संवाददाता
गाजियाबाद। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम से एक दिन पूर्व फुल ड्रेस रिहर्सल की गई है। कल यानी 20 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) RapidX ट्रेन का उद्घाटन करने जा रहे हैं। तैयारियों का जायजा लेने के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद गाजियाबाद पहुंचे।
सीएम योगी (CM Yogi) ने जनसभा स्थल पहुंचकर वहां मौजूद अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए। सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ गाजियाबाद से सांसद जनरल वीके सिंह भी मौजूद थे।
बंगाल के फूलों से होगा प्रधानमंत्री का अभिनंदन
रैपिडएक्स स्टेशन को अंदर और बाहर से बंगाल के फूलों से सजाया जा रहा है। मंच भी फूलों से सजेगी। चारों ओर बंगाल के खूबसूरत फूलों की खुशबू महकेगी। रैपिडएक्स स्टेशन को सजाने के लिए बंगाल से करीब 20 कुंतल गेंदे के फूल मंगाए गए हैं।
गुलाब, लिली व आर्किड के 15 कुंतल फूल मंगाए जा चुके हैं। शुक्रवार सुबह इनकी महक महसूस की जा सकेगी। सजावट के लिए कारीगर जुटे हुए हैं। इनमें जरबेरा, गुलाब, जिप्सी गेंदा, आर्किड, रजनीगंधा, गुलबहार आदि फूल का इस्तेमाल किया जा रहा है।
डेकोरेशन के लिए ड्रेसिना का पत्ता, बकुल का पत्ता, विक्टोरिया पत्ता का इस्तेमाल किया जा रहा है। देर रात या सुबह ताजे फूलों को मंच पर लगाने की भी योजना है। बंगाल के अलावा गाजीपुर से भी कुछ खास फूल मंगाए गए हैं। बंगाल व गाजीपुर के कुल 50 कुंतल फूलों की छटा बिखरेगी।
50 से अधिक बंगाल के कारीगर कर रहे सजावट
रैपिडएक्स स्टेशन को अंदर से सजाया जा रहा है। अंदर सजावट का कार्य पूरा होने के बाद रैपिडएक्स स्टेशन के तीनों गेटों, स्टेशन के अंदर कामन एरिया व सीढ़ियों पर रंगोली बनेगीं। बंगाल के 50 से अधिक कारीगर लगे हुए हैं। बुलंदशहर व बिजनौर के कारीगर भी सजाने का काम कर रहे हैं।
बाहर से फूल लाने पर रहेगी पाबंदी
बंगाल से जो फूल लाए गए हैं। सभी कार्यों में उन्हीं फूलों का उपयोग किया जाएगा। बाहर से मंच व रैपिडएक्स स्टेशन के अंदर फूल लाने की अनुमति नहीं रहेगी। स्वागत से लेकर मंच सजाने तक सभी कार्य बंगाल से आए फूलों से ही किया जाएगा। प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, राज्यपाल से लेकर सभी जनप्रतिनिधियों का स्वागत इन्हीं फूलों से किया जाएगा। इसके लिए बुके तैयार किए जा रहे हैं।
क्यों खास होते हैं बंगाल के फूल
बंगाल के क्षीराई क्षेत्र में स्थित एक पर्यटक आकर्षण स्थल है। यह फूलों के लिए प्रसिद्ध है। यहां गेंदें, क्रिसेंथेमम इत्यादि के फूलों बहुतायत है। यहां के लोगों की आर्थिक क्रियाएं भी बागवानी से जुड़ी हुई हैं। इसे फूलों की घाटी के नाम से जाना जाता है। यहां के फूलों को अन्य जगहों के मुकाबले खुशबू लिहाज से बेहतर माना जाता है।