बैंगलुरू। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) आज चंद्र मिशन-2 को चंद्रमा की कक्षा में दाखिल कराने का हुनर दिखाएगा। इसरो चंद्रयान-2 के तरल रॉकेट इंजन को दागकर उसे चांद की कक्षा में पहुंचाएगा। तकनीकी के लिहाज से यह बहुत अहम पड़ाव है।
इसरो के अध्यक्ष के सिवन ने सोमवार को कहा-मंगलवार की सुबह (साढ़े आठ से नौ बजे के बीच) बहुत चुनौतीपूर्ण होगी। इसरो ने कहा कि चंद्रयान-2 को चंद्रमा की सतह से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर उसके ध्रुवों के ऊपर से गुजर रही कक्षा में पहुंचाने के लिए चार अन्य कक्षीय प्रक्रियाओं को अंजाम दिया जाएगा। इसके बाद लैंडर विक्रम दो सितंबर को ऑर्बिटर से अलग हो जाएगा। इसरो ने कहा कि सात सितंबर को चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके पहले लैंडर संबंधी दो कक्षीय प्रक्रियाओं को भी अंजाम दिया जाएगा।
प्रक्षेपण के बाद से यान पर नजर:
गत 22 जुलाई को प्रक्षेपणयान जीएसएलवी मार्क III-एम 1 के जरिये प्रक्षेपित किए गए चंद्रयान-2 ने गत 14 अगस्त को पृथ्वी की कक्षा से निकलकर चंद्र पथ पर आगे बढ़ना शुरू किया था। शुरू से ही बेंगलुरु स्थित इसरो, टेलीमेट्री, ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क (आईएसटीआरएसी) चंद्रयान की स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए है। बेंगलुरु के नजदीक ब्याललू स्थित डीप स्पेस नेटवर्क (आईडीएसएन) के एंटीना की मदद ली जा रही है। इसरो ने 14 अगस्त को कहा था कि चंद्रयान-2 की सभी प्रणालियां सामान्य ढंग से काम कर रही हैं।