किसी के भी भ्रम में ना आएं, जन्माष्टमी का पर्व 7 सितंबर को ही मनाएंः श्रीमहंत नारायण गिरि
जन्माष्टमी का पर्व उस दिन मनता है जिस मथुरा में जन्माष्टमी मनाई जाती है
इस बार मथुरा में जन्माष्टमी 7 सितंबर को मनाई जाएगी
गाजियाबाद। श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर, श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के अन्तर्राष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली सन्त महामण्डल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमंहत नारायण गिरि ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को लेकर किसी भी प्रकार कोई भ्रम नहीं है। भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव 7 सितंबर को गाजियाबाद, दिल्ली-एनसीआर ही नहीं पूरे देश व पूरे विश्व में धूमधाम, हर्षोल्लास व श्रद्धाभाव से मनाया जाएगा।
श्रीमहंत नारायण गिरि ने कहा कि कुछ ऐसे तथाकथित लोग जो अधूरा ज्ञान होने के बाद भी खुद को ज्ञानी बताते हैं, वे कृष्ण जन्माष्टमी पर्व को लेकर भ्रम बनाने का प्रयास कर रहे हैं और इसके लिए सोशल मीडिया का सहारा ले रहे हैं, मगर देश की जनता समझदार है, वह जानती है कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व हमेशा से ही उस दिन मनता है, जिस दिन उनकी जन्मस्थली मथुरा में यह पर्व मनाया जाता है। इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मथुरा में 7 सितंबर को मनाया जाएगा तो गाजियाबाद के सभी मंदिरों में 7 सितंबर को ही यह मनाया जाएगा।
दिल्ली-एनसीआर हो देश का कोई अन्य राज्य या फिर विदेश हो, सभी जगह 7 सितंबर को ही श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व श्रद्धाभाव से मनाया जाएगा। अतः शिव उपासक हों या शक्ति उपासक हों, या फिर भगवान राम, भगवान कृष्ण या फिर भगवान विष्णु के उपासक हों सभी किसी के भी भ्रम में ना आकर 7 सितंबर को ही यह पर्व मनाएं और व्रत रखें। उस दिन पर्व मनाने से भगवान कृष्ण सभी भक्तों के संकटों को हर लेंगे और उनका कल्याण करेंगे। श्रीमहंत नारायण गिरि ने कहा कि जिस प्रकार रामनवमी पर्व अयोध्या के अनुसार निर्धारित होता है, उसी प्रकार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मथुरा के अनुसार निर्धारित होता है।
मथुरा में इस बार 7 सितंबर को यह पर्व मनाया जा रहा है अतः सभी भक्त बिना किसी भ्रम के 7 सितंबर को ही यह पर्व मनाएं। भगवान श्रीकृष्ण ने धर्म की रक्षा, दुराचारियों व अत्याचारियों के वध के लिए पृथ्वी पर अवतार लिया था और धर्म की रक्षा के लिए उन्होंने अपने मामा कंस का भी वध कर दिया था। गीता में उन्होंने कहा भी है जो धर्म विरोधी है, उसका नाश करने में कोई हर्ज नहंीं है। अतः धर्म व सत्य मार्ग के पर चलते हुए भगवान श्रीकृष्ण से प्रेरणा लेकर अपने समाज व देश को मजबूत करें। भगवान श्रीकृष्ण पूरे विश्व की प्रेरणा ही नहीं पूरे विश्व के गुरू भी हैं, अतः उनके बताए मार्ग पर चलकर ही हम मानवता व विश्व का कल्याण कर सकते हैं।