latest-newsदेश

बीएसफ के डीजी और स्पेशल डीजी को हटाकर केंद्र सरकार ने दलजीत सिंह चौधरी को बीएसएफ का नया महानिदेशक बनाया

जम्मू-कश्मीर में बढ़ती घुसपैठ और आतंकी हमलों के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय के कड़ा ऐक्शन

विशेष संवाददाता

नई दिल्ली। यूपी कैडर के सीनियर आईपीएस ऑफिसर दलजीत सिंह चौधरी को बीएसएफ का नया महानिदेशक बनाया गया है। दलजीत चौधरी एसएसबी के महानिदेशक हैं उन्हें बीएसएफ डीजी पद का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। इस पद पर नियमित पदाधिकारी की नियुक्ति तक या अगले आदेश तक के लिए उन्हें अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। उनकी नियुक्ति केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में बढ़ती घुसपैठ और आतंकी हमलों के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय के कड़े ऐक्शन के बाद की गई है । केंद्र सरकार ने शुक्रवार देर शाम सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ ) के प्रमुख नितिन अग्रवाल और डिप्टी स्पेशल डायरेक्टर जनरल योगेश बहादुर खुरानिया को पद से हटा दिया। दोनों को अपने-अपने होम कैडर में रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है।

नितिन अग्रवाल का होम कैडर केरल है और खुरानिया का ओडिशा है। इन दोनों अधिकारियों को नई जिम्मेदारी क्या दी गई है, इसके बारे में अभी जानकारी सामने नहीं आई है। दोनों को हटाने के संबंध में केंद्र ने 30 जुलाई 2024 को कैबिनेट की नियुक्ति समिति को आदेश जारी करने के लिए कहा था। इसके बाद डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल ट्रेनिंग (डीओपीटी ) की डायरेक्टर साक्षी मित्तल ने आदेश जारी कर दिया।

माना जा रहा है कि केंद्र सरकार ने इस कार्रवाई के पीछे की मुख्य वजह जम्मू-कश्मीर में सीमा पार से पाकिस्तान होने वाले घुसपैठ में पिछले एक साल में वृद्धि और आतंकी हमलों में वृद्धि है। इस मामले में केंद्र सरकार का अब तक का यह सबसे बड़ा प्रशासनिक फैसला है, जिसमें प्रमुख सुरक्षा बल के सर्वोच्च दो वरिष्ठ अधिकारियों पर गाज गिरी है। खुरानिया पाकिस्तान सीमा पर तैनात बल का नेतृत्व कर रहे थे।

नितिन अग्रवाल 1989 बैच के केरल कैडर के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस ) के अधिकारी हैं। वे बीएसएफ के पहले डीजी हैं, जिन्हें अपना कार्यकाल पूरा करने नहीं दिया गया। इससे पहले बीएसएफ के जितने भी डायरेक्टर जनरल थे, सभी ने अपना कार्यकाल पूरा किया था। नितिन अग्रवाल ने पिछले साल जून में डीजी का पदभार ग्रहण किया था। उनका कार्यकाल 2026 में पूरा होने वाला था।

डिप्टी स्पेशल डायरेक्टर जनरल योगेश बहादुर खुरानिया 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वे स्पेशल डीजी (वेस्ट) के रूप में पाकिस्तान बॉर्डर पर सिक्योरिटी इंचार्ज थे। बीएसएफ में आने से पहले वे ओडिशा पुलिस के बड़े पदों पर जिम्मेदारी निभा चुके हैं।

एक्शान की प्रमुख वजह

सरकार के इस कठोर कदम के पीछे जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से जुड़े आँकड़े गवाही दे रहे हैं। आँकड़ों के अनुसार, इस साल 21 जुलाई तक जम्मू-कश्मीर में 11 आतंकी हमले और 24 एनकाउंटर हो चुके हैं। इनमें 14 सुरक्षाकर्मियों और 14 नागरिकों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा, बांग्लादेश सीमा पर भी घुसपैठ पर लगाम कसने में नाकामी को दूसरी प्रमुख वजह बताई जा रही है।

लगभग 2.65 लाख कर्मियों वाला सुरक्षा बल यानी बीएसएफ पाकिस्तान और बांग्लादेश की सीमा पर सुरक्षा का काम देखती है। बीएसएफ जम्मू, पंजाब, गुजरात, राजस्थान से लगी 2290 किलोमीटर लंबी सीमा रेखा की निगरानी करती है। इनमें सीमा से सटे कई इलाके बेहद संवेदनशील हैं। जम्मू का क्षेत्र तो जंगलों और पहाड़ी इलाडीजी कों से घिरा हुआ है। वहीं, गुजरात का इलाका समुद्र से घिरा है।

दलजीत को 3 बार मिल चुका है राष्ट्रपति पदक

दिल्ली में जन्मे यूपी कैडर के आईपीएस अधिकारी दलजीत सिंह चौधरी की गिनती तेज तर्रार अधिकारियों में होती है। उनका जन्म 25 नवम्बर 1965 को में हुआ था। उन्हें अब तक 3 बार राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया जा चुका है। दलजीत सिंह चौधरी 1990 बैच के यूपी कैडर के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी हैं। वो 30 नवंबर 2025 को रिटायर होंगे। दलजीत चौधरी अपने कार्यकाल में अब तक कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। वह एमएसजी के कार्यकारी डीजी की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com