नई दिल्ली। जिम्बाब्वे क्रिकेट को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने तुरंत प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है. लंदन में आईसीसी की सालाना कांफ्रेंस में यह फैसला लिया गया. बैठक के बाद गुरुवार को आईसीसी ने जिम्बाब्वे क्रिकेट को सस्पेंड करने का बयान जारी कर दिया. आईसीसी ने सर्वसम्मति से यह फैसला लिया और कहा कि जिम्बाब्वे क्रिकेट लोकतांत्रिक तरीके से निष्पक्ष चुनाव कराने का माहौल तैयार करने और क्रिकेट के प्रशासन में सरकार के दखल को दूर रखने में नाकाम रहा है.
आईसीसी ने यह फैसला जिम्बाब्वे सरकार द्वारा वहां के क्रिकेट बोर्ड को निलंबित किए जाने के बाद लिया है. जिस समय आईसीसी ने यह फैसला किया उस समय जिम्बाब्वे की आयरलैंड के साथ वनडे सीरीज चल रही है. जिम्बाब्वे के अलावा क्रोएशिया क्रिकेट फैडरेशन को भी सस्पेंड किया गया है.
आईसीसी के चेयरमैन शंशाक मनोहर ने कहा, ‘किसी सदस्य को सस्पेंड करने का फैसला हम हल्के में नहीं लेते लेकिन हमें खेल को राजनीतिक दखलअंदाजी से दूर रखना ही होगा. जिम्बाब्वे में जो कुछ भी हुआ वह आईसीसी के संविधान का गंभीर उल्लंघन है और हम हम इसे अनदेखा नहीं कर सकते. आईसीसी चाहता है कि जिम्बाब्वे में आईसीसी के संविधान के मुताबिक क्रिकेट जारी रहे.’
आईसीसी के इस फैसले के बाद जिम्बाब्वे क्रिकेट को आईसीसी से किसी तरह का पैसा नहीं मिलेगा. साथ ही जिम्बाब्वे की टीम किसी आईसीसी इवेंट में भी नहीं खेल पाएगी. ऐसे में जिम्बाब्वे का अगले साल पुरुषों के टी20 वर्ल्ड कप के क्वालिफायर में शामिल होने की संभावनाएं भी कमजोर पड़ गई हैं.
जिम्बाब्वे को अगले साल जनवरी में इंडिया से 3 मैचों की टी20 सीरीज भी खेलनी थी. लेकिन जिम्बाब्वे क्रिकेट के सस्पेंड होने से उसकी आगामी द्विपक्षीय सीरीज भी खतरे में पड़ गई हैं. पिछले कुछ सालों में जिम्बाब्वे में क्रिकेट का स्तर काफी गिरा है. उससे टेस्ट टीम का दर्जा छीने जाने की भी मांग उठ रही है. लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में जिम्बाब्वे का खेल काफी खराब रहा है.