वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में बृहस्पतिवार को हुई कथित छेड़खानी के विरोध में धरना प्रदर्शन के बाद बीती रात पूरा परिसर छावनी में तब्दील हो गया। शनिवार की रात कुलपति आवास के पास पहुंचे छात्र और छात्राओं पर विश्वविद्यालय के सुरक्षाकर्मियों ने लाठी चार्ज कर दिया जिसमें कुछ विद्यार्थी घायल हो गए। छात्राओं का कहना है कि पुलिस ने उन पर भी लाठी चार्ज किया। इसके बाद छात्रों का गुस्सा भड़क उठा और उन्होंने सुरक्षाकर्मियों पर पथराव शुरू कर दिय। सभी विद्यार्थी संस्थान में बृहस्पतिवार को हुई कथित छेड़खानी के विरोध में धरना प्रदर्शन कर रहे थे।
विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी राजेश सिंह ने बताया कि कुलपति ने हालात के मद्देनजर तत्काल प्रभाव से विश्वविद्यालय को दो अक्तूबर तक बंद रखने का ऐलान किया है। उन्होंने घटना की जांच के लिए एक समिति का गठन भी किया है। उन्होंने कहा कि कुछ बाहरी अराजक तत्व हैं जो छात्राओं को आगे कर संस्थान की गरिमा को धूमिल करना चाहते हैं। सिंह ने बताया कि पुलिस प्रशासन विश्वविद्यालय में मौजूद है। हालात फिलहाल नियंत्रण में हैं। उन्होंने आशंका जतायी कि घटनाओं के मुद्देनजर पुलिस प्रशासन कुछ छात्रावासों को खाली भी करा सकती है। परिसर में हिंसा और तनाव को देखते हुए 25 थानों की पुलिस बुलाई गयी थी। हालात काबू में करने के लिए परिसर में घुसी पुलिस को छात्रावास के विद्याथिर्यों के कडे़ विरोध का सामना करना पड़ा।
पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े, हवा में गोलियां चलाईं तथा जवाबी पथराव भी किया। बताया जाता है कि इसी बीच छात्रों ने पेट्रोल बम भी फेके। हिंसा में जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक सदर, दो दरोगा तथा एक सिपाही सहित कई छात्र घायल हो गए। रात के दो बजते बजते पूरा विश्वविद्यालय परिसर छावनी में तब्दील हो गया। हालात को काबू में करने के लिए 25 थानों के पुलिस बल के साथ ही रामनगर और भुल्लनपुर छावनियों से आए पीएसी के जवान एवं जिले के आला पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर उपस्थित हैं।