
क्या होगा जुर्माना राशि का
अब सवाल यह है कि ट्रैफिक नियम तोड़ने पर जनता से जुर्माने के तौर पर जो करोड़ों रुपये वसूले गए हैं उनका क्या होगा। दिल्ली पुलिस के पास इसका कोई जवाब नहीं है।
कोर्ट का डर
पुलिस के आला अधिकारी के मुताबिक, इन चालान को वापस लेने का एक कारण यह भी हो सकता है कि कुछ वाहन चालकों ने कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर करने का मन बना लिया था। क्योंकि उन्हें लग रहा था कि उन्होंने कोई गलती नहीं की है और वे निर्दोष हैं। अधिकारी ने कहा कि कोर्ट में इस मामले पर कोई दलील नहीं दे पाने पर ट्रैफिक पुलिस की अजीब स्थिति हो जाती।