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दिल्ली जल बोर्ड के पूर्व सलाहकार पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप, एंटी करप्शन ब्रांच ने दर्ज किया मामला

संवाददाता

नई द‍िल्‍ली। राजधानी में आम आदमी पार्टी सरकार की मुश्‍क‍िलें कम होती नहीं द‍िख रही हैं. ताजा मामला द‍िल्‍ली जल बोर्ड के पूर्व सलाहकार (हाइड्रोलिक्स एंड वॉटर बॉडीज) अंकित श्रीवास्तव के लेकर सामने आया है. अंक‍ित श्रीवास्‍ताव पर जल बोर्ड में सलाहकार के पद पर रहते हुए भ्रष्टाचार करने के गंभीर आरोप लगे हैं. इन आरोपों की जांच करने के बाद दिल्‍ली सरकार के व‍िज‍िलेंस ड‍िपार्टमेंट की ओर से गत 10 मई को एंटी करप्‍शन ब्रांच (एसीबी) में कंप्‍लेन की गई थी. अब एसीबी ने अब पूर्व सलाहकार अंकित श्रीवास्तव के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम, धोखाधड़ी व आपराधिक साजिश रचने समेत कई धाराओं में मामला दर्ज किया है. इसके साथ पूरे मामले की जांच को लेकर व‍ि‍शेष जांच दल (एसआईटी) का गठन भी किया है.

लोकसभा चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी सरकार के ख‍िलाफ खुलकर आ रहे एक के बाद एक कथ‍ित भ्रष्‍टाचार के मामलों ने, सरकार के सामने मुश्‍क‍िलें खड़ी कर दी हैं. सीएम अरव‍िंद केजरीवाल पहले ही द‍िल्‍ली की आबकारी नीत‍ि घोटाला मामले में अंतर‍िम बेल पर हैं. वहीं पार्टी के सीन‍ियर नेता और पूर्व ड‍िप्‍टी सीएम मनीष स‍िसोद‍िया पहले से ही जेल में बंद हैं और उन्हें दिल्ली की अदालत से अभी तक कोई राहत नहीं म‍िल पाई है. ऐसे में चुनाव के बीच अब दिल्ली जल बोर्ड के पूर्व एडवाइजर अंक‍ित श्रीवास्‍तव के भ्रष्टाचार से जुड़े मामले के सामने आने से पार्टी की छव‍ि को बड़ा नुकसान हो सकता है.

एंटी करप्‍शन ब्रांच के अध‍िकार‍ियों ने यह दावा क‍िया है क‍ि अब तक की जांच में पता चला है क‍ि जल बोर्ड में करोड़ों रुपये के घोटाले हुए हैं. पूर्व सलाहकार पर व‍िज‍िलेंस जांच में पता चला क‍ि अंकित श्रीवास्‍तव ने ब‍िना कार्यों के पूरा हुए फर्जी ब‍िलों/चालानों के आधार पर कॉन्‍ट्रैक्‍टर्स को करोड़ों रुपए का भुगतान करवा द‍िया. इतना ही नहीं, व‍िज‍िलेंस जांच में अंक‍ित श्रीवास्तव की मुख्‍यमंत्री कार्यालय में नियुक्ति करने की प्रक्रिया पर भी सवाल खड़े क‍िए गए. पूर्व सलाहकार पर अपने ससुर की कंपनी को रोहिणी एसटीपी के पास वॉटर बॉडी बनाने के काम से जुड़ी टेंडर प्रक्रिया के दौरान, अनुचित तरीके से फायदा पहुंचाने के गंभीर आरोप भी लगे हैं.

जांच में यह पता चला है क‍ि साइट पर भारी भरकम मशीनरी को पहुंचाने को इस्‍तेमाल की गई ज‍िस गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नंबर चालान में दिया गया, दरअसल वो एक कार का नंबर था. एसीबी का दावा है क‍ि पूर्व सलाहकार श्रीवास्तव के ससुर की कंपनी ने वॉटर बॉडी वाली साइट पर कोई मशीनरी तैनात नहीं की. इसको लेकर फर्जी बिल/चालानों को खेल खेला गया. साथ ही फर्जी चालान के आधार पर कंपनी को करीब 2.16 करोड़ रुपये की पेमेंट कर दी गई, ज‍िससे सरकारी राजस्‍व का बड़ा नुकसान हुआ. देखा जाए तो यह पूरा मामला 10 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट को एक्‍सटेंशन देने से लेकर उसको र‍िनोवशन की टेंडर प्रक्रिया से जुड़ा है, ज‍िसमें कथ‍ित तौर पर करोड़ों का घोटाला हुआ है. एसीबी की ओर से गठ‍ित एसआईटी इस मामले से जुड़े अन्य अफसरों और पूर्व सलाहकार के सहयोग‍ियों के बारे में भी जानकारी जुटाने में लगी है.

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