संवाददाता
नई दिल्ली। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे (DME) और राष्ट्रीय राजमार्ग-9 (एनएच-9) पर ट्रैफिक जाम की समस्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। नैशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने हाल ही में एक सर्वेक्षण के माध्यम से जाम के 10 नए बिंदुओं की पहचान की थी, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। इस कारण जनता को लगातार ट्रैफिक जाम से जूझना पड़ रहा है। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और एनएच-9 पर ट्रैफिक जाम की समस्या गंभीर होती जा रही है। एनएचएआई और स्थानीय प्रशासन को इस समस्या के समाधान के लिए त्वरित और प्रभावी कदम उठाने होंगे, ताकि जनता को राहत मिल सके और यात्रा का समय और ईंधन बर्बाद न हो।
एंट्री पॉइंट पर बॉटलनेक की समस्या
डीएमई पर प्रवेश पाने के लिए वाहनों की लंबी कतारें लगती हैं, जो क्रॉसिंग रिपब्लिक के आगे कुछ दिन पहले खोले गए नए एंट्री पॉइंट तक जाती हैं। एनएच-9 पर चलने वाला ट्रैफिक डीएमई से होकर बिना रुकावट के दिल्ली तक पहुंच जाता है, लेकिन एंट्री पॉइंट पर चौड़ाई कम होने के कारण बॉटलनेक जैसी स्थिति बन जाती है। यहां एक बार में एक ही वाहन प्रवेश कर सकता है, जिससे पीछे तक लंबी लाइनें लग जाती हैं। कई बार यह कतार 500 मीटर से एक किलोमीटर तक भी हो जाती है। जल्दबाजी में वाहन चालक दो से तीन लाइन बना लेते हैं, जिससे एनएच-9 की तरफ जाने वाला ट्रैफिक भी फंस जाता है और पीक ऑवर में यहां रोजाना जाम लग जाता है।
एनएचएआई का पक्ष और जनता की समस्याएं
एनएचएआई के अधिकारियों का कहना है कि डीएमई के एंट्री पॉइंट को और चौड़ा नहीं किया जा सकता है, जबकि जनता का कहना है कि एनएचएआई ने यहां जल्दबाजी में काम किया है। यदि सर्विस रोड को थोड़ा चौड़ा किया जाता, तो एंट्री पॉइंट की चौड़ाई को बढ़ाया जा सकता था, लेकिन सर्विस रोड को बिल्कुल भी चौड़ा नहीं किया गया है। इसके चलते लोगों को विजयनगर, शांतिनगर और सेक्टर-62 के पास जाम का सामना करना पड़ता है। एनएच-9 पर चलने वाले वाहन चालकों का कहना है कि इस समस्या के कारण रोजाना 10 से 15 मिनट का समय बर्बाद हो जाता है। एंट्री पॉइंट को और बेहतर बनाने की आवश्यकता है।
सिद्धार्थ विहार अंडरपास पर समस्या
पीक ऑवर्स में एनएच-9 के रास्ते सिद्धार्थ विहार, न्यू लिंक रोड, प्रताप विहार और आगे जाने वाले हजारों लोग नोएडा सेक्टर-62 से आते समय सिद्धार्थ विहार अंडरपास पर फंसते हैं। इस समस्या के कारण कीमती ईंधन और समय की बर्बादी होती है। सड़कों का संकरा होना तो समस्या का मुख्य कारण है ही, साथ ही अंडरपास के पास अवैध रूप से ऑटो और ई-रिक्शा चालकों के सवारी उतारने-चढ़ाने से समस्या और बढ़ जाती है। इसके चलते शाम को एनएच-9 से उतरते ही साइड रोड पर 500 मीटर पहले ही वाहनों की गति थम जाती है।
समाधान के संभावित उपाय
लोगों का कहना है कि इस सड़क पर ट्रैफिक कई गुना बढ़ चुका है। यदि पीक ऑवर्स में ट्रैफिक स्टाफ बाईं ओर ऑटो चालकों को अंडरपास के किनारे खड़ा न होने दे, तो समस्या का समाधान हो सकता है। इसके अलावा, यदि अंडरपास के अंदर के ट्रैफिक को एनएच-9 से आने वाले ट्रैफिक के साथ एक समय में एक तरफ का रोककर चलाया जाए, तो भी कुछ राहत मिल सकती है।