नई दिल्ली। संसद में जम्मू कश्मीर को लेकर प्रस्ताव एवं विधेयक पारित होने के बाद पाकिस्तान की ओर से गीदड़ भभकियों का सिलसिला शुरू हो गया है। एक ओर, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म होने के बाद पुलवामा जैसे हमले की आशंका प्रकट करते हुए कहा कि इससे पाकिस्तान और भारत के बीच युद्ध छिड़ सकता है। दूसरी ओर, पाकिस्तान की थल सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने मंगलवार को कहा कि कश्मीरियों की मदद के लिए उनके सैनिक किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं।
इमरान खान ने इस्लामाबाद में संसद की असाधारण संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए कहा, ‘यह ऐसा युद्ध होगा जिसे कोई नहीं जीतेगा और इसका असर पूरी दुनिया पर पड़ेगा।’ खान ने कहा कि परमाणु हथियार से संपन्न दोनों पड़ोसियों के बीच मौजूदा तनाव में युद्ध जैसी स्थिति पैदा हो सकती है। उन्होंने कहा कि कश्मीरी विरोध करेंगे और भारत उनके खिलाफ कार्रवाई करेगा। ऐसे में एक बार फिर पुलवामा जैसे हमले हो सकते हैं। मैं आशंका जता चुका हूं, यह होगा। एक बाकी पेज 8 पर बार फिर वे हम पर दोष मढेंÞगे। वे हम पर फिर हमला कर सकते हैं और हम जवाब देंगे।’ खान ने सांसदों से कहा, ‘फिर क्या होगा? जंग कौन जीतेगा? कोई भी नहीं जीतेगा और सारी दुनिया के लिए इसके गंभीर नतीजे होंगे। परमाणु हमले को लेकर ब्लैकमेल करने की बात नहीं है।’ उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कश्मीर में हालात का संज्ञान लेने का अनुरोध किया। खान ने कहा कि उनकी सरकार वैश्विक नेताओं से संपर्क करेगी और कश्मीर में हालात के बारे में उन्हें अवगत कराएगी।
दूसरी ओर, जनरल बाजवा ने पाक सेना में निर्णय लेने वाले सर्वोच्च मंच ‘कोर कमांडर्स कांफ्रेंस’ की अध्यक्षता की। यह बैठक यहां जनरल हेडर्क्वाटर में हुई। बैठक में कश्मीर ही एकमात्र एजंडा था। जनरल बाजवा ने सेना के कमांडरों से कहा, ‘पाकिस्तानी थल सेना कश्मीरियों के जायज संघर्ष में उनके साथ दृढ़ता से खड़ी है। हम तैयार हैं और अपने दायित्वों को पूरा करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।’ पाक थल सेना ने बयान में कहा कि मंच कश्मीर के बारे में भारतीय कार्रवाइयों को खारिज करने के पाकिस्तान सरकार के कदम का पूरी तरह से समर्थन करता है।