संवाददाता
अहमदाबाद । गुजरात के अमरेली में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को बड़ा झटका लगा है. अमरेली के दामनगर नगर पालिका के दो पार्षदों को पद से हटा दिया गया है और उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया है. दोनों पार्षद बीजेपी के सदस्य हैं, जिन्हें गुजरात नगर पालिका एक्ट 1963 का उल्लंघन करने के लिए अयोग्य घोषित किया गया है.
अमरेली जिला कलेक्टर अजय दहिया ने 20 मई को खीमाभाई दानाभाई कासोटिया और मेघनाबेन अरविंदभाई बोखा को शहरी स्थानीय निकाय के पार्षद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया है. खीमाभाई दानाभाई कासोटिया और मेघनाबेन अरविंदभाई बोखा दामनगर नगर पालिका के वार्ड नंबर दो और वार्ड नंबर तीन के सदस्य हैं, दोनों ने साल 2021 में दामनगर नागरिक निकाय चुनाव लड़ा था.
तीसरे बच्चे को लेकर की गई शिकायत
दोनों ही पार्षदों के खिलाफ उनके तीसरे बच्चे के जन्म को लेकर शिकायत दर्ज की गई थी, जिसमें बताया गया था कि साल 2021 के चुनाव के समय दोनों ही सदस्यों के 2 बच्चे थे, जिसके बाद दोनों पार्षदों में से एक का तीसरा बच्चा 10 मई 2023 और दूसरे पार्षद को 14 मार्च 2023 को हुआ. इस शिकायत की जानकारी के बाद कलेक्टर ने अपना आदेश जारी किया जिसमें कहा कि दोनों ही पार्षद पद के लिए अयोग्य हैं क्योंकि दोनों ने गुजरात नगर पालिका अधिनियम की धारा 11(1)(एच) का उल्लंघन किया है. दरअसल, इस एक्ट को साल 2005 में संशोधित किया गया था, जिसके मुताबिक, चुनाव जीतने के बाद जिन लोगों का तीसरा बच्चा पैदा हुआ है वो नगरपालिका के सदस्य बनने के लिए अयोग्य है.
दोनों ने आवेदन का किया विरोध
यह शिकायत 16 जनवरी को एक दामनगर के डायमंड पॉलिशर ने फाइल की थी, जिसके बाद से कलेक्टर ने इस एप्लीकेशन का जवाब दिया है और दोनों पार्षदों से रिकॉर्ड की मांग की है. खीमाभाई और मेघनाबेन ने इस आवेदन का विरोध करते हुए कहा है कि चुनाव के बाद तीसरे बच्चे के जन्म पर यह नियम लागू नहीं होता है, हालांकि कलेक्टर ने दोनों की याचिका खारिज कर दी है. खीमाभाई और मेघनाबेन पहली बार पार्षद बने थे. खीमाभाई ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मुझे इस नियम के बारे में नहीं पता था, लेकिन वह इसके बारे में पढ़ेगें और उसके बाद आगे की कार्रवाई करेंगे.
वहीं जहां एक तरफ दोनों सदस्य इस फैसले पर आपत्ति जता रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ मेघनाबेन के पति ने कहा कि उन्हें और उनकी पत्नी को इस नियम के बारे में पता नहीं था, लेकिन अगर ऐसा नियम है तो वह इस आदेश को पूरी तरह से मानते हैं.