नई दिल्ली। सीबीआई ने कालेधन पर कड़ा प्रहार करते हुए पिछले तीन दिनों में लगातार देशभर में भ्रष्टाचार के विभिन्न मामलों में कड़ी कार्रवाई की है। इस दौरान सीबीआई ने लाखों रुपये और कई अहम दस्तावेज भी जब्त किए हैं। सीबीआई ने एक हफ्ते में दूसरी बार इस स्तर पर कार्रवाई की है। इससे पहले दो जुलाई को एजेंसी ने बैंक धोखाधड़ी के आरोपियों के खिलाफ अभियान चलाया था। सीबीआई ने तब 12 राज्यों के 18 शहरों में स्थित 50 स्थानों की तलाशी ली थी। वहीं छह जुलाई को बर्खास्त आयकर आयुक्त संजय श्रीवास्तव के दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद के 12 ठिकानों पर छापेमारी की थी।
मालूम हो कि केंद्र सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने का ऐलान किया है। इसी कड़ी में आयकर विभाग और सीमा व उत्पाद शुल्क के करीब 25 अधिकारियों को जबरन सेवानिवृत्त कर दिया था। कार्मिक मंत्रालय ने प्रत्येक विभाग में भ्रष्ट अधिकारियों की सूची बनाने का निर्देश दिया है।
पहला दिन
9 जुलाई : 30 मामलों में 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 110 स्थानों पर छापेमारी की।
ये प्रमुख मामले : यूपी शुगर मिल्स घोटाला, नोटबंदी घोटाला, हरियाणा का जमीन घोटाला, हरिद्वार बैंक घोटाला, शिमला में 250 करोड़ रुपये का घोटाला, कोयला घोटाला, मोतिहारी बालगृह कांड और जम्मू-कश्मीर में बंदूक लाइसेंस समेत 30 मामलों में कार्रवाई की।
इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कार्रवाई
उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, दिल्ली, उत्तराखंड, हरियाणा, चंडीगढ़, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश, ओडिशा, पंजाब, छत्तीसगढ़, गोवा, जम्मू-कश्मीर और आंध्रप्रदेश में कार्रवाई की है।
इन पर कसा शिकंजा
दिल्ली की एक एनजीओ के मालिक और कॉरपोरेट लॉबिस्ट दीपक तलवार
मायावती के पूर्व सचिव नेतराम
सहारनपुर के पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल
दूसरा दिन
10 जुलाई : यूपी के आठ शहरों में 12 स्थानों पर सीबीआई ने मारे छापे। इस दौरान 59 लाख रुपये बरामद किए।
सपा शासन में हुआ खनन घोटाला
सीबीआई ने 2012 से 2016 के बीच हुए अवैध खनन मामले में यह कार्रवाई की। इस दौरान यूपी में सपा की सरकार थी। खनन मंत्रालय उस समय अखिलेश यादव के पास था। आरोप है कि इस दौरान मनमाने तरीके से पट्टे बांटे गए और नियमों को जमकर उल्लंघन हुआ। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने 2017 में जांच शुरू की।
यूपी के इन शहरों में छापे
लखनऊ, बुलंदशहर, फतेहपुर, आजमगढ़, नोएडा, देवरिया, प्रयागराज और गोरखपुर में 12 स्थानों पर छापेमारी की गई। इस दौरान सीबीआई ने 14 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। इनमें पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति भी शामिल हैं।
इन पर कार्रवाई
बुलंदशहर के पूर्व डीएम अभय सिंह
यूपी कौशल विकास मिशन के पूर्व निदेशक विवेक कुमार
आजमगढ़ के पूर्व सीडीओ देवी सरन उपाध्याय
तीसरा दिन
11 जुलाई : सुप्रीम कोर्ट की वकील इंदिरा जयसिंह और आनंद ग्रोवर के दिल्ली और मुंबई स्थित घरों पर छापेमारी।
विदेशी चंदे के नियमों का उल्लंघन
एनजीओ लॉयर्स कलेक्टिव पर 2006-07 और 2014-15 के बीच 32.39 करोड़ रुपए से ज्यादा के विदेशी चंदे में अनियमितता के आरोप हैं। सीबीआई ने गृह मंत्रालय की शिकायत के आधार पर ग्रोवर और एनजीओ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
इन पर शिकंजा
सुप्रीम कोर्ट की वकील इंदिरा जयसिंह और पति आनंद ग्रोवर
कानूनी शिकंजा भी कसा :
– बेनामी संपत्ति लेनदेन कानून 2016 में लागू : बेनामी संपत्ति को जब्त करने और भारी जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया
– आर्थिक अपराध भगोड़ा कानून-2018 : बैंकों से कर्ज लेकर विदेश भागने अथवा अन्य आर्थिक अपराध करने वालों पर नकेल कसने के लिए यह कानून लाया गया
– काला धन (अघोषित विदेशी आय व संपत्ति) और कर अधिरोपण कानून 2015 : विदेश में अवैध रूप से संपत्ति जमा करने पर संपत्ति की कीमत के बराबर 90% जुर्माना और 30% कर लगाने का प्रावधान है।