गाजियाबाद। पुलिसकर्मी बनकर लोगों से उगाही और साथी बदमाशों को छुड़ाने वाले 3 लोगों को पुलिस ने अरेस्ट किया है। उनसे 2 बाइक, एक वॉकीटॉकी और तमंचा बरामद हुआ है। सिहानी गेट थाना प्रभारी उमेश बहादुर सिंह ने बताया कि पकड़े गए बदमाश रिहान, साहिल और संदीप हैं। गैंग के सदस्य लोगों से लूटपाट करते थे। इनमें से कोई पकड़ा जाता था, तो संदीप खुद को पुलिसकर्मी या एसटीएफ अधिकारी बताकर साथी को पूछताछ के बहाने छुड़ा ले जाता था। ज्यादातर मामलों में वह रास्ते में ही पुलिस को अपने जाल में फंसाकर बदमाशों को ले जाता था। वह फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर दिल्ली बॉर्डर और गाजियाबाद में कई वारदात को अंजाम दे चुका है।
थाने पहुंचने से पहले ही छुड़ा लेता था साथियों को
बदमाश अपने साथियों को पकड़े जाने के बाद उन्हें थाने ले जाने से पहले ही मौके पर पहुंच जाता था, जहां वह पुलिसकर्मियों को झांसे में लेकर साथियों को अपने साथ ले जाता था। वह जानता था कि अगर थाने में बदमाशों के खिलाफ रजिस्टर एंट्री हो जाएगी तो फिर उन्हें बिना लिखा-पढ़ी के छोड़ना संभव नहीं होगा। ऐसे में उसकी असलियत खुलने का खतरा रहता।
रिमांड पर लेगी पुलिस
इस बदमाश का कनेक्शन बुजुर्गों को चेकिंग के नाम पर ठगी करने वाले गैंग के साथ भी रहा है। इस गैंग से जुड़े कुछ सुराग भी मिले हैं। पुलिस का कहना है कि जरूरत पड़ने पर संदीप को भी रिमांड पर लिया जाएगा। बता दें कि हाल ही में बुजुर्गों के साथ चेकिंग के नाम पर उनकी जूलरी ठगने की कई घटनाएं सामने आई हैं। आरोपियों से पुलिस पूछताछ करने में जुटी हुई है।
चेकिंग के नाम पर कपल से करता था वसूली
पूछताछ में पता चला कि रिहान डकैती के मामले में जेल जा चुका है। वहीं, उसका साथी संदीप फर्जी पुलिसवाला बनकर चेकिंग के नाम पर लोगों से उगाही करता था। उसका टारगेट ज्यादातर कपल होते थे। इसके अलावा वह सड़क किनारे दुकान लगाने वालों से भी पुलिस के नाम पर रुपये लेता था। इस दौरान वह पुलिस की तरह दिखने के लिए वॉकीटॉकी लेकर चलता था।
काम बदमाश का, पुलिस बदनाम
थाना प्रभारी ने बताया कि संदीप दिल्ली के बॉर्डर एरिया और गाजियाबाद में ऐसी वारदात को अंजाम देता था। वह सिविल ड्रेस में खुद को कभी गाजियाबाद तो कभी दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम या एसटीएफ में बताता था। अनजान लोगों को रास्ते में रोककर गिरफ्तारी का डर दिखाकर उनसे रुपये हड़प लेता था। जनवरी में सिहानी गेट थाने में ऐसे ही मामले की एक रिपोर्ट दर्ज की गई थी। वहीं, कई मामलों में ऐसी शिकायतें भी मिली थीं।