संवाददाता
अयोध्या। 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा से पहले 6 दिनों का अनुष्ठान चल रहा है. अनुष्ठान के तीसरे दिन गुरुवार को रामलला की अचल प्रतिमा को उनके स्वर्णजड़ित सिंहासन पर स्थापित किया जाएगा. साथ ही अधिवास, जलाधिवास और गंधाधिवास प्रक्रिया भी पूर्ण की जाएगी. इससे पहले बुधवार को मंदिर के गर्भगृह के सिंहासन की पूजा अर्चना की गई थी, साथ ही राम रक्षा मंत्र को स्थापित किया गया था.
आज गुरुवार को जल यात्रा भी होगी, इसमें सरयू से जल लेकर जाया जाएगा. इसके बाद अधिवास आयोजित होगा. अधिवास में मूर्ति को विभिन्न सामग्रियों में कुछ समय तक के लिए रखा जाता है. कहा जाता है कि मूर्ति पर शिल्पकार के औजारों से आई चोट अधिवास से ठीक हो जाती है और तमाम दोष भी खत्म हो जाते हैं.
अनुष्ठान के तीसरे दिन शाम को रामलला अपने सिंहासन पर स्थापित होंगे. इसके बाद जलाधिवास और गंधाधिवास होगा. जलाधिवास के तहत रामलला की अचल प्रतिमा को सरयू के जल से स्नान कराया जाएगा. इसके बाद गंधाधिवास के तहत भगवान की प्रतिमा को सुगंधित दर्व्यों के लेपन के साथ वास कराया जाएगा.
गौरतलब है कि 22 जनवरी को अभिजीत मुहूर्त में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होना हैं. इस अनुष्ठान के मुख्य यजमान खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी होंगे. मिल रही जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री 21 जनवरी की शाम ही अयोध्या पहुंच सकते हैं. 22 जनवरी की सुबह प्रधानमंत्री सरयू में स्नान कर सकते हैं. फिर सरयू का जल लेकर पैदल ही मंदिर के लिए निकलेंगे.