नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद दोबारा संगठन की कमान लेने के बाद सोनिया गांधी का ध्यान सांगठनिक ढांचे को चुस्त-दुरुस्त करने पर है. सोनिया गांधी शुक्रवार को दस जनपथ पर कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की हैं. कांग्रेस के लिए तमाम राज्यों से जिस तरह से लगातार अंतर्कलह, मतभेद और गुटबाजी की खबरें आ रही थीं, उस पृष्ठभूमि में यह बैठक अहम मानी जा रही है. बैठक के जरिए उनकी मन्शा यह संदेश देने की कोशिश मानी जा रही है कि कांग्रेस की राज्य इकाइयों में कोई मतभेद नहीं है. कांग्रेस एकजुट है.
बैठक के संबंध में बताया गया है कि कांग्रेस आलाकमान राज्यों से उनके किए गए कार्यों की जानकारी लेगा ही, साथ ही पार्टी द्वारा चुनाव के दौरान जनता से किए गए वादों पर कितना अमल हुआ, इसकी भी रिपोर्ट लेगा. सोनिया गांधी पहले ही कह चुकी हैं कि जहां जहां कांग्रेस की सरकारें हैं, वहां पार्टी को संवेदनशीलता से जनता के हित के लिए काम करना चाहिए वरना पार्टी जनता का विश्वास खो देगी.
बैठक में शामिल हैं यह नेता
बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और प्रभारी अविनाश पांडे मौजूद हैं. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और प्रभारी दीपक बाबरिया, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, आशा कुमारी, एके एंटनी, सुनील जाखड़ और पुडुचेरी के सीएम नारायण स्वामी हिस्सा ले रहे हैं. बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और प्रभारी पीएल पुनिया भी मौजूद हैं.
बैठक के पीछे क्या हैं संकेत
सभी नेताओं की एक साथ बैठक लेने के पीछे सोनिया गांधी ने साफ संकेत दे दिए हैं कि अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी. पार्टी की विचारधारा के तहत ही सभी मुख्यमंत्रियों को काम करना चाहिए. गौरतलब है कि राजस्थान और मध्य प्रदेश समेत अन्य राज्यों से भी पिछले कुछ दिनों से लगातार अनुशासनहीनता की खबरें आती रही हैं.