संवाददाता
नई दिल्ली । एमसीडी स्कूलों में टीचर्स की भारी कमी बनी हुई है। हालत यह है कि ज्यादातर स्कूलों में एक क्लासरूम में एक से अधिक सेक्शन के बच्चों को बैठाना पड़ रहा है। इससे बच्चों की पढ़ाई तो प्रभावित हो ही रही है साथ ही टीचर्स को भी कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। एमसीडी के 1534 स्कूलों में 6.50 लाख से अधिक बच्चे पढ़ते हैं। पहली जुलाई से स्कूल खुलते ही इन स्कूलों में नए बच्चों के दाखिले भी शुरू हो जाएंगे। एडमिशन प्रक्रिया पूरी होने तक लगभग 1.50 लाख बच्चे और बढ़ जाएंगे। इक्का-दुक्का स्कूलों को छोड़कर ज्यादातर स्कूलों में टीचर्स की भारी कमी है।
एमसीडी स्कूलों में 800 प्रिंसिपल नहीं
पिछले एक साल के दौरान लगभग एक हजार टीचर्स टीजीटी प्रमोट होकर चले गए। एमसीडी स्कूलों में लगभग 800 स्कूलों में प्रिंसिपल नहीं हैं। फिलहाल इन स्कूलों में सीनियर टीचर्स को स्कूल इंचार्ज बनाया हुआ है। स्कूल खुलने के बाद एजुकेशन विभाग इन टीचर्स को प्रिंसिपल बनाने जा रहा है। इससे टीचर्स की संख्या और कम हो जाएगी। हालत यह है कि ज्यादातर स्कूलों में एक टीचर को दो सेक्शन के बच्चों को भी पढ़ाना पड़ रहा है।
टीचर्स की कमी को दूर करने का दिया आश्वासन
एमसीडी के एजुकेशन विभाग का भी मानना है कि इस समय टीचर्स की भारी कमी है। स्कूलों में टीचर्स की कमी को दूर करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। विभाग ने बताया कि एमसीडी के स्कूलों में अब नर्सरी क्लास से बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। स्कूलों में नर्सरी टीचर्स की कमी को पूरा करने के लिए डीएसएसएसबी को 1261 टीचर्स की डिमांड भेजी हुई है। इसके अलावा अभी हाल ही में 1147 प्राइमरी टीचर्स की डिमांड भी भेजी गई है। डीएसएसएसबी जैसे ही दोनों कैटिगरी के टीचर्स की भर्ती प्रक्रिया शुरू करेगा, स्कूलों में टीचर्स की कमी दूर हो जाएगी।