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दिल्ली में बिगड़े हालात, AQI 400 के पार; गाजियाबाद और नोएडा में सर्दी शुरू, राजधानी में गर्मी का अहसास

दिल्ली की हवा में ले रहे सांस तो लगाएं मास्क, AIIMS की OPD में बढ़े सांस की बीमारी के 20% मरीज

दिल्ली में मौसम की दोतरफा मार पड़ रही है. एक तरफ गर्मी सता रही है तो दूसरी ओर प्रदूषण परेशान कर रहा है.

विशेष संवाददाता

नई दिल्ली / नोएडा / गाजियाबाद । दिल्ली एनसीआर में लगातार मौसम अब बदलता हुआ नजर आ रहा है. खास तौर पर दिल्ली से सटे एनसीआर के गाजियाबाद और नोएडा में. इन इलाकों में ठंड महसूस होने लगी है. वहीं दूसरी तरफ राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण की वजह से लोगों को सांस लेने में तकलीफ है हो रही हैं. मौसम विभाग के अनुसार राजधानी दिल्ली में कल न्यूनतम तापमान 24.88 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड दर्ज किया गया जबकि अधिकतम तापमान 32.5 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड दर्ज किया गया है. दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स पिछले काफी समय से 400 के आसपास बना हुआ है. इसके साइड इफेक्ट्स भी दिखने लगे हैं. दिल्ली के अस्पतालों में सांस की तकलीफ के मरीज बढ़े हैं. एम्स दिल्ली के पल्मोनरी, क्रिटिकल केयर और स्लीप मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. करण मदान के अनुसार, ओपीडी में सांस संबंधी समस्याओं से पीड़ित मरीजों की संख्या में 15 से 20% की वृद्धि देखी जा रही है.

राजधानी के किस एरेया मे कितना AQI

केंद्रीय प्रदूषण एवं नियंत्रण बोर्ड सीपीसीबी के अनुसार राजधानी दिल्ली में शुक्रवार सुबह 7:30 बजे तक औसतन वायु गुणवत्ता सूचकांक 383 अंक बना हुआ है. जबकि दिल्ली एनसीआर के शहर फरीदाबाद में 246, गुरुग्राम में 281, गाजियाबाद में 321, ग्रेटर नोएडा में 295 और नोएडा में 270 अंक बना हुआ है. राजधानी दिल्ली के 16 इलाकों मे AQI लेवल 400 से ऊपर बना हुआ है आनंद विहार में 415,अशोक विहार में 418, बवाना में 440, डीटीयू में 411, द्वारका सेक्टर 8 में 413,आईटीओ में 423, जहांगीरपुरी में 447, मुंडका में 428, नरेला में 404 नेहरू नगर में 413, न्यू मोती बाग में 427, पटपड़गंज में 402, पंजाबी बाग में 406, आर के पुरम में 406, रोहिणी में 439, सोनिया विहार में 404, विवेक विहार में 414 वजीरपुर में 434 अंक बना हुआ है.

जबकि दिल्ली की 13 इलाकों में AQI लेवल 300 से ऊपर और 400 के बीच में बना हुआ है. अलीपुर में 397, डॉ करणी सिंह शूटिंग रेंज में 400, द्वारका सेक्टर 8 में 391, आईटीओ में 349, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 367, मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में 399, मंदिर मार्ग में 385, नजफगढ़ में 374, एनएसआईटी द्वारका में 339, ओखला फेस टू में 398, पूसा में 361, शादीपुर में 389, सिरी फोर्ट में 398, श्री अरविंदो मार्ग में 260 और दिलशाद गार्डन में 265 रन बना हुआ है.

AQI पर बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने क्या कहा

राजधानी दिल्ली में हालात बिगड़ गए हैं. जहां AQI 400 के पार होगया है. इस बारे में बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कहा, “दिल्ली में प्रदूषण इतने खतरनाक स्तर पर पहुँच गया है कि अब इस पर बात करना औपचारिकता मात्र लगता है. दिल्ली को गैस चैंबर बनाने में AAP ने कोई कसर नहीं छोड़ी… उन्होंने काम करने की एक नई शैली को जन्म दिया है, जहाँ वे खुद सत्ता में हैं, लेकिन सभी असफलताओं के लिए दूसरों को दोषी ठहराते हैं… हम लगातार दिल्ली के लोगों से आग्रह कर रहे हैं कि चुनाव बहुत करीब हैं, उन लोगों को हटाएँ जो लगातार आपको मारने की कोशिश कर रहे हैं और भाजपा की डबल इंजन वाली सरकार को मौका दें… हम दिल्ली को विश्व स्तरीय राजधानी बनाएंगे..

प्रदूषण सांसों पर ब्रेक लगा रहा

दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण सांसों पर ब्रेक लगा रहा है. शुक्रवार को दिल्ली एनसीआर के प्रदूषण स्तर ने नया रिकॉर्ड बनाया है. 15 अक्टूबर से दिल्ली एनसीआर में हवा में प्रदूषण का जहर घुलना शुरू हो गया था. इसके बाद आज दिल्ली एनसीआर का प्रदूषण स्तर सबसे अधिक दर्ज किया गया है. आज हवा की रफ्तार कम है जिसकी वजह से प्रदूषण स्तर में रिकॉर्ड तोड़ इजाफा हुआ है. दिल्ली एनसीआर में लोगों को बढ़ते प्रदूषण के चलते आंखों में जलन का एहसास हो रहा है. अधिकतर लोग प्रदूषण में हुई बढ़ोतरी के बाद मास्क लगाकर घर से बाहर निकल रहे हैं.

राजधानी गैस चैंबर में तब्दील

साफ शब्दों में कहें तो दिल्ली एनसीआर अब गैस चैंबर में तब्दील हो चुका है. दिल्ली एनसीआर का कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं है जहां पर लोगों को सांस लेने के लिए साफ हवा मिल रही हो. हर तरफ हवा में प्रदूषण का जहर मौजूद है. दिल्ली एनसीआर में सबसे बदतर हालात दिल्ली के हैं. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली के 33 इलाकों में से 21 इलाकों का एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 पार कर चुका है. जबकि बाकी इलाकों का प्रदूषण स्तर रेड जोन में 300 के पार है.

बच्चों और बुजुर्गों के लिए प्रदूषण ज्यादा खतरनाक

छोटे बच्चों और बुजुर्गों के लिए प्रदूषण सबसे ज्यादा खतरनाक साबित हो रहा है. सुबह के वक्त दिल्ली एनसीआर में लोग पार्कों में दिखाई देते हैं लेकिन प्रदूषण के लेवल में हुए रिकॉर्ड तोड़ इजाफे के बाद बुजुर्ग घरों में कैद है. अस्थमा से ग्रसित लोगों के लिए प्रदूषण सबसे ज्यादा खतरनाक है. दिल्ली एनसीआर के अस्पतालों में सांस की तकलीफ के मरीज बढ़े हैं. एम्स दिल्ली के पल्मोनरी, क्रिटिकल केयर और स्लीप मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. करण मदान के अनुसार, ओपीडी में सांस संबंधी समस्याओं से पीड़ित मरीजों की संख्या में 15 से 20% की वृद्धि देखी जा रही है.

सांस के मरीजों के लिए कठिन समय: वायु प्रदूषण के बारे में एम्स दिल्ली के पल्मोनरी, क्रिटिकल केयर और स्लीप मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. करण मदान कहते हैं,” वायु प्रदूषण के वजह से मरीजों को बहुत सी समस्याएं हो रही हैं. जिन मरीजों को अस्थमा जैसी सांस की बीमारी है, सीओपीडी के मरीज हैं, अब हम ओपीडी में बहुत अधिक मरीज देख रहे हैं. कई मरीजों ने शिकायत की है कि उनका अस्थमा खराब हो रहा है. कई मरीज गंभीर रूप से बिगड़े हुए अस्थमा के साथ आए अस्पताल में आए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती होने की भी आवश्यकता पड़ी है. इसलिए मुझे लगता है कि उन मरीजों के लिए यह कठिन समय है जिन्हें सांस की समस्या है.”

 

 

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