संवाददाता
गाजियाबाद। पीएम नरेंद्र मोदी ने साल 2022 तक हर गरीब को घर देने का सपना पूरा करने का वादा किया था। इसके लिए 2018 में पीएम आवास योजना को लॉन्च भी किया, लेकिन अभी तक यहां एक भी गरीब को पीएम आवास योजना के तहत घर नहीं मिल सका। जीडीए ने कुछ जगह पर घर तो जरूर बनाकर तैयार कर दिए हैं, लेकिन यहां बिजली, पानी, सीवेज और अन्य तरह की सुविधाएं नहीं मिल सकीं। इस वजह से एक भी आवंटी को अभी तक घर पर कब्जा नहीं मिल सका है।
एक और नया पेच फंसा
एक हज़ार से अधिक आवंटियों के सामने घर नहीं मिलने की समस्या खड़ी है। अब इसमें एक नया पेच आ गया है। जीडीए ने पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक को बिजली का कनेक्शन दिए जाने के लिए पत्र लिखा गया था। लेकिन निगम ने स्पष्ट किया है कि अगर जीडीए की तरफ से इसके लिए पैसा दिया जाएगा तो बिजली कनेक्शन का काम शुरू करवाया जाएगा। इसके लिए मंडलायुक्त को निगम के एमडी ने पत्र लिखकर जीडीए को निर्देशित किए जाने के लिए कहा है।
तर्क दिया है कि हापुड़-पिलखुआ विकास प्राधिकरण ने पीएम आवास योजना के तहत आनंद विहार योजना में 408 भवनों में बिजली कनेक्शन के लिए अवस्थापना निधि 1 करोड़ 12 लाख 79 हजार रुपए पीवीवीएनएल में जमा करवाई है। साथ ही बुलंदशहर की ग्राम पंचायत रमपुरा में 160 दुर्बल आय वर्ग श्रेणी के भवनों के लिए वाह्य विद्युतीकरण के लिए 20 लाख रुपए बुलंदशहर विकास प्राधिकरण ने पीवीवीएनएल में जमा करवाया है।
12 करोड़ रुपये की है डिमांड
पीवीवीएनएल की प्रबंधक निदेशक चैत्रा वी की तरफ मेरठ मंडल की मंडलायुक्त को पत्र लिखकर जीडीए से 12 करोड़ रुपये जमा करवाने की बात कही है। कहा कि हापुड़-पिलखुआ और बुलंदशहर विकास प्राधिकरण की तरह ही जीडीए भी पीएम आवास योजना के नवनिर्मित भवनों के वाह्य विद्युतीकरण के कार्य के लिए पैसा जमा करवाना होगा, जिससे इस काम को करवाया जा सके।
जीडीए दे रहा है शासनादेश का हवाला
जीडीए के चीफ इंजीनियर मानवेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि जब पीएम आवास योजना की स्कीम लॉन्च हुई थी। तब यह शासनादेश आया था कि प्राधिकरण की ओर से इस योजना में भवन का निर्माण किया जाएगा। उसमें वाह्य विकास कार्य संबंधित विभागों की ओर से करवाया जाएगा। इसमें निगम, जल निगम, पीडब्लयूडी, बिजली विभाग समेत अन्य विभाग को अपने मद से कार्य करवाया जाना है।
विभागों के बीच फंसा मामला, आवंटी परेशान
पीएम आवास योजना के वाह्य विकास कार्य का मामला जीडीए और विभागों के बीच फंसा हुआ है। इसमें आवंटियों को परेशान होना पड़ रहा है। मधुबन बापूधाम आवासीय योजना और डासना में जीडीए ने पीएम आवास योजना बनाकर तैयार कर दिया है। लेकिन वाह्य विकास कार्य की वजह से कब्जा दिया जाना संभव नहीं है। इसकी वजह से आवंटियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आवंटियों का कहना है कि कब्जा तब दिया जाएगा जब भवन को पूरी तरह से जर्जर हालात में पहुंच जाएंगे।
बाकी विभाग भी कर सकते है डिमांड
अब जिस हिसाब से बिजली विभाग की तरफ से कनेक्शन के लिए जीडीए से पैसे की डिमांड की गई। ऐसे में बाकी विभाग भी पैसे की डिमांड कर सकते है। यदि ऐसा होता है तो पीएम आवास योजना पर कब्जा दिए जाने में काफी विलंब हो सकता है। क्योंकि जीडीए की आर्थिक हालात ऐसी नहीं है कि वह पीएम आवास योजना के विकास कार्य का खर्च भी वहन कर सके है। हाई लेवल पर भी इस समस्या के निस्तारण के लिए जीडीए पत्राचार कर रहा है।
यह की गई थी डिमांड
एरिया भवन कनेक्शन की लागत
नूरनगर 480 4.78 करोड़ रुपये
डासना 432 3.35 करोड़ रुपये
प्रताप विहार 1200 5.47 करोड़ रुपये
मधुबन बापूधाम 856 2.96 करोड़ रुपये
निवाड़ी 528 3.33 करोड़ रुपये