नगर संवाददाता
नई दिल्ली। नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) को खालिस्तानी आतंकियों के खिलाफ बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। एनआईए ने घातक हथियारों की सप्लाई से जुड़े एक बड़े आतंकी नेटवर्क मामले में खालिस्तानी गैंगस्टर व आतंकवादी लखबीर सिंह संधू उर्फ लांडा के एक करीबी सहयोगी को गिरफ्तार किया है। लांडा के सहयोगी की पहचान बलजीत सिंह उर्फ राणा भाई उर्फ बल्ली के रूप में हुई है। जांच एजेंसी ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी है।
एनआईए ने बताया कि बलजीत सिंह मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले का रहने वाला है। उसे गुरुवार को पंजाब से गिरफ्तार किया गया। बलजीत सिंह पंजाब में लांडा के एजेंट्स को हथियार सप्लाई करने वाले प्रमुख लोगों में से एक है। आतंकवाद रोधी एजेंसी के अनुसार, बलजीत के जरिए सप्लाई किए गए हथियारों का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए किया गया। इनके जरिए व्यापारियों और अन्य लोगों से जबरन वसूली भी की गई।
जांच एजेंसी ने कुछ रोज पहले गुरप्रीत सिंह गोपी को भी गिरफ्तार किया था। वह लखबीर सिंह लांडा और एक अन्य खालिस्तानी आतंकी सतनाम सिंह सत्ता के सहयोगी के तौर पर काम कर रहा था। एनआईए ने पिछले साल 10 जुलाई को टेररिस्ट और गैंगस्टर गठजोड मामले पर स्वतः संज्ञान लेते हुए केस दर्ज किया था और जांच की शुरुआत की थी। उक्त गिरफ़तारी इसरी कड़ी में हुई है।
केस की जांच से पता चला कि अलग-अलग प्रतिबंधित खालिस्तानी आतंकवादी संगठनों ने पंजाब और अन्य स्थानों पर हिंसक अपराधों को अंजाम देकर भारत को अस्थिर करने की साजिश रची। बलजीत सिंह खालिस्तानियों को इन नापाक मंसूबों को अंजाम देने के लिए हथियार उपलब्ध करवाता था। वह सत्ता को हथियार देता था, जो खालिस्तानियों की तरफ से अपराध को अंजाम दे रहा था।
एनआईए की तरफ से बताया गया कि लांडा और सत्ता दोनों भारत में आतंक को बढ़ावा देने के लिए विदेशी धरती से काम कर रहे हैं। बता दें कि बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) के सदस्य और गैंगस्टर लखबीर सिंह लांडा को भारत सरकार ने पिछले साल दिसंबर में आतंकवादी घोषित कर दिया था।
मूल रूप से पंजाब के तरनतारन जिले का रहने वाला लांडा वर्तमान में कनाडा के एडमोंटन, अल्बर्टा में रहता है। खालिस्तान समर्थक गतिविधियों में उसकी बड़ी संलिप्तता रही है। लांडा पाकिस्तान से भारत में तस्करी किए जाने वाले हथियारों और आईईडी डिवाइसों का मुख्य सूत्रधार है। उसके खिलाफ एनआईए में पहले से कई मामले दर्ज हैं।