गाजियाबाद। डायल एफआइआर यानी 100 नंबर डायल करने से ही एफआइआर दर्ज करने की व्यवस्था को गाजियाबाद में बंद कर दिया गया है। पुलिस ने इससे अपराध का ग्राफ तो घटा दिया है, लेकिन पीड़ितों की परेशानी बढ़ गई है, जिसका पुलिस के रिकॉर्ड्स में कहीं भी जिक्र नहीं है। गाजियाबाद पूरे देश में यह विशेष व्यवस्था लागू करने वाला पहला जिला था और इसे बंद करने वाला भी पहला जिला बन गया है। हालांकि गौतमबुद्धनगर में यह अभी चल रही है। इस फैसले से बदलाव की बयार से गुजर रही गाजियाबाद पुलिस पुराने ढर्रे पर आ गई है।
क्या थी व्यवस्था
14 मई-2018 को तत्कालीन एसएसपी वैभव कृष्ण ने डायल एफआइआर शुरू की थी। चोरी, लूट, स्नैचिंग और महिला से जुड़े अपराध में थाना-चौकी के चक्कर लगाने का फेर खत्म कर डायल-100 पीआरवी को दी सूचना पर ही केस दर्ज किए जाने लगे थे। पीआरवी द्वारा दिए गए प्रारूप पर पीड़ित घटना के विवरण के साथ यह भी घोषित करता था कि लिखी गई बातें सत्य हैं। अगले ही दिन थाने से एफआइआर की कॉपी मिल जाती थी। जिले में मई 2018 से जुलाई 2019 तक यह व्यवस्था लागू रही।
माहवार आंकड़ों में देखिए डायल एफआइआर बंद होने के बाद किस तरह लूट और चोरी के आंकड़े कम हुए। जनवरी से जून और जुलाइ-अगस्त के आंकड़ों में लूट की घटनाएं करीब एक तिहाई रह गई हैं और चोरी में भी गिरावट आई है।
डायल एफआइआर बंद होने के बाद लोग परेशान
- सिद्धार्थ विहार में अमित कुमार के घर से 10 जुलाई को डेढ़ लाख रुपये की चोरी हुई। 13 जुलाई को रिपोर्ट दर्ज हुई।
- अकबरपुर बहरामपुर निवासी शंभू कुमार गुप्ता के घर से 22 जुलाई की रात लाखों की चोरी हुई। डेढ़ माह बाद रिपोर्ट दर्ज की गई।
- नेहरूनगर सेकेंड निवासी राखी को नौ सितंबर की सुबह साढ़े नौ बजे आटोसवार बदमाशों ने नशीला इंजेक्शन लगा लूटा। पीड़िता पूरे दिन चक्कर काटती रही और रात 10 बजे रिपोर्ट दर्ज हुई।
- लालकुआं निवासी प्रीति शर्मा से बाइकसवारों ने 23 अगस्त को अशोकनगर में चेन लूटी। सीसीटीवी फुटेज देने पर भी 16वें दिन रिपोर्ट दर्ज की।
- सिद्धार्थ विहार निवासी ओला ड्राइवर प्रमोद कुमार से छह सितंबर की रात ओला कैब लूटी। रात साढ़े 10 बजे 100 नंबर की कॉल पर भी दो दिन बाद रिपोर्ट दर्ज हुई।
- भोजपुर प्राथमिक विद्यालय से 11 सितंबर की रात दो एलपीजी सिलेंडर चोरी के मामले में एक सप्ताह बाद रिपोर्ट दर्ज हुई।
आनलाइन करें एफआइआर
सुधीर कुमार सिंह (एसएसपी) के मुताबिक, यूपी कॉप और साइबर क्राइम के लिए एनसीआरपी के शुरू होने के बाद डायल एफआइआर की जरूरत नहीं बची। दोनों के बारे में लोगों को जागरूक किया जा रहा है। हार्ड क्राइम में लोग आनलाइन एफआइआर कराएं। 100 नंबर पर कॉल के बाद भी रिपोर्ट दर्ज न हुई हो, ऐसा केस मेरे संज्ञान में नहीं है, क्योंकि हर कॉल की जानकारी संबंधित इंस्पेक्टर से लेकर मुझे भी मिलती है। इसके बाद भी रिपोर्ट दर्ज नहीं हो रही है तो जांच कराई जाएगी।