अदालत ने कहा कि गवाहों के मुकरने के कई कारणों की पहचान सुप्रीम कोर्ट ने की थी। इनमें धमकी, प्रलोभन, बाहुबल का इस्तेमाल, झूठी गवाही, गवाहों की सुरक्षा समेत कई कारण शामिल थे। कोर्ट ने यह भी कहा कि गवाहों को इनसे बचाने के लिए उनकी पहचान छिपाना, गवाह व आरोपी का आमना-सामना होने से रोकना जैसे उपाय करने का निर्देश दिया गया था। हालांकि अब तक ऐसा नहीं हो सका। इसलिए गवाह मुकर रहे हैं और अभियोजन को आरोप साबित करने में परेशानी होती है।
मनोज सिन्हा ने दी थी अहम गवाही
पूर्व केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा ने हालांकि इस मामले में पुख्ता बयान दिया था। उन्होंने अपने बयान में कहा था कि कृष्णानंद राय को आरोपियों से लगातार धमकी मिलती थी और वह इस कारण परेशान थे। वह उनके अच्छे मित्र थे इसलिए अपनी परेशानी उनसे साझा करते थे।
सीबीआई ने किया था पुख्ता सुबूत होने का दावा
एजेंसी का कहना था कि मुख्तार अंसारी ने इस हत्याकांड की साजिश गाजीपुर जेल में रहते हुए रची थी। इस हत्याकांड के फौरन बाद मुख्तार व गैंगस्टर अभय सिंह के बीच मोबाइल फोन पर बातचीत हुई थी। उस बातचीत को रिकॉर्ड किया गया था। सीडी को कोर्ट में पेश किया गया, लेकिन कोर्ट में वह नहीं चल पाई थी।