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फर्जी पहचान पत्र से दोपहिया वाहनों का फाइनेंस कराने वाले गिरोह का भंडाफोड,  तीन जालसाज गिरफ्तार, तेरह दोपहिया वाहन भी बरामद

विशेष संवाददाता

नई दिल्‍ली । दिल्‍ली पुलिस की स्‍पेशल सेल की आईएफएसओ ईकाई ने फर्जी प्रमाण व पहचान पत्रों के आधार पर फाइनेंस कंपनियों से दुपहिया वाहन फाइनेंस कराने वाले एक गिरोह के मास्‍टर माइंड समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। उनके कब्‍जे से फर्जी तरीके से  फाइनेंस कराए गए 13 दुपहिया वाहन भी बरामद किए है।   

डीसीपी हेमंत तिवारी ने बताया कि ओटीओ कैपिटल (एक वित्त कंपनी जो दोपहिया वाहनों के लिए ऑनलाइन ऋण प्रदान करती है) से एक शिकायत प्राप्त हुई थी, कि कंपनी ने फरवरी 2023 से मई 2023 की अवधि के दौरान 35 दोपहिया वाहनों को फाइनेंस किया था। हालांकि, बाद में यह पाया गया कि फर्जी आईडी, फोटो और वीडियो कॉल पर वर्चुअल सत्यापन के समय फर्जी दस्तावेज अपलोड करके ऋण प्राप्त किया गया। शिकायत प्राप्त होने पर प्रारंभिक जांच की गई और उसके बाद, स्पेशल सेल में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की गई। मामलें की जांच के लिए एसआई सुमित कटारिया के नेतृत्व में एक टीम बनाई गई, जिसमें हैड कांस्‍टेबल मंजीत और मनोज कुमार शामिल थे।

मामले में तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए साइबर विशेषज्ञों की एक टीम को भी शामिल किया गया था। प्रारंभ में  जांच के दौरान, यह पता चला कि मोबाइल नंबरों के माध्यम से विभिन्न डीलरों से आरोपी व्यक्तियों को वाहन सौंपे गए थे, जिनसे ओटीओ कैपिटल से ऋण के लिए आवेदन किया गया था। इन नंबरों के कॉल डिटेल रिकॉर्ड का विश्लेषण किया गया तो पता चला कि ये मोबाइल नंबर अंकित और हर्ष के नियमित संपर्क में थे। आगे यह भी पता चला कि अंकित और हर्ष  अन्य सह-अभियुक्तों के साथ, वाहनों को वित्तपोषित करने के लिए आधार कार्ड, पैन कार्ड आदि सहित जाली और नकली दस्तावेजों का उपयोग करके एक सिंडिकेट चला रहे थे। इसके बाद आरोपी अंकित पुत्र धर्मपाल सिंघल निवासी ग्राम गुढ़ा, जिला. सोनीपत को मामले में गिरफ्तार किया गया था।  आरोपी से लगातार पूछताछ करने पर पता चला कि अंकित के पास इंग्लिश ऑनर्स में मास्टर्स की डिग्री है। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और COVID-19 के दौरान, उन्होंने ब्याज के आधार पर ऋण देने का व्यवसाय शुरू किया। उस अवधि के दौरान  वह गुलाबी बाग, दिल्ली के समीर उर्फ रॉकी के संपर्क में आया, जिसने ओटीओ कैपिटल नामक कंपनी के माध्यम से जाली और नकली दस्तावेजों पर ऋण के माध्यम से वाहन प्राप्त करने की योजना शुरू की।  जिसमें ज्यादातर दोपहिया वाहन थे। अंकित ने समीर को फाइनेंस करना शुरू किया और फर्जी नामों पर 35-40 दोपहिया वाहन जारी कराए और उन्हें लाभ के आधार पर निसार नामक व्यक्ति को बेच दिया।

इसके अलावा अंकित की निशानदेही पर मामले में आरोपी निसार पुत्र गुलजार अहमद निवासी न्यू सीलमपुर, दिल्ली को गिरफ्तार कर लिया गया। उसने खुलासा किया कि उन्होंने फाइनेंस कराए वाहनों को बेचने की व्यवस्था की थी। इसके बाद मामले में दूसरे आरोपी समीर मनोठिया उर्फ रॉकी निवासी गुलाबी बाग, दिल्ली को भी गिरफ्तार कर लिया गया। उसने खुलासा किया कि उसने अंकित और निसार की मदद से पूरी साजिश रची और उसे अंजाम दिया।

गौरतलब है कि गिरफ्तार सभी आरोपी पहले भी आपराधिक मामलों में शामिल रहे हैं। गिरफ्तार आरोपियों के पास से एक रॉयल एनफील्ड मोटरसाइकिल सहित कुल 13 दोपहिया वाहन और मामले से संबंधित प्रासंगिक विवरण वाले दो मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं।

आरोपी व्यक्तियों के अन्य सहयोगियों की गिरफ्तारी के लिए आगे की जांच जारी है।

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