गुरुग्राम। एक सितंबर से देशभर में लागू हुए नए मोटर व्हीकल एक्ट के चलते सड़क पर चलने वाहन चालकों की शामत आई हुई है। चाहे चालक दो पहिया हो या व्यावसायिक वाहन चालक ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर हर किसी का भारी चालान कट रहा है। एक ओर जहां गुरुग्राम में एक स्कूटी चालक का 23 हजार का चालान कटा वहीं बुधवार को एक और गाड़ी का 59 हजार का चालान कट गया है।
गुरुग्राम ट्रैफिक पुलिस की ओर से जानकारी सामने आई कि बुधवार को शहर में एक ट्रक ड्राइवर ने 10 नियमों का उल्लंघन किया, जिसके चलते उसका 59 हजार का चालान कट गया है। आपको जानकर हैरानी होगी कि एक वाहन को चलने के लिए जिन बुनियादी कागजातों की जरूरत होती है वह भी उस ट्रक चालक के पास नहीं थे। नीचे पढ़ें उसके पास कौन से दस्तावेज नहीं थे और किन नियमों का उल्लंघन किया…
इन नियमों का किया उल्लंघन
लाइसेंस नहीं था
रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट नहीं था
फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं था
गाड़ी का इंश्योरेंस नहीं था
खतरनाक वस्तु लेकर जा रहा था
खतरनाक ड्राइविंग
पुलिस के आदेश का पालन नहीं करना
ट्रैफिक लाइट का पालन नहीं करना
पॉल्यूशन सर्टिफिकेट न होना
येलो लाइट जंप करना
मोटर वाहन एक्ट के तहत बढ़ा शमन शुल्क
– मामूली नियम का उल्लंघन करने पर 300 रुपये
– रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट न दिखाने पर 300 रुपये
– बिना सीट बेल्ट या हेलमेट के – 1000 रुपये
– ओवरस्पीड से वाहन चलने पर- 2000 रुपये
– बिना लाइसेंस के वाहन चलाना- 2500 रुपये
– बिना रजिस्ट्रेशन वाहन चलाया- 5000 रुपये
– वाहन का प्रदूषण प्रमाण-पत्र नहीं- 2000 रुपये
– बिना डीएल वाहन चलाया तो 5000 रुपये
– बिना बीमा के वाहन चलाने पर 2500रुपये
– दो सवारी है और बिना हेलमेट तो 1000रुपये
– खतरनाक तरीके से वाहन चलाने पर 5000रुपये
– शराब पीकर वाहन चलाते हुए मिले तो 10000रुपये
– अधिकारी के कहने पर वाहन न रोका तो 2000रुपये
सड़कों पर बेतरतीब तरीके से वाहन चलाना या यातायात नियमों का पालन नहीं करना आपको पैदल कर सकता है। नए मोटर वाहन अधिनियम के तहत कुछ वाहनों का उनकी कीमत जितना ही चालान किया गया है। ऐसे में वाहन मालिक के लिए जुर्माना भरना कठिन हो रहा है। वहीं, सबसे अधिक समस्या दो पहिया वाहन चालकों के सामने आ रही है। पहले मोटर वाहन एक्ट में सबसे कम जुर्माना 100 रुपये था लेकिन नई दरों के अनुसार अब 300 रुपये हो गया है। वहीं, हेलमेट या बिना सीट बेल्ट के चलने पर 100 रुपये के चालान को बढ़ाकर 500 रुपये कर दिया गया है। बता दें प्रदेश में 7 जून से अधिकतर नियमों में शमन शुल्क को लागू किया जा चुका है। लेकिन, नाबालिग समेत करीब 10 से 15 नियम संशोधन के बाद लागू होंगे।