नई दिल्ली। दिल्ली मेट्रो में पॉकेटमारी की घटनाएं बढ गई है। ऐसे में दिल्ली मेट्रो रेल निगम (Delhi Metro Rail Corporation) की ट्रेनों में सफर करते हैं कि यह खबर आपके लिए अहम है, क्योंकि जरा सी लापरवाही से आपकी जेब भी कट सकती है। दरअसल, राजीव चौक मेट्रो स्टेशन पर सादा कपड़ों में गश्त कर रहे दो पुलिस कर्मियों ने एक जेबकतरे को पकड़ा है। उसके पास से चार मोबाइल बरामद किए गए हैं। उसकी पहचान पहाड़गंज निवासी विक्की उर्फ चमन के रूप में हुई है।
डीसीपी विक्रम पोरवाल ने बताया कि एएसआइ रत्ना कुमार कांस्टेबल हनुमान और गंगाराम के साथ राजीव चौक मेट्रो स्टेशन पर गश्त कर रहे थे। वहां उन्होंने संदिग्ध हालत में युवक को देखा। उसकी तलाशी पर चार मोबाइल फोन मिले। उससे पूछताछ की जा रही थी तो वहां एक युवक पहुंचा और मोबाइल चोरी होने की बात कही। उन चार में से उसने अपना मोबाइल पहचान लिया।
मोबाइल के पैटर्न और फोनबुक में बताए गए नंबर के आधार पर उसके फोन की पहचान की गई। विक्की के पास जो मोबाइल मिले, वह उनके बारे में कुछ भी नहीं बता सका। उनका पैटर्न भी नहीं बता सका। कड़ाई से पूछताछ करने पर उसने बताया कि वह भीड़भाड़ वाले इलाकों में जेब काटता है।
गौरतलब है कि मेट्रो में रोजाना करीब 30 लाख यात्री सफर करते हैं। वर्ष 2018 में सीआइएसएफ ने मेट्रो में जेबकतरों के खिलाफ 111 जांच अभियान चलाया था। इस दौरान जेबकतरों को लेकर कई अहम बातें सामने आई थीं। इनमें महिला चोरनियों को लेकर अहम खुलासा हुआ था। वैसे पुरुष चोर-जेबकतरे भी बड़ी संख्या में इस तरह की घटनाओं को अंजाम देते हैं।
असामान्य व्यवहार करें तो सावधान रहें
मेट्रो स्टेशनों पर तैनात केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (Central Industrial Security Force) के अधिकारियों का कहना है कि महिला पॉकेटमार ज्यादातर सेंट्रल दिल्ली से मेट्रो में चढती हैं। फिर यात्रियों के साथ असामान्य व्यवहार करने की कोशिश करती हैं। इस दौरान ज्यादा भीड़ का फायदा उठा कर यात्रियों का पर्स, चेन आदि ले लेती हैं। यह भी बताया जाता है कि महिला यात्री के साथ कोई अपरिचित महिला अगर असामान्य व्यवहार करे, तो सावधान हो जाना चाहिए, क्योंकि इसके बाद अगला निशाना आप हो सकते हैं।
बच्चा लेकर चलती हैं ये गैंग
दिल्ली मेट्रो की ट्रेनों में चोरी-जेबतरानी के दौरान पॉकेटमार महिलाएं आमतौर पर बच्चा लेकर चलती हैं। ज्यादातर मामले में ये महिलाएं उठाकर किसी शख्स के बैग का चेन खोलती है,फिर मौका मिलते ही दूसरी महिली कीमती सामान निकाल लेती हैं, फिर गैंग के किसी तीसरे शख्स को पास कर देती हैं। जाहिर है इस दौरान यात्री इस कदर भ्रमित हो जाता है कि वह अपराध करने वाली महिला का चेहरा तक भूल जाता है।
मेट्रो के जेबतराशों में 94 फीसद महिलाएं
- वर्ष-2018 के आकड़े बताते हैं कि पकड़ी गईं जेबतराशों की संख्या तकरीबन 94 फीसद है।
- मार्च, 2019 में ही दिल्ली मेट्रो में कुल 15 जेबकतरे पकड़े गए, सभी महिलाएं थीं।
- महिला जेबतराशों पर अक्सर लोग शक नहीं करते हैं, इसलिए ये आसानी से चोरी-जेबतराशी और चेन स्नैचिंक की वारदात को अंजाम देती हैं।
- मेट्रो में सक्रिय महिला जेबतराशों की उम्र 18 से 40 साल के बीच होती है।
- यह एक स्टेशन पर चढ़ती हैं और पलभर में वारदात कर आगे उतर जाती हैं। ये जल्दी-जल्दी स्टेशन बदलती हैं। कुछ जेबतराश महिलाएं पुलिस के रिकॉर्ड में भी हैं।
- दिल्ली मेट्रो में यात्रियों को सबसे अधिक निशाना महिला जेबतराश ही बना रही हैं।
- वर्ष 2018 में मेट्रो स्टेशन परिसर में सीआइएसएफ द्वारा दबोचे गए कुल 498 जेबकतरों में से 470 महिलाएं थीं।
- ये अक्सर टोली में चलना पसंद करती हैं। मेट्रो में गेट के आसपास इनकी सक्रियता अधिक रहती है।
- महिला जेबतराशों के गिरोह में पुरुष भी शामिल होते हैं, जो भीड़ में शामिल होकर पकड़े जाने पर लोगों से इन्हें छुड़ाने समेत किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहते हैं।
इन स्टेशनों पर नजर ज्यादा होती जेबतराशी
कश्मीरी गेट, चांदनी चौक, नई दिल्ली, राजीव चौक, हुड्डा सिटी सेंटर, शाहदरा, कीर्ति नगर, तुगलकाबाद, समयपुर बादली, यमुना बैंक, वैशाली