खेल

वर्ल्ड कप 2019: 16 साल भिड़ेंगे भारत-न्यूज़ीलैंड, किसका पलड़ा भारी?

नई दिल्ली। विश्व कप 2019 के पहले सेमीफ़ाइनल में मंगलवार को भारत का मुक़ाबला न्यूज़ीलैंड से होने जा रहा है. ओल्ड ट्रैफ़र्ड में होने जा रहे इस मैच का लंबे समय से इंतज़ार हो रहा है क्योंकि दोनों टीमें 16 साल बाद विश्व कप में एक-दूसरे से भिड़ेंगी. भारत-न्यूज़ीलैंड के बीच पिछले महीने ट्रेंट ब्रिंज में ग्रुप स्टेज का मुक़ाबला होना था मगर वह मैच बारिश की भेंट चढ़ गया था. अब 2003 के वर्ल्डकप के बाद मंगलवार को यह पहला मौक़ा होगा जब दोनों टीमें इस विश्वकप में आमने-सामने होंगी. इससे पहले दोनों टीमें इस साल की शुरुआत में पांच वनडे मैचों की सीरीज़ में भिड़ी थीं. न्यूज़ीलैंड में खेली गई यह सीरीज़ भारत ने 4-1 से जीती थी.

विराट कोहली की जगह रोहित शर्मा ने इन सीरीज़ में भारत की कप्तानी की थी. कोहली की ही तरह जसप्रीत बुमराह को भी इस सीरीज़ के दौरान आराम दिया था. ऐसे में मोहम्मद शमी प्लेयर ऑफ़ द सीरीज़ रहे थे जो इस वर्ल्ड कप में भी अपनी अच्छी गेंदबाज़ी के लिए तारीफ़ बटोर रहे हैं. दोनों देशों के बीच पिछले सात वनडे मैचों की बात करें तो भारत ने इनमें से छह में जीत हासिल की है. लेकिन अगर भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच वर्ल्डकप में हुए मुक़ाबलों की बात करें तो न्यूज़ीलैंड का पलड़ा भारी नज़र आता है.

क्या कहता है विश्व कप का रिकॉर्ड

वर्ल्ड कप में दोनों टीमों के भिड़ंतों की बात करें तो न्यूज़ीलैंड का रिकॉर्ड बेहतर है. न्यूज़ीलैंड ने चार मैचों में जीत हासिल की है जबकि भारत ने तीन पर. लेकिन इन मैचों में भी पलड़ा उसका भारी रहा है जिसने स्कोर का पीछा किया है. सात में छह मैचों में जीत उसकी हुई है, जिसने बाद में बल्लेबाज़ी की है. मगर इस बार इंग्लैंड में हो रहे वर्ल्डकप के मैच दिखाते हैं कि बाद में बल्लेबाज़ी करना फ़ायदेमंद ही हो, ऐसा नहीं है. ख़ास बात यह भी है कि यह पहला मौक़ा होगा जब दोनों टीमें विश्वकप के सेमीफ़ाइनल में एक-दूसरे के सामने होंगी.

1975- पहली टक्कर

भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच विश्व कप में पहला मुक़ाबला 1975 में हुआ था. यह मैच भी ओल्ड ट्रैफ़र्ड में हुआ था. ग्रुप ए में हुए मैच में भारत ने 60 ओवरों में 230 का स्कोर खड़ा किया था जिसमें सैयद आबिद अली के 70 रनों का योगदान शामिल था. न्यूज़ीलैंड ने ग्लेन टर्नर की 114 रनों की नाबाद पारी के दम चार विकेट और सात गेंदें रहते हुए भारत को हराकर सेमीफ़ाइनल में जगह बना ली थी.

1979 – लीड्स में हुई भिडंत

चार साल बाद फिर न्यूज़ीलैंड ने जीत हासिल की. भारत ने पहले बल्लेबाज़ी की मगर 182 पर ही टीम ऑल आउट हो गई. इसमे सुनील गावस्कर का अर्धशतक शामिल था. ब्रूस एडगर ने 84 रनों की पारी खेली और 57 ओवरों में आठ विकेट से भारत को हरा दिया. इस हार के साथ ही भारत ग्रुप स्टेज के मुक़ाबलों में ही वर्ल्डकप से बाहर हो गया था जबकि न्यूज़ीलैंड फ़ाइनल तक गया था.

1987 – भारत की दो जीत

पहली बार वर्ल्ड चैंपियन बनने के चार साल बाद भारत ने 1987 में वर्ल्ड कप की मेज़बानी की थी और ग्रुप स्टेज मे दो बार न्यूज़ीलैंड से भिड़ा. दोनों बार जीत भारत की हुई. पहला मैच बेंगलरु में 16 रन से जीता और फिर नागपुर में हुए मैच में चेतन शर्मा की हैट-ट्रिक और गावस्कर की सेंचुरी की दम पर नौ विकेटों से जीत हासिल की.

1992 – होस्ट भारी

1992 में वर्ल्ड कप को न्यूज़ीलैंड होस्ट कर रहा था. कैरिसब्रुक में हुए मुक़ाबले में मेज़बान टीम भारत पर हावी रही. सचिन तेंदुलकर के 84 रनों की बदौलत भारत ने 6 विकेट पर 230 रन बनाए मगर मार्क ग्रेटबैच के 73 रनों की मदद से न्यूज़ीलैंड ने आसानी से लक्ष्य हासिल कर लिया. इस तरह भारत नॉकआउट राउंड से पहले ही टूर्नामेंट से बाहर हो गया था.

1999 – सुपर सिक्स की टक्कर

पिछली बार 1999 में इंग्लैंड में हुए विश्वकप में भारत और न्यूज़ीलैंड ग्रुप स्टेज से आगे एक-दूसरे के सामने आए थे. सुपर सिक्स स्टेज के मैच में न्यूज़ीलैंड ने जीत हासिल की थी जबकि भारत का सफ़र टूर्नामेंट में ख़त्म हो गया था. इस मैच में अजय जडेजा ने अर्धशतक लगाया था और भारत ने छह विकेट पर 251 रन बनाए थे. मगर मैट होर्न और रोजर के अर्धशतकों की मदद से 10 गेंदें रहते हुए ही न्यूज़ीलैंड ने पांच विकेट से जीत हासिल कर ली थी.

2003 – आख़िरी मैच

कुल मिलाकर देखें तो न्यूज़ीलैंड विश्व कप में भारत पर हावी रहा है. मगर आख़िरी बार दोनों देश 16 साल पहले सेंचुरियन में आपस में भिड़े थे और भारत ने जीत हासिल की थी. ज़हीर ख़ान की शानदार गेंदबाज़ी (4/42) ने न्यूज़ीलैंड को मात्र 146 रनों पर समेट दिया था. भारत ने मात्र तीन विकेट खोकर लक्ष्य हासिल करते हुए सेमीफ़ाइनल में जगह बना ली थी और न्यूज़ीलैंड का सफ़र टूर्नामेंट में ख़त्म कर दिया था.

अब मंगलवार को दोनों टीमें ओल्ड ट्रैफ़र्ड में एक-दूसरे के सामने होंगी. भारत इस विश्वकप में नौ में से सात मैच जीत चुका है जबकि एक में उसे हार का सामना करना पड़ा है. वहीं एक मैच बारिश के कारण रद्द हो गया था, जिसमें उसका मुक़ाबला न्यूज़ीलैंड से ही होना था. वहीं न्यूज़ीलैंड ने बारिश की भेंट चढ़े इस मैच के अलावा पांच में जीत हासिल की है जबकि तीन में उसे हार का सामना करना पड़ा है. दर्शकों को विश्वकप में 16 साल बाद होने जा रही इस भिड़ंत का बेसब्री से इंतज़ार है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com