विशेष संवाददाता
गोंडा। निजी विद्यालय में स्मार्ट फोन-टैबलेट वितरण कार्यक्रम में पहुंचे पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह फूट-फूटकर रो पड़े. उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित किया. कांग्रेस समेत नेता दीपेंद्र और भूपेंद्र हुड्डा पर निशाना भी साधा. इसके बाद मंच पर ही एक कुर्सी पर बैठ गए. फिर एमएलसी अवधेश कुमार उर्फ मंजू सिंह ने जैसे ही उनके ऊपर लगे आरोपों पर बोलना शुरू किया पूर्व सांसद भावुक को गए. वह गमछे से बार-बार अपने आंसू पोंछते रहे. इसकी वीडियो भी सामने आया है.
भाजपा के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि मेरे खिलाफ षडयंत्र रचा गया. कांग्रेस पार्टी के साथ दीपेंद्र और भूपेंद्र हुड्डा ने यह साजिश रची. पहले मैं कहता था लेकिन आज देश कह रहा है. 1996 में साजिश हुई तो पत्नी केतकी सिंह सांसद बनीं. अब 2023 में साजिश हुई तो बेटा करण भूषण सांसद बना. मैं 1991 से सांसद हूं. पहले कोई मेरी सेल्फी नहीं लेता था. इस घटना के बाद से हीरो, हिरोइन, साधू-संत समेत तमाम लोग सेल्फी लेते हैं.
बदनाम हुआ तो नाम भी हुआ : WFI के पूर्व अध्यक्ष व पूर्व सांसद ने आगे कहा कि अगर हम हुए बदनाम तो नाम भी तो हुआ. इसके बाद अपना संबोधन समाप्त कर वह मंच पर रखी एक कुर्सी पर बैठ गए. इसके बाद गोंडा- बलरामपुर सीट से एमएलसी अवधेश कुमार उर्फ मंजू सिंह ने माइक संभाला. उन्होंने महिला पहलवानों के आंदोलन को निशाने पर लिया. पूर्व सांसद पर लगाए गए आरोपो को फर्जी बताया. कहा कि वह समाजसेवी हैं. इस बीच पूर्व सांसद भावुक हो गए. उनकी आंखों में आंसू हो गए. वह अपने गमछे से आंसू पोछते नजर आए.
कौन हैं बृजभूषण शरण सिंह : कैसरगंज से पूर्व सांसद रह चुके बृजभूषण शरण सिंह का बृजभूषण शरण सिंह है. उनके लगभग 52 स्कूल और कॉलेज हैं. इनमें नंदिनी कॉलेज, नंदिनी नगर लॉ कॉलेज, नंदिनी एजुकेशनल इंस्टीट्यूट, नंदिनी नगर कॉलेज ऑफ फार्मेसी, नंदिनी नगर पीजी कॉलेज, नंदिनी नगर टेक्निकल कैंपस फॉर इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट, महिला शैक्षिक प्रशिक्षण कॉलेज आदि है. वह करोड़ों को मालिक हैं. बृजभूषण का जन्म 8 जनवरी 1957 को गोंडा के गांव विष्णोहरपुर में हुआ. 1981 में उन्होंने केतकी सिंह के साथ शादी की.
साल 2004 में 23 साल के उनके बेटे शक्ति शरण सिंह ने सुसाइड कर लिया था. दूसरे बेटे प्रतीक भूषण सिंह साल 2017 में गोंडा से भाजपा के टिकट पर विधायक बने. इस बार के लोकसभा चुनाव में वह कैसरगंज से सांसद चुने गए हैं. बृजभूषण साल 1985 से राम मंदिर आंदोलन में भी शामिल रहे. साल 1992 में अयोध्या में विवादित ढांचे को गिराने में भी उनका नाम आया था.
इस मामले में फंसे : पूर्व बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों से यौन शोषण के आरोप लगाए थे. इसे लेकर पहलावन साक्षी मलिक समेत कई पहलवानों ने दिल्ली में जंतर-मंतर पर कार्रवाई की मांग को लेकर धरना दिया था. इसके बाद वह भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष पद से हट गए थे. यह मामला पूरे देश में सुर्खियों में रहा. लोकसभा चुनाव 2024 में उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ा. भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया.