latest-newsअपराधदेश

 सियासत में भूचाल लाने वाले महादेव सट्टा ऐप का ऑपरेटर दुबई में पकड़ा गया

कड़ी निगरानी के बाद सौरभ चंद्राकर को इंटरपोल ने हिरासत में लिया, जल्‍द भारत लाया जाएगा

विशेष संवाददाता

नई दिल्‍ली । छत्‍तीसगढ की सियासत में भूचाल लाने वाले महादेव सट्टा एप कांड के मुख्‍य संचालक और आरोपी सौरभ चंद्राकर को दुबई में गिरफ्तारी में लिया गया है। उसकी गिरफ्तारी इंटरपोल ने की है। सीबीआई और ईडी के अधिकारियों ने दुबई की पुलिस और स्थानीय फोर्स के साथ मिलकर आरोपी से जुड़ी हर डिटेल इंटरपोल को दी थी। जल्‍द कुछ औपचारिक कार्रवाई के बाद उसे भारत लाए जाने की उम्मीद है।
सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया अब सौरभ चंद्राकर को भारत और फिर जल्द ही रायपुर लाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए दस्तावेजी काम अफसर जल्द से जल्द निपटा रहे हैं। सात दिन के भीतर आरोपी को भारत लाया जा सकता है।

सूत्रों ने बताया कि इंटरपोल के अधिकारी लंबे वक्‍त से पहचान बदलकर दुबई में सौरभ चंद्राकर के ठिकानों पर नजर रख रहे थे। मौका मिलते ही आरोपी सौरभ चंद्राकर दबोच लिया।

महादेव ऑनलाइन सट्टा एप का मामला तब सामने आया था, जब ईडी ने दावा किया था कि जांच एजेंसी ने एक ‘कैश कूरियर’ के ईमेल स्‍टेटमेट को रिकॉर्ड किया। इसमें पता चला कि छत्तीसगढ़ के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने संयुक्‍त अरब अमीरात में स्थित एप प्रमोटरों से कथित तौर पर 508 करोड़ रुपये लिए थे। हालांकि, भूपेश बघेल ने आरोपों को खारिज किया था।

छत्तीसगढ़ के भिलाई का रहने वाला सौरभ चंद्राकर एक जूस की दुकान चलाता था। पिता नगर निगम में पंप ऑपरेटर थे। साल 2019 में वो दुबई गया था। वहां उसने अपने एक दोस्त रवि उप्पल को भी बुला लिया। इसके बाद दोनों ने मिलकर महादेव एप लॉन्च किया। देखते ही देखते महादेव एप ऑनलाइन सट्टा बाजार का बड़ा नाम बन गया।

महादेव सट्टा एप पर यूजर्स पोकर, कार्ड गेम्स, चांस गेम्स नाम से लाइव गेम खेलते थे। इसके जरिए क्रिकेट, बैडमिंटन, टेनिस व फुटबॉल जैसे खेलों और चुनावों में अवैध सट्टेबाजी भी की जाती थी। सट्टेबाजी के नेटवर्क के जरिए महादेव एप का जाल तेजी से फैलता गया। सबसे ज्यादा खाते छत्तीसगढ़ में खुले।

इस एप से धोखाधड़ी के लिए एक पूरा खाका बनाया गया था। शुरुआत में यूजर को फायदा होता और जैसे बड़ा अमाउंट लगाते वैसे डूब जाता था।

बता दें कि महादेव सट्टेबाजी एप का मास्टरमाइंड सौरभ चंद्राकर का डी कंपनी (दाऊद इब्राहिम) से संबंध होने की बात भी सामने आई थी।

ईडी के मुताबिक, महादेव सट्टा एप के जरिए 6000 करोड़ से ज्यादा रुपये की धोखाधड़ी की गई है। ईडी ने इस मामले में अब तक कुल 11 लोगों को गिरफ्तार किया। दो आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की जा चुकी है।
ईडी ने आरोप लगाए हैं कि चंद्राकर की शादी फरवरी 2023 में संयुक्त अरब अमीरात के रास अल खैमा में हुई थी और इस आयोजन में लगभग 200 करोड़ रुपये नकद खर्च किए गए थे। ये भुगतान हवाला के जरिए हुआ।

ईडी के मुताबिक देशभर में फैले 4,000 से ज्यादा ‘पैनल ऑपरेटर’ इस नेटवर्क में थे, जो करीब 200 ग्राहकों को सट्टा लगाने में मदद करते थे। इस धंधे से दोनों आरोपी हर दिन कम से कम 200 करोड़ रुपए कमाते थे। इस पैसे से उन्होंने यूएई में अपनी एक अलग दुनिया बना ली थी। पिछले साल सितंबर में, ईडी ने मुंबई, कोलकाता और भोपाल में 39 जगहों पर छापेमारी कर 417 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की थी। जांच में पता चला कि चंद्राकर के दो अन्य साथी, अनिल और सुनील दमानी, भारत में इस नेटवर्क को चलाने में मदद करते थे। अनिल दमानी का काम पुलिस, नौकरशाहों और नेताओं को पैसे देकर चुप कराना था।

बढ़ सकती है भूपेश बघेल और कुछ बड़ी हस्तियों की मुश्‍किलें

महादेव सट्टा एप कांड में ईडी ने छत्तीसगढ़ पुलिस के एक पूर्व वरिष्ठ अधिकारी, चंद्र भूषण वर्मा, का नाम भी इस मामले में उजागर किया है। वर्मा को यूएई से भेजे गए पैसे से रिश्वत दी जाती थी। यह पैसा रायपुर के एक जौहरी के जरिए वर्मा तक पहुंचता था।

मामलें में गिरफ्तार अनिल दमानी ने पूछताछ के दौरान बताया कि उसने और उसके भाई ने 24-36 महीनों में हवाला के जरिए लगभग 65 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए। इसमें उसका कमीशन 6 लाख रुपए था।

जांच में यह भी पता चला है कि पुलिस अधिकारी वर्मा के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा से सीधे संबंध थे। इसके जरिए वे पुलिस की गतिविधियों पर नजर रखते थे।

इस मामले में एक नया मोड़ तब आया जब महादेव ऐप के ‘असली मालिक’ होने का दावा करने वाले शुभम सोनी ने आरोप लगाया कि उसके भूपेश बघेल से संबध है और उन्‍हें 508 करोड़ रुपए दिए थे। जिसके बाद छत्‍तीसगढ़ की सियासत में भूचाल आ गया । अब यह मामला कांग्रेस नेता भूपेश बघेल के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है।
मार्च में, लोकसभा चुनाव से कुछ हफ़्ते पहले, छत्तीसगढ़ पुलिस ने भूपेश बघेल और 18 अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। हालांकि, भूपेश बघेल ने सभी आरोपों से इनकार करते हुए इसे राजनीति से प्रेरित बताया था। बघेल ने कहा था कि कांग्रेस सरकार ने ही सौरभ चंद्राकर और उप्पल को सट्टेबाजी सिंडिकेट के सरगना के रूप में पहचानकर उन्‍होंने ही केन्‍द्र सरकार से अनुरोध किया था।

महादेव सट्टेबाजी ऐप मामले में बॉलीवुड हस्तियों के नाम भी सामने आए हैं। इनमें सबसे चर्चित नाम अभिनेता रणबीर कपूर का है, जिन पर एक सहायक ऐप का प्रचार करने का आरोप है। अभिनेता साहिल खान को भी इस मामले में गिरफ्तार किया गया था, जिन्हें जुलाई में जमानत मिल गई।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com