संवाददाता
गाजियाबाद । गाजियाबाद कमिश्नरेट में बड़े स्तर पर थाना प्रभारियों के स्थानांतरण किए गए हैं। एक इंस्पेक्टर का थाने से थाने में तबादला किया गया है, जबकि अन्य को पुलिस लाइन से थाना प्रभारी बनाया गया है। नोएडा में तैनात रह चुके दो इंस्पेक्टरों को भी गाजियाबाद में थाने का प्रभार सौंपा गया है। कुल आठ इंस्पेक्टरों का तबादला कर नए थाने दिए गए हैं।
आठ थानों में नए प्रभारी
गाजियाबाद में आठ इंस्पेक्टरों को जिम्मेदारी देते हुए थाना प्रभारी बनाया गया है। इनमें ऐसे इंस्पेक्टर भी शामिल हैं, जिनका तबादला दूसरे जिले से गाजियाबाद किया गया था। नोएडा से ट्रांसफर होकर गाजियाबाद आए अनिल कुमार राजपूत और जितेंद्र सिंह दीक्षित को भी थाने का प्रभारी बनाया गया है। जिन इंस्पेक्टरों को थाने की जिम्मेदारी दी गई है। उनके नाम इस प्रकार हैं। इंस्पेक्टर राजकुमार गिरी पुलिस लाइन से प्रभारी निरीक्षक टीला मोड़, इंस्पेक्टर दिनेश कुमार सिंह पुलिस लाइन से प्रभारी निरीक्षक कोतवाली, इंस्पेक्टर जितेंद्र सिंह दीक्षित पुलिस लाइन से प्रभारी निरीक्षक इंदिरापुरम, इंस्पेक्टर अनिल कुमार राजपूत पुलिस लाइन से प्रभारी निरीक्षक लोनी, इंस्पेक्टर अनुराग शर्मा पुलिस लाइन से प्रभारी निरीक्षक विजयनगर, इंस्पेक्टर सुभाष चंद्र पांडे पुलिस लाइन से प्रभारी निरीक्षक मोदीनगर, इंस्पेक्टर प्रभुदयाल पुलिस लाइन से प्रभारी निरीक्षक भोजपुर, इंस्पेक्टर रामगोपाल सिंह थाना अध्यक्ष लोनी से थाना अध्यक्ष अंकुर में तैनाती दी गई है।
मुकदमें के आरोपी इंस्पेक्टर की नियुक्ति पर सवाल
नॉएडा के बिसरख थाने के प्रभारी इंस्पेक्टर अनिल राजपूत सहित 6 पुलिसकर्मियों पर अक्टूबर माह में एफआईआर दर्ज हुई थी। आरोप है कि कुछ महीने पहले इन पुलिकर्मियों ने एलएलबी के एक छात्र को फर्जी मुकदमा लगाकर जेल भेजा था, बाद में रिहाई के बाद उसने सीएम योगी से मिलकर इसकी शिकायत की थी और यूपी सीएम के आदेश पर एफआईआर दर्ज हुई थी । बिसरख थाने से पहले अनिल राजपूत बीटा 2 कोतवाली के इंचार्ज थे जहाँ एलएलबी छात्र के साथ ये घटना घटी। अब नोएडा से गाज़ियाबाद तबादले के बाद अनिल राजपूत को लोनी थाने का इंचार्ज बनाये जाने पर सवाल उठ रहे है।