संवाददाता
नई दिल्ली। अगर दिल्ली मेट्रो में आप सफर करते हैं तो इस खबर से बाखबर हो जाइए। दिल्ली मेट्रो परिसर में अपराध करने वाली महिलाओं की संख्या में पिछले साल की तुलना में बड़ी बढ़ोतरी हुई है। दिल्ली पुलिस के आंकड़े के अनुसार, पिछले साल मेट्रो में चोरी करने वाली महिलाओं की संख्या महज 44 थी जो इस साल दिसंबर महीने तक बढ़कर 83 हो गई है।
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार महिलाओं में से 77 को चोरी के आरोप में अरेस्ट किया गया है। जबकि पिछले साल चोरी के आरोप में 38 महिलाओं को गिरफ्तार किया गया था। अन्य महिलाओं को आईपीसी और आर्म्स ऐक्ट की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया था। डेटा के अनुसार, इस साल मेट्रो में 4,600 से ज्यादा चोरियों की रिपोर्ट दर्ज की गई थी। पिछले साल चोरी के 2,700 मामले आए थे।
4-8 महिलाओं का गैंग
एक वरिष्ठ अधिकारी ने महिला चोरों की कारगुजारियों के बारे में बताते हुए कहा कि 4 से 8 महिलाओं का एक ग्रुप मेट्रो में इस तरह की हरकतों को अंजाम देते हैं। इन महिलाओं का टारगेट यात्रियों का सामान देखकर तय होता है। इन महिलाओं का मुख्य टारगेट कैश और ज्वैलरी होता है।
चोरी का तरीका भी जान लीजिए
अधिकारी ने बताया कि इन चोरी को तब अंजाम दिया जाता है जब यात्री मेट्रो में चढ़ रहे होते हैं या फिर उतर रहे होते हैं। वो अपने टारगेट के आसपास मंडराते रहते हैं और उनका ध्यान भटकाते हैं। इसी दौरान गैंग की दूसरी महिला यात्री का सामान खोलकर उसमें रखे पर्स और ज्वैलरी लेकर रफूचक्कर हो जाती हैं। अधिकारी ने बताया कि यात्रियों को सतर्क रहने की सलाह दी जाती है। यही नहीं यात्रियों के किसी सहयात्री की संदिग्ध गतिविधियों को तुरंत पुलिस को बताने के लिए कहा जाता है।
ऐसे लोग बनते हैं निशाना
पुलिस ने बताया कि चोरनियों का गैंग अक्सर वैसे लोगों को निशाना बनाते हैं जो किसी मेट्रो स्टेशन पर लाइन बदलते हैं या दूसरे रूट की मेट्रो पकड़ते हैं। क्योंकि इन जगहों पर काफी भीड़ होती है। ये चोरनियां सुबह के 11 बजे ट्रेन में चढ़ती हैं और तबतक ट्रेन बदलते रहती हैं जबतक उनका शिकार नहीं मिल जाता है। इसमें वो शाम के 5 बजे तक लगी रहती हैं। ये गैंग दिन में एक से दो चोरियों को अंजाम देती हैं। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि गैंग में नए-नए चेहरों की भी एंट्री होती रहती है।
ब्लू लाइन मेट्रो में सबसे ज्यादा शिकार
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि अभी हम 7-8 गैंग की गतिविधि को ट्रैक कर रहे हैं। अन्य जांच एजेंसियों को भी इन गैंग्स के बारे में बताया गया है। उनको इन चोरनियों की फोटो दी गई है। ऐसे में अगर ये चोरनियां किसी मेट्रो परिसर में दिखती हैं तो हम एक-दूसरे के अलर्ट कर देते हैं। अधिकारी ने बताया कि सबसे ज्यादा शिकार ब्लू लाइन मेट्रो में ये गैंग करता है।
डीसीपी मेट्रो राम गोपाल नाइक ने बताया कि पुलिस ने चोरों के हॉटस्पॉट की पहचान कर ली है। उन्होंने बताया कि इन जगहों पर हमने चोरों को पकड़ने के लिए अधिकारियों की वर्दी और सादे कपड़ों में तैनाती कर रखी है। उन्होंने बताया कि बार-बार चोरी करने वालों की तस्वीरें हमने अधिकारियों को दे रखा है। हमारी कोशिश इस गैंग के और लोगों को गिरफ्तार करने की है।
यूं करते हैं चोरी
-4-8 महिलाओं का ग्रुप यात्रियों के सामान के अधार पर अपने शिकार की तलाश करते हैं।
-इन गैंग का मुख्य निशाना कैश और ज्वैलरी होता है।
-जब यात्री ट्रेन से उतरते या चढ़ते हैं तब ये गैंग शिकार करता है।
-ये अपने शिकार के आसपास घेरा बनाकर खड़े हो जाते हैं। इसके बाद इसी गैंग का दूसरा सदस्य शिकार के बैग से कैश और ज्वैलरी पर हाथ साफ कर देते हैं।
पुराने मामले
-अगस्त में सिविल लाइंस मेट्रो स्टेशन पर एक 68 साल के बुजुर्ग के बैग से चोरी करते 3 महिलाओं को गिरफ्तार किया गया।
-अगस्त में ही 5 महिला चोरों को रजौरी गार्डन मेट्रो स्टेशन से एक शख्स के बैग से चोरी करते पकड़े गया था।
-राजीव चौक मेट्रो स्टेशन से चार महिलाओं को यात्रियों के सामान से कीमती सामान चोरी करने के आरोप में पकड़ा गया था।
कब कितने गिरफ्तार
साल | गिरफ्तारी |
2022 | 44 |
2023 | 83 |
चोरी के आरोप में कितने गिरफ्तार
साल | गिरफ्तारी |
2022 | 38 |
2023 | 77 |
चोरी के कितने केस
साल | केस |
2022 | 4,600 |
2023 | 2,700+ *18 दिसंबर 2023 तक का डेटा |