latest-newsएनसीआरगाज़ियाबाद

गाजियाबाद में वसुंधरा के सेक्टर 8 में बनेगा एम्स का सेटेलाइट सेंटर 

सीएम योगी के ऐलान के तुरंत बाद काम शुरू, बेहतर कनेक्टिविटी से लाखों को होगी सुविधा

विशेष संवाददाता

गाजियाबाद । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो दिन पहले ही घंटाघर रामलीला मैदान से गाजियाबाद में एम्स दिल्ली का सेटेलाइट सेंटर बनाए जाने की घोषणा की थी। इस पर प्रशासन ने तुरंत अमल शुरू कर दिया है। उम्मीद है कि सेटेलाइट सेंटर वसुंधरा के खाली पड़े सेक्टर -आठ में बनाया जाएगा। जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह ने कहा कि वसुंधरा में प्रोजेक्ट के लिए 12 एकड़ भूमि चिन्हित की गई है। जल्दी ही इस संबंध में सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा। शासन से ही स्थल के बारे में अंतिम फैसला होगा। आइये जानते हैं इससे क्या फायदा होगा और किन लोगों को सीधा लाभ मिलेगा..

बेहतर कनेक्टिविटी से मेरठ तक फायदा

वसुंधरा में जिस स्थान पर 12 एकड़ भूमि चिन्हित किए जाने की बात कही जा रही है। यह स्थान से रैपिड रेल के साहिबाबाद स्टेशन से एकदम सटा हुआ है। इसका बड़ा लाभ यह होगा कि मेरठ तक के लोगों को सेटेलाइट सेंटर तक पहुंचने में अधिकतम आधा घंटे का समय लगेगा। दूसरी ओर से यहां दिल्ली की कनेक्टिविटी भी अच्छी रहेगी। रैपिड रेल यहां से दिल्ली जाने वालों के लिए उपलब्ध होगी। इसके अलावा नोएडा सेक्टर-62 से ब्लू लाइन मेट्रो लाइन का विस्तार भी साहिबाबाद तक प्रस्तावित है, जो नोएडा वालों को सेंटर का सीधा एक्सेस देने में मददगार होगी। इसके साथ ही वसुंधरा की कनेक्टविटी इंदिरापुरम, वैशाली, कौशांबी और डेल्टा कॉलोनी ;के अलावा पूरे साहिबाबाद क्षेत्र से भी अच्छी है।

ट्रांस हिंडन में नहीं है सरकारी अस्पताल

ट्रांस हिंडन एरिया (टीएचए) में लंबे समय से एक अच्छे सरकारी अस्पताल की डिमांड लोगों के द्वारा की जा रही है। करीब 20 लाख की आबादी टीएचए में रहती है। वसुंधरा में एम्स का सेटेलाइट सेंटर खोले जाने से लोगों को यह पुरानी मांग भी पूरी हो जाएगी। सेटेलाइट सेंटर का सबसे बड़ा लाभ पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों को यह मिलेगा कि उन्हें दिल्ली में जाए बगैर ही एम्स दिल्ली के चिकित्सकों का परामर्श उपलब्ध हो जाएगा।

एम्स दिल्ली को भी राहत मिलेगी

वसुंधरा में सेटेलाइट सेंटर बनने से एम्स दिल्ली को भी बड़ा फायदा मिलने की उम्मीद है। सेटेलाइट सेंटर ओपीडी में जाने वाले पश्चिमी उत्तर प्रदेश के रोगियों का भार कम करने में मददगार होगा। सूत्रों के मुताबिक गाजियाबाद में एम्स सैटेलाइट सेंटर का प्रस्ताव एम्स दिल्ली पर मरीजों का भार कम करने के लिए रखा गया था। वह लाखों मरीजों को शुरुआती इलाज यहीं मिल जाया करेगा। उन्हें छोटी बीमारियों के लिए दिल्ली दौड़ने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

क्या होता है सेटेलाइट सेंटर, रायबरेली के बाद दूसरा

मेडिकल में सेटेलाइट सेंटर मुख्य शाखा की ब्रांच होती है, जिसे अस्पताल प्रबंधन ही संचालित करता है। सेटेलाइट सेंटर में केवल ओपीडी सेवाएं रहती हैं। इस सेंटर से भर्ती की जरूरत पड़ने पर ओपीडी से दिल्ली एम्स भेज दिया जाएगा। रायबरेली के बाद यह यूपी का दूसरा सेटेलाइट सेंटर होगा। रायबरेली में एम्स के सेटेलाइट सेंटर को 2009 में मंजूरी दी गई थी।

गाजियाबाद के पांच जिला अस्पताल पर बोझ कम होगा

गाजियाबाद जनपद में वर्तमान में पांच जिला स्तरीय अस्पताल हैं। जिला एमएमजी अस्पताल, जिला महिला अस्पताल, संयुक्त जिला अस्पताल- संजयनगर, संयुक्त जिला अस्पताल – लोनी और संयुक्त जिला अस्पताल – डूंडाहेड़ा। संयुक्त जिला अस्पताल- डूंडाहेड़ा का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 18 सितंबर को ही घंटाघर रामलीला मैदान से लोकार्पण किया है। इसे ऑपरेशनल होने में समय लग सकता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com