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पिंक बूथ की सक्रियता से महिला संबंधी अपराधों में आई गिरावट, सुनवाई हुई तेज

दुष्कर्म, छेड़छाड़, दहेज हत्या, अपहरण जैसे अपराधों में 23.33 प्रतिशत की आई कमी

संवाददाता

गा‌जियाबाद । मिशन शक्ति योजना के तहत गाजियाबाद में 20 चौकियों को समाप्त कर खोले गए पिंक बूथों का एक साल काफी उपलब्धियों भरा रहा है। पिंक बूथ का सीधे तौर पर महिलाओं को फायदा मिला। महिलाओं की शिकायतों का पिंक बूथ में तेजी से निस्तारण तो हुआ ही साथ ही पिंक बूथों की सक्रियता से महिला संबंधी अपराधों में खासी गिरावट आ गई। कुल मिलाकर पिंक बूथ खोले जाने का फैसला सार्थक और सकारात्मक रहा। छेड़छाड़, शीलभंग, दहेज हत्या, अपहरण, महिला उत्पीडऩ समेत अन्य मामले 23.33 प्रतिशत तक कम हुए हैं। हाल में ही पुलिस अधिकारियों द्वारा कराई गई समीक्षा में पिंक बूथ के कार्यों की सच्चाई सामने आई है। पिंक बूथ खोले जाने से एक साल पूर्व और एक साल पूरा होने की अवधि के अपराध की समीक्षा कराई गई तो कमिश्नरेट में महिला अपराध में खासी कमी दर्ज की गई है।

आंकड़े बताते हैं कि पिंक बूथ खुलने से पहले सितंबर 2022 से अगस्त 2023 तक गाजियाबाद में महिला संबंधी 2666 मामले दर्ज किए गए थे। जबकि कमिश्नरेट में पिंक बूथ खुलने के यानि सितंबर 2023 से अगस्त 2024 के बीच कुल 2044 मामले दर्ज हुए। यानि की पुलिस की सक्रियता से महिला अपराध में 23.33 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। बता दें कि 20 चौकियों में पिंक बूथ खुलने के बाद सभी पर महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी और उन्हें संसाधन उपलब्ध कराए गए। उन्हें निर्देश दिए गए कि वह अपने क्षेत्र में पडऩे वाले स्कूल-कॉलेज, बाजारों, सार्वजनिक स्थानों के साथ ऐसे स्थान जहां महिलाओं आवाजाही अधिक है पर गश्त बढ़ाने के निर्देश दिए गए थे। इसका ही नतीजा रहा कि छेड़छाड़ व शीलभंग जैसे मामलों में काफी गिरावट आई। पिंक बूथों पर महिलाओं की शिकायतों को गंभीरता से सुना गया। यह भी बता दें कि वर्ष 2020 में शुरू हुई मिशन शक्ति योजना को चौथा चरण प्रदेश में 14 अक्टूबर से शुरू किया गया था। इस अवधि में प्रदेश भर में 179 पिंक बूथ स्थापित किए गए थे। जबकि इससे पहले ही तीन सितंबर को गाजियाबाद कमिश्नरेट में 20 पिंक बूथ का उद्घाटन कर दिया गया था।

गाजियाबाद के मॉडल पर प्रदेश में काम करने के दिए गए थे निर्देश

पिछले वर्ष एक वीडियो कांफ्रेंसिंग में उत्तर प्रदेश के डीजीपी ने गाजियाबाद के मॉडल को पूरे प्रदेश में लागू करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद गाजियबाद के मॉडल पर पूरे प्रदेश में पिंक बूथ स्थापित किए जा रहे हैं। वहीं मोदीनगर विधायक ने गाजियाबाद की तर्ज पर पिंक बूथ में परिवार परामर्श केंद्र शुरू करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा था। उनका कहना था कि गाजियाबाद पुलिस परिवारों को टूटने से बचाकर एक पुण्य का काम कर रही है। यदि पूरे प्रदेश में गाजियाबाद कमिश्नरेट पुलिस की तर्ज पर काम किया जाए तो महिलाओं व उनके परिवारों को इसका लाभ मिलेगा।

दो वर्षों में महिला संबंधी अपराध की स्थिति

अपराध सितंबर 22 से अगस्त 2३ सितंबर 23 से अगस्त 24 अपराध में कमी
दहेज हत्या 58 37 21
महिला उत्पीडऩ 917 644 273
छेड़छाड़ 417 321 96
दुष्कर्म 265 200 65
अपहरण 1009 842 167
कुल मामले 2666 2044 622

बेहतर कार्य के लिए एडीजी ने पुलिस कमिश्नर को भेजा था प्रशस्ति पत्र

गाजियाबाद में महिला सुरक्षा व सफल पिंक बूथ मॉडल के लिए एडीजी महिला एवं बाल सुरक्षा पद्मजा चौहान ने पुलिस कमिश्नर अजय कुमार मिश्र को प्रशस्ति पत्र भेजकर उनके कार्यों की प्रशंसा की थी। उन्होंने कहा था कि गाजियाबाद में 20 चौकियों को समाप्त कर पिंक बूथ स्थापित कराए गए और इनमें परिवार परामर्श केंद्र खोले गए। इससे महिला अपराधों पर अंकुश लगा और उनमें काफी गिरावट आई है। इसके साथ ही गाजियाबाद में महिलाओं को बढ़ावा देने के लिए चार थानों की कमान भी महिलाओं को दी गई है।

पुलिस ने एक साल में कर दिया 97.37 प्रतिशत शिकायतों का निस्तारण

गाजियाबाद (युग करवट)। पिछले एक साल में पिंक बूथ के बेहतर परिणाम सामने आए हैं। महिलाओं ने दम-खम के साथ अपनी बात को खुलकर पुलिस के सामने रखा। जब महिलाओं को प्लेटफार्म मिला तो शिकायतों की संख्या में भी कई गुना का इजाफा हो गया। आंकड़े बताते हैं कि पिंक बूथ खुलने के एक साल के भीतर पुलिस ने 97.37 प्रतिशत मामलों का निस्तारण कर दिया। यदि पुलिस द्वारा जारी एक साल के आंडक़ो पर गौर करें तो पुलिस के पास कुल 7048 शिकायतें आईं, इनमें से पुलिस ने 6863 शिकायतों का निस्तारण कर दिया। इनमें 287 मामलों में एफआईआर दर्ज की गई जबकि 36 में एनसीआर लिखी गई और 4867 मामलों को मध्यस्थता द्वारा समझौता करा दिया गया। बाकी शिकायतों में अन्य कार्रवाई की गई।

पिंक बूथों में एक साल में आई शिकायतों की स्थिति

  • प्राप्त प्रार्थना पत्रों की संख्या 7048
  • कुल निस्तारित हुए मामले 6863
  • काउंसलिंग से समझौते हुए 4867
  • मामलों में एफआईआर 287
  • मामलों में एनसीआर 36 बीट सूचना 33
  • मामलों में 151 में हुई कार्रवाई 226
  • मामलों में 107/16 में हुई कार्रवाई 157
  • परिवार परामर्श केंद्र ट्रांसफर हुए 402
  • जांच के बाद झूठे पाए गए मामले 183
  • अन्य प्रकार की कार्रवाई 678
  • लंबित प्रकरण 185
  • निस्तारण का प्रतिशत 98.58
  • पांच माह में पुलिस ने टूटने से बचा लिए 582 परिवार

पुलिस कमिश्नर गाजियाबाद अजय कुमार मिश्र के मुताबिक पुलिस कमिश्नरेट बनने के बाद महिला संबंधी प्रकरणों को प्राथमिकता से लेते हुए सबसे पहले महिला थाना व परिवार परामर्श केंद्र को सक्रिय किया गया। इसके बाद पांच मार्च 2024 को सभी पिंक बूथ में मोदीनगर विधायक मंजू शिवाच ने परामर्श केंद्र का उद्घाटन किया गया। पुलिस ने निर्देशों का पालन किया और 562 परिवारों को परामर्श के माध्यम से टूटने से बचा लिया। आंकड़े बता रहे हैं कि पांच मार्च से एक सितंबर के बीच पिंक बूथों के परामर्श केंद्रों पर कुल 1352 शिकायतें प्राप्त हुईं। इनमें से पुलिस ने 582 परिवारों का मध्यस्तता कर समझौता करा दिया जबकि 51 मामलों में एफआईआर दर्ज की गई। 394 मामलों में अन्य कार्रवाई की गईं और 325 मामलों में अभी मध्यस्तता चल रही है। इनका भी जल्द समाधान करने का पुलिस का प्रयास जारी है।

पिछले साल तीन सितंबर को 20 चौकियों को पिंक बूथ में तब्दील किया गया था। पिंक बूथ खोले जाने के लगातार फायदे सामने आ रहे हैं। पिंक बूथ में परिवार परामर्श केंद्र खोले जाने का लाभ भी मिला है। पुलिस यहां काउंसलिंग कर परिवारों को टूटने से बचा रही है। इसके साथ ही पिंक बूथ खुलने से महिला संबंधी अपराधों में तेजी से गिरावट आई है। पिंक बूथ पर तैनात पुलिसकर्मियों की सक्रियता का लाभ मिला है। हमारा प्रयास है कि आगे और अधिक बेहतर तरीके से पिंक बूथों पर तैनात पुलिसकर्मियों से काम लिया जा सके।

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