विशेष संवाददाता
नई दिल्ली । जेल से बाहर आने के दो दिन बाद अरविंद केजरीवाल ने बड़ी घोषणा कर दी है. दिल्ली सीएम ने कहा कि मैं दो दिन बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दूंगा. दरअसल, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल रविवार को पार्टी कार्यालय पहुंचे थे. यहां उन्होंने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात की. इसके बाद कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने अपने इस्तीफे की घोषणा की. दिल्ली सीएम की इस घोषणा ने सभी कार्यकर्ताओं को बड़ा झटका दे दिया है.
कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आज से दो दिन बाद मैं इस्तीफा देने जा रहा हूं. मैं अब तब तक सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा, जब तक जनता अपना फैसला नहीं सुना देती कि केजरीवाल ईमानदार है. उन्होंने कहा कि सत्येंद्र जैन, अमानतुल्ला खान भी जल्द जेल से बाहर आएंगे. दिल्ली के लोगों ने हमारे लिए प्रार्थना की है. मैं उनका धन्यवाद करता हूं. मैंने जेल में कई सारी किताबें पढ़ीं हैं. मैंने रामायण पढ़ी, मैं गीता पढ़ी. मैं अपने साथ भगत सिंह की जेल डायरी लाया हूं. मैंने भगत सिंह की डायरी भी पढ़ी है.
केजरीवाल ने मांग की है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव भी नवंबर में महाराष्ट्र और झारखंड के साथ कराएं जाएं. बता दें, आयोग ने अब तक महाराष्ट्र-झारखंड में चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं किया है. बता दें, दिल्ली में फरवरी 2025 में विधानसभा चुनाव होने हैं. उन्होंने आगे कहा कि मेरे इस्तीफे से दिल्ली विधानसभा भंग नहीं होगी. आम आदमी पार्टी की विधायक दल की बैठक में नए मुख्यमंत्री का चयन होगा. केजरीवाल ने साफ किया कि मनीष सिसोदिया भी कोई जिम्मेदारी नहीं लेंगे. हम जनता के बीच जाएंगे.
केजरीवाल के इस्तीफे पर सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि केजरीवाल अग्निपरीक्षा देने का फैसला किया है. उन्होंने भरोसा किया कि आप देखिएगा कि दिल्ली की जनता केजरीवाल की ईमानदारी पर मुहर लगाएगी. केजरीवाल ने सरकार में रहते हुए काम किया है, इसलिए वे दोबारा जीतेंगे.
चड्ढा ने आगे कहा कि 2020 में केजरीवाल ने काम के नाम पर वोट मांगा था. उन्होंने जनता से कहा था कि अगर आप मेरे काम से खुश हैं तो मुझे वोट दीजिए. जनता ने उन्हें भारी मतों से जिताया. वह दोबारा जनता के सामने जाएंगे और वोट मांगेंगे.
केजरीवाल के इस्तीफे के ऐलान से उन्होंने विपक्ष और अपने विरोधियों को भी चौंका .दिया। इसके बाद कयासों का बाजार गर्म हो गया है कि आखिर पार्टी से वो कौन नेता होगा जो इस पद को संभालेगा. संभावितों की लिस्ट में मंत्री आतिशी, सौरभ भारद्वाज और पत्नी सुनीता केजरीवाल का नाम सबसे ऊपर आ रहा है. अभी कुछ भी कहना इसलिए भी जल्दबाजी होगा क्योंकि दो दिन बाद विधायक दल की बैठक है और सीएम फेस पर मुहर उसी दिन लगेगी.
कालकाजी सीट से विधायक आतिशी आम आदमी पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति की सदस्य भी हैं और वर्तमान में दिल्ली सरकार में शिक्षा, उच्च शिक्षा, टीटीई, वित्त, योजना, पीडब्ल्यूडी, जल, बिजली, सेवाएं, सतर्कता, जनसंपर्क मंत्री हैं. इससे पहले वह जुलाई 2015 से 17 अप्रैल 2018 तक दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की खासतौर शिक्षा से जुड़े मामलों की सलाहकार भी रही थीं.
आतिशी के अलावा सौरभ भारद्वाज भी सीएम पद की रेस में सबसे आगे हैं. वह लंबे समय से आम आदमी पार्टी से जुड़े हुए हैं. दिल्ली विधानसभा में ग्रेटर कैलाश सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं. सौरभ दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य, शहरी विकास और पर्यटन मंत्री हैं. साथ वह पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी हैं और संकटपूर्ण स्थितियों में पार्टी की ओर से पक्ष भी रखते हैं. इससे पहले सौरभ दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. अपने संयम व्यवहार की वजह से वह सीएम पद के बड़े दावेदारों में गिने जा रहे हैं.
सीएम पद की रेस में कैलाश गहलोत भी तीसरा बड़ा नाम चल रहा है. वह दिल्ली के परिवहन और पर्यावरण मंत्री हैं. वह नई दिल्ली के नजफगढ़ विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं. कैलाश गहलोत लो प्रोफाइल नेता हैं और वह कम ही चर्चा में रहते हैं. फिलहाल उनके पास परिवहन, प्रशासनिक सुधार, राजस्व, कानून, न्याय और विधायी मामले, महिला एवं बाल विकास तथा सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग की जिम्मेदारी है. उन्होंने फरवरी 2015 में नजफगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से दिल्ली विधानसभा के लिए अपना पहला चुनाव जीता था.
इन नामों के अलावा 3 और नाम हैं जिन पर भी दिल्ली की सियासत में चर्चा चल रही है. अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल, राज्यसभा सांसद संजय सिंह और दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय भी रेस में बने हुए हैं. बीजेपी की ओर से सीधे-सीधे यह आरोप भी लगाया जा रहा है कि केजरीवाल ने इस्तीफा देने के लिए 2 दिन का वक्त इसलिए लिया है ताकि विधायकों में सुनीता को मुख्यमंत्री पद देने के लिए मनाया जा सके.
केजरीवाल के जेल जाने के बाद सुनीता एक्टिव हो गई थीं. और कई जनसभाओं को संबोधित भी किया था. इनके अलावा संजय सिंह भी जो पार्टी के संकटमोचक माने जाते हैं वो भी रेस में हैं. केजरीवाल के जेल जाने के दौरान संजय सिंह इसके लिए केंद्र सरकार पर लगातार हमलावर रहे हैं. लंबे समय से केजरीवाल के करीबी रहे गोपाल राय भी सीएम की रेस में दिख रहे हैं. अब देखना होगा कि दिल्ली का मुख्यमंत्री बनने का मौका किसे मिलता है.
केजरीवाल के इस बड़े सियासी दांव के बाद यह भी क्लियर हो गया है कि पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और राज्यसभा सांसद संजय सिंह भी इस लिस्ट से बाहर हो गए हैं। केजरीवाल ने मंच से पहले ही साफ कर दिया है कि उनकी जगह मनीष सिसोदिया को इस पद पर नहीं बैठाया जाएगा। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं मनीष जी से बात कर रहा था, जो पीड़ा मेरे मन में है, वहीं पीड़ा मनीष जी के मन में भी है। ये दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मंत्री का पद तभी संभालेंगे, जब दिल्ली की जनता कहेगी कि वो ईमानदार हैं। हमारा फैसला अब आपके हाथ में है, हम दोनों जनता की अदालत में जा रहे हैं। इस पैमाने से देखें तो मनीष सिसोदिया हाल ही में शराब नीति घोटाला केस से जमानत पर आए हैं।