गाजियाबाद। मेट्रो रेल परियोजनाओं को विकसित करने के लिए बनाए गए उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल निगम के दायरे से गाजियाबाद को बाहर रखा गया है। इससे मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए धन की समस्या आ सकती है। मेट्रो रेल निगम में शामिल होने से परियोजाओं के लिए सरकारी मदद मिलने में आसानी रहती है। शासन ने साफ कर दिया कि मेट्रो फेज-तीन और चार के लिए जीडीए, नगर निगम, आवास विकास परिषद और उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीएसआइडीसी) को फंडिंग की व्यवस्था खुद करनी होगी। लेकिन, जीडीए अधिकारी शहर में मेट्रो रेल विस्तार की परियोजनाओं को इस निगम के हवाले करने के लिए शासन स्तर पर प्रयास करने की तैयारी में जुट गए हैं।
शहर के लोगों की जरूरत और संस्थाओं की वित्तीय स्थितियों को समझाने की कोशिश की जाएगी। मेट्रो फेज-तीन के तहत नोएडा इलेक्ट्रॉनिक सिटी से मोहननगर 5.917 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर प्रस्तावित है। इस पर छह स्टेशन बनने हैं। इनमें डीपीएस इंदिरापुरम, शक्तिखंड, वसुंधरा सेक्टर-पांच, वसुंधरा सेक्टर-2 और मोहननगर स्टेशन शामिल हैं।
इसे बनाने में 1866 करोड़ रुपये की लागत आएगी। डीपीआर के मुताबिक 1567.20 करोड़ रुपये की व्यवस्था जीडीए, नगर निगम, आवास विकास परिषद और यूपीएसआइडीसी को करनी होगी। जबकि, 274.80 करोड़ रुपये की फंडिंग केंद्र सरकार के पाले में डाली गई है। चौथे फेज में वैशाली से वसुंधरा सेक्टर-2 तक 4.16 किलोमीटर का मेट्रो कॉरिडोर बनेगा।
इस पर तीन स्टेशन बनेंगे। उनमें प्रह्लादगढ़ी, वसुंधरा सेक्टर-14 और साहिबाबाद शामिल हैं। इस लाइन के साहिबाबाद स्टेशन को पुल बनाकर मेट्रो फेज-तीन के वसुंधरा सेक्टर-दो स्टेशन से जोड़ने की योजना है। इस कॉरिडोर के निर्माण में 1438 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसके लिए 1226.40 करोड़ रुपये का इंतजाम जीडीए, नगर निगम समेत विभिन्न महकमों को करना है और 211.60 करोड़ रुपये केंद्र सरकार मुहैया कराएगी।
ऐसे में दोनों फेज की मेट्रो परियोजनाओं के लिए 2793.60 करोड़ रुपये जीडीए, नगर निगम, आवास विकास परिषद और यूपीएसआइडीसी को जुटाने होंगे। पहले से इन संस्थाओं पर कई तरह के आर्थिक बोझ हैं। इसके साथ इतने फंड की व्यवस्था करना इनके लिए आसान नहीं। हालांकि, अकेले जीडीए ने शासन स्तर पर फंडिंग के लिए प्रयास किया। कामयाबी नहीं मिली। फिर उम्मीद बंधी की शहर की मेट्रो परियोजनाओं को उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल निगम के दायरे में शामिल किया जाएगा। लेकिन, यह उम्मीद भी टूट गई। निगम के कार्य क्षेत्र में शहर की मेट्रो परियोजनाओं को नहीं रखा गया है।
उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल निगम वाराणसी, आगरा, कानपुर समेत कई शहरों में मेट्रो परियोजनाओं पर काम करेगा। गाजियाबाद को उसमें शामिल नहीं किया गया है। शहर का नाम निगम के कार्य क्षेत्र में शामिल करने के लिए शासन स्तर पर प्रयास किया जाएगा। प्रमुख सचिव आवास से इस संबंध में बातचीत चल रही है। – कंचन वर्मा, वीसी, जीडीए