नई दिल्ली। बाहरी दिल्ली के अलीपुर इलाके में बृहस्पतिवार को गणपति की मूर्ति के विसर्जन के दौरान यमुना में डूबे सभी चार बच्चों के शव बरामद कर लिए गए हैं। स्थानीय पुलिस और गोताखोरों की टीम ने काफी तलाश के बाद इन बच्चों के शव को बरामद कर लिया।
इससे पहले नदी में गोताखोरों को उतारने के अलावा दो बार जाल फेंककर भी बच्चों को खोजने की कोशिश की गई, लेकिन देर रात तक उनका कुछ पता नहीं चला था। इसके बाद तलाश कार्य को बीच में ही रोक दिया गया था। शुक्रवार सुबह से दोबारा तलाश शुरू की गई थी। डूबने वाले बच्चों की उम्र 12 से 13 साल बताई जा रही है। देर रात तक दो बच्चों की पहचान पिंकी व प्रियंका के रूप में हुई थी।
दरअसल, बृहस्पतिवार रात निहाल विहार इलाके से कुछ लोग मूर्ति विसर्जन के लिए पल्ला में नदी किनारे आए थे। करीब नौ बजे विसर्जन के दौरान चार बच्चे डूब गए। वहां मौजूद लोगों ने पुलिस, दमकल विभाग और गोताखोरों को घटना के बारे में जानकारी दी। इसके बाद बचाव दल पहुंचा।
पाबंदी के बावजूद उठाया जोखिम
यमुना नदी में मूर्ति विसर्जित करने पर पाबंदी है। राजधानी के अधिकतर इलाकों में इसका पालन भी किया गया, लेकिन अलीपुर इलाके में इस पाबंदी को नजरअंदाज करते हुए कुछ लोगों ने नदी में मूर्ति विसर्जित करने का जोखिम उठाया। रात के अंधेरे में पहुंचे और बच्चों को भी नदी में प्रवेश करने से रोक नहीं पाए। यदि पाबंदी का ध्यान रखा गया होता तो ऐसी घटना नहीं होती।