
नई दिल्ली। सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत 10वीं-12वीं के छात्रों का बोर्ड परीक्षा शुल्क दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी सरकार देगी। शिक्षा निदेशालय की तरफ से इस बाबत सरकारी, सरकार से सहायता प्राप्त और पत्राचार विद्यालय के प्रमुखों को सर्कुलर जारी किया है। सरकार की तरफ से इन छात्रों का बोर्ड परीक्षा का परीक्षा शुल्क केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को दिया जाएगा।
इस मामले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिये बयान भी जारी किया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि स्कूलों को छात्र-छात्राओं से शुल्क नहीं लेने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। सीबीएसई ने बीते दिनों 10वीं और 12वीं बोर्ड का परीक्षा शुल्क बढ़ा दिया था। बढ़ा हुआ शुल्क छात्रों से इसी सत्र से लिया जा रहा है।

यहां पर बता दें कि इससे पहले CBSE ने दिल्ली के छात्र-छात्राओं से बढ़ी हुई फीस नहीं लेने का फैसला किया है। सीबीएसई ने पिछले दिनों कहा था कि दिल्ली सरकार के सरकारी और सहायता प्राप्त प्राइवेट स्कूल एससी और एसटी स्टूडेंट्स से पिछले साल की तरह 50 रुपये ही फीस ली जाएगी और बाकी फीस दिल्ली सरकार से बाद में ली जाएगी। सीबीएसई ने फीस घटाई नहीं है, बल्कि दिल्ली सरकार से वो बढ़ी हुई फीस ही लेगा।
बता दें कि सीबीएसई नें एससी-एसटी छात्र-छात्राओं के लिए यह 375 रुपये (कक्षा 10) से 1200 रुपये कर दी गई है। वहीं, 12वीं के लिए यह 600 से 1200 रुपये की गई है। ऐसे में अब छात्रों को बोर्ड को सिर्फ 50 रुपये देने होंगे, ना कि 1200 रुपये। सीबीएसई के सेक्रेट्री अनुराग त्रिपाठी के मुताबिक, एचआरडी मिनिस्टर के निर्देश पर सीबीएसई ने तय किया है बोर्ड के रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर स्टूडेंट्स को 50 रुपये जमा करने होंगे। बाकी बची राशि (बढ़ी हुई फीस के हिसाब से) बोर्ड सीधे दिल्ली सरकार से लेगा।