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सिसोदिया के बाद दिल्ली शराब घोटाले में आरोपी के कविता को मिली जमानत

SC बोला- जल्द ट्रायल पूरा होने की उम्मीद नहीं

विशेष संवाददाता

नई दिल्ली ।  सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली शराब नीति मामले में के कविता को जमानत दे दी. कोर्ट ने कहा कि वो पांच महीने से हिरासत में हैं. मामले की जांच पूरी हो चुकी है, लेकिन ट्रायल का पता नहीं कब तक पूरा होगा. साथ ही शीर्ष कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के टिप्पणी पर पर आपत्ति जताई है. मालूम हो कि इसी केस केस में तिहाड़ जेल में बंद और आप (AAP) नेता मनिष सिसोदिया को जमानत मिली थी. दोनों बेल को देखते हुए, ऐसे कयास लगाए जाने लगे हैं कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी जमानत मिल सकती है. मालूम हो कि के कविता को ईडी ने 9 मार्च को गिरफ्तार किया था.

के कविता की जमानत याचिका पर शीर्ष कोर्ट में जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस के वी विश्वनाथन की दो जजो की पीठ ने सुनवाई की. उन्होंने कहा कि कहा कि तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी कविता पहले ही पांच महीने जेल में बिता चुकी हैं और ‘मुकदमा जल्द शुरू होने की उम्मीद नहीं है’, भले ही अभियोजन पक्ष का दावा है कि उसकी जांच पूरी हो चुकी है.’ सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से मिला है. हालांकि, कोर्ट ने कविता को जमानत सशर्त दी है.

ईडी और सीबीआई को झटका

सुप्रीम कोर्ट ने जांच एजेंसी ईडी और सीबीआई को जोरदार झटका देते हुए, कविता को सशर्त जमानत दी है. वहीं, दिल्ली शराब घोटाले में पहले सिसोदिया, अब के कविता को पांच महीने बाद जमानत, के बाद से इसी केस में तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के भी बाहर आने की प्रबल संभावना जताई जाने लगी है. मालूम हो कि केजरीवाल को 21 मार्च को जांच एजेंसी ईडी ने सीएम आवास से गिरफ्तार की थी.

के कविता पर दिल्ली हाईकोर्ट ने क्या कहा था?

साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने के कविता की जमानत पर सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट की टिप्पणी को कड़ी आपत्ति जताई. हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा था कि के कविता एक सुशिक्षित और सफल महिला हैं. इसलिए उन्हें जमानत के लिए पीएमएलए की धारा 45 के प्रावधान का लाभ नहीं मिल सकता है.

सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा-

  • कविता पांच महीने से जेल में बंद हैं.
  • केस में 493 गवाह और 50000 दस्तावेज हैं.
  • जल्द ट्रायल पूरा होने की उम्मीद नहीं है जबकि जांच लगभग पूरी हो चुकी है.
  • कानून में महिलाओं के लिए जमानत पर विचार करते हुए विशेष बर्ताव का प्रावधान है.
  • हाईकोर्ट का जमानत ना देने का फैसला भी रद्द कर रहे हैं.

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