नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में हार के तीन महीने बाद भी कांग्रेस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति अपने रवैये को लेकर बंटी नजर आ रही है। पार्टी के राज्यसभा सदस्य जयराम रमेश और वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी की तरफ से पीएम मोदी की तारीफ के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने नाराजगी जताई है।
जयराम रमेश ने कहा था कि मोदी के गर्वनेंस मॉडल को पूरी तरह से नकारात्मक नहीं ठहराया जा सकता है। जयराम रमेश का कहना था पीएम मोदी के काम के महत्व को स्वीकार करना होगा। मोदी को हर समय खलनायक की तरह पेश करने से कुछ भी हासिल होने वाला नहीं है। कांग्रेस नेता ने कहा था कि यह वक्त है कि हम लोग साल 2014 से 2019 के बीच मोदी ने जो काम किया है उसके महत्व को समझें।
इस काम के कारण ही वह 2019 में सत्ता में लौटे हैं। इसी काम के कारण ही 30 फीसदी मतदाताओं ने सत्ता में उनकी वापसी सुनिश्चित की है। वहीं, अभिषेक मनु सिंघवी ने ट्वीट किया कि मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं। विपक्ष सिर्फ उनके विरोध का रुख अपनाया हुआ है। इससे सही मायनों में मोदी को ही फायदा हो रहा है। किसी भी व्यक्ति के काम अच्छे, बुरे या कुछ अलग हो सकते हैं। इनका व्यक्ति नहीं बल्कि मुद्दों के आधार पर आकलन किया जाना चाहिए। निश्चित रूप से उज्ज्वला स्कीम उनके कई अच्छे कामों में से एक हैं।
दूसरी तरफ राज्यसभा में पार्टी के उप नेता आनंद शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री और सरकार के कामों की आलोचना करना विपक्ष का कर्त्तव्य हैं। इसे खलनायक की तरह पेश करना नहीं कहा जा सकता है। शर्मा ने कहा कि बिना आलोचना के लोकतंत्र नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि विपक्ष से यह उम्मीद नहीं की जानी चाहिए की वह सरकार जो भी करेगी, उसकी तारीफ करेगा। विपक्ष को यदि लगता है कि सरकार गलत कर रही है तो उसे सवाल करने, आलोचना करने और विरोध करने की उम्मीद की जाती है। दूसरी तरफ कांग्रेस कार्य समिति की अन्य नेता कुमार सैलजा ने रमेश के बयान की आलोचना की।