विशेष संवाददाता
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली में पेरिस ओलंपिक खेलने जा रहे भारतीय दल के खिलाड़ियों से बातचीत की। जुलाई के आखिर में शुरू हो रहे पेरिस ओलंपिक में भारत के बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद करते हुए प्रधानमंत्री ने खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि ‘मुझे विश्वास है कि हमारे एथलीट अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे और भारत को गौरवान्वित करेंगे। उनकी जीवन यात्रा और सफलताएं 140 करोड़ भारतीयों को आशान्वित करती है।’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘हम अपना बेस्ट परफॉर्मेंस देने के लिए जा रहे हैं। लेकिन ओलंपिक सीखने का भी बहुत बड़ा मैदान होता है। जो सीखने की वृत्ति से काम करता है, उसके लिए सीखने के बहुत अवसर होते हैं। जो शिकायत में जीना चाहता है, उसके लिए भी अवसरों की कमी नहीं होती। दुनिया के समृद्ध से समृद्ध देश भी और उत्तम से उत्तम सुविधाओं के साथ आए हुए लोग भी शिकायत करते हुए नजर आएंगे। और हमारे जैसे देश के लोगों के दिल में कई कठिनाइयों, असुविधाओं के बीच तिरंगा झंडा रहता है। और इसलिए वो कठिनाइयों को साइड में रखता है और अपने मिशन के लिए लग जाता है। मुझे पक्का विश्वास है कि इस बार भी खेल के मैदान में आप भारत का नाम रोशन करके आएंगे। ‘
पीएम मोदी ने कहा कि ‘जो अनुभवी लोग हैं उनसे जो जानने को मिलता है उसकी एक अहमियत होती है। जैसे आपको बताया गया वहां के तामझाम में डूब मत जाना खो मत जाना। यह बहुत सही है। नहीं तो उसी का प्रभाव इतना होता है कि हम अपनी चीज को फोकस नहीं कर पाते हैं। दूसरा परमात्मा ने हमें कद दिया है। बाकी खिलाड़ी हमसे बड़े कद वाले होते हैं, लेकिन हम पक्का मान के चले यह कद का खेल नहीं है। यहां कौशल्य का खेल है। आपकी टैलेंट का खेल है। सामने वाले का शरीर हमसे दो फीट ऊंचा है, चौड़ा है इसकी परवाह मत कीजिए। आपको अपनी टैलेंट पर भरोसा होना चाहिए। सामने कितना ही शरीर मोटा हो, बड़ा तगड़ा हो, दिखने में बड़ा शानदार हो, तो वो जीत ही जाएगा मानने का कारण नहीं होता है। अपने पास जो कौशल है, अपने पास जो टैलेंट है, उस पर ही हमारा फोकस होना चाहिए और वही हमें परिणाम देता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आप सब चिंता छोड़ दीजिए। बस अच्छा खेलिए। मेडल का प्रेशर कभी मत रखिए। हां अपना 100% देना है।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘हम कोशिश करते हैं कि एक प्रकार से आप लोगों के लिए कंफर्ट रहे, असुविधा ना हो और आप लोग अच्छा परिणाम लेकर के आए। मेरी तरफ से आप लोगों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं हैं। मैं कोशिश करूंगा कि 15 अगस्त को एक बार लाल किले पर जब कार्यक्रम होता है, तो आप लोग भी उसमें उपस्थित रहें।’
पीएम मोदी ने कहा कि ‘ये देश के लिए कुछ कर गुजरने का एक अवसर होता है। आप अपनी तपस्या से इस स्थान तक पहुंचे है। अब आपके लिए अवसर है देश को कुछ देने का। और और देश को देने के लिए खुद का बेस्ट खेल के मैदान में देना पड़ता है। जो खेल के मैदान में खुद का बेस्ट देता है वो देश के लिए गौरव लेकर के आता है। और मुझे पक्का विश्वास है हमारे सभी साथी इस बार पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ करके आएंगे। इस बार भारत की कोशिश है कि हम 2036 में ओलंपिक की मेजबानी हमारे देश में करें। उससे भी एक बड़ा माहौल बनता है। मेरी तरफ से आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं।’
इस मुलाकात के दौरान नीरज चोपड़ा, पीवी सिंधू , प्रियंका गोस्वामी समेट 98 एथलिट ऑनलाइन जुड़े। प्रधानमंत्री मोदी ने इनसे उनकी तैयारियों के बारे में भी बात की। बातचीच के क्रम में प्रधानमंत्री ने नीरज चोपड़ा से चूरमा की बात छेड़ दी। प्रधानमंत्री ने मुस्कुराते हुए कहा कि तेरा चूरमा तो आया नहीं। इस पर नीरज ने कहा कि जरूर लेकर आएंगे सर। पिछली बार चीनी वाला चूरमा था। हरियाणा का चूरमा लेकर आपको खिलाऊंगा। प्रधानमंत्री ने इसपर कहा कि मुझे तेरी मां के हाथ का चूरमा खाना है तो नीरज ने कहा पक्का सर।
नीरज चोपड़ा ने आगे कहा कि ओलंपिक्स के लिए ट्रेनिंग बहुत बढ़िया चल रही है। कोशिश कर रहे हैं कि अपने आप को पूरा फिट करके जाएं पेरिस में और अपना 100% दें। क्योंकि यहा मौका चार साल में आता है तो सभी एथलीट्स को य बोलना चाहूंगा कि अपने अंदर घुसके उस चीज को निकाले जिससे हम अपना बेस्ट दे सकते हैं। क्योंकि टोक्यो मेरा पहला ओलंपिक्स था और पहले ओलंपिक्स में ही बहुत ही अच्छा रिजल्ट रहा। गोल्ड जीता देश के लिए और उसका रीजन यही है कि मन में डर नहीं था। निडर होकर खेला। किसी से डरने या घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि वो भी इंसान है। कई बार हमको लगता है कि शायद यूरोपियन ज्यादा स्ट्रांग है या फिर यूएस कैथलिक या दूसरी कंट्रीज से ज्यादा स्ट्रांग है, लेकिन अगर हम खुद को पहचान ले कि हम इतनी मेहनत कर रहे हैं। अपने घर बार को छोड़ कर इतनी दूर हैं तो कुछ भी पॉसिबल है।
एयर राइफल शूटिंग में भाग लेने जा रही रमिता जिंदल ने कहा कि ‘वो ओलंपिक्स में जाने को लेकर बहुत उत्साहित है। स्टार्टिंग से ही उसका यह सपना था। काफी एक्साइटमेंट भी है और साथ में मोटिवेशन भी है कि देश के लिए मैं कुछ अच्छा करके आऊं।’
हरियाणा के रोहतक की रीतिका ने कहा कि ‘पहली बार जा रही हूं। एक्साइटमेंट भी बहुत है कि मैं अपना मैट पर प्रदर्शन दिखाऊंगी। पूरी देश की नजर मुझ पर होगी और सभी लोग दुआ भी कर रहे हैं। मैं भी अपना 100% दूंगी।’
चौथी बार ओलंपिक में हिस्सा लेने जा रही दीपिका कुमारी ने कहा कि ‘मैं बहुत एक्साइटेड हूं और काफी एक्सपीरियंस है तो मैं उस एक्सपीरियंस को यूज करना चाहूंगी और उसी जोश और उसी कॉन्फिडेंट के साथ रिप्रेजेंट करूंगी।’ दीपिका ने यह भी कहा कि ‘जो पहली बार जा रहे हैं इस टीम में उससे बोलूंगी कि डेफिनेटली कि एक्साइटमेंट बहुत ज्यादा होता है लेकिन उस चकाचौंध में वो ना घुसे। जितना हो सके खुद पर फोकस करें। एंजॉय करें पर पूरे फोकस के साथ, पूरे सेल्फ कॉन्फिडेंस के साथ। मैं यह बोलूंगी कि मेडल जीतना है तो उसके पीछे ना भागे वो परफॉर्म करें अच्छा परफॉर्म करें ताकि मेडल उनके पास आए।’
पीवी सिंधु ने कहा कि ‘ये उनका तीसरा ओलंपिक्स है। फर्स्ट ओलंपिक्स में 2016 में सिल्वर लेके आई थी और 2020 टोक्यो में ब्रोंज लेके आई थी। तो इस बार मेडल का रंग बदलना चाहेंगी। अभी बहुत एक्सपीरियंस से जा रही हूं और अपना बेस्ट देने के लिए जा रही हूं।’
प्रियंका गोस्वामी ने नरेन्द्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने पर बधाई देते हुए कहा कि ‘टॉप्स की तरफ से काफी सपोर्ट मिल रहा है। सरकार की मदद के कारण हम दूसरे देश में जाकर अपनी प्रैक्टिस कर रहे हैं तो उम्मीद है कि सभी खिलाड़ी ओलंपिक्स में अपना बेस्ट देंगे और ज्यादा मेडल लेकर आएंगे।’
निखत ने कहा कि ‘मैं बॉक्सिंग में 50 कैटेगरी में इंडिया को रिप्रेजेंट करने जा रही हूं। ओलंपिक्स में और यह मेरा पहला ओलंपिक्स है और मैं बहुत एक्साइटेड हूं। अपने आप को फोकस रख रही हूं क्योंकि पूरे देशवासियों का मेरे ऊपर एक्सपेक्टेशन है तो मैं उनकी उम्मीदों पर खड़े उतरना चाहती हूं। और अपने देश का नाम रोशन करके वापस लौटना चाहती हूं।’
शूटर सिफत ने कहा कि ‘खेलो इंडिया ने मुझे काफी हेल्प की है, क्योंकि दिल्ली में ट्रेनिंग करके और उस स्कीम में आके जो भी मेरा रिजल्ट आया तो खेलो इंडिया कारण आया।’ जबकि शूटर मनु भाकर ने कहा कि ‘ये उनका दूसरा ओलंपिक है। उन्होंने कहा कि मेरे लिए खेलो इंडिया ने और टॉप्स ने बहुत मेजर रोल प्ले किया है। आज मैं यहां हूं उसमें काफी हद तक उसका सहारा रहा है।’