संवाददाता
नई दिल्ली । गाजियाबाद हिंडन नदी में आई बाढ़ से पर्यावरण सेतु (पुल) के बहने का खतरा हो गया है। दरअसल, ये पुल नदी के ऊपर बना है और इसमें अब जलकुंभी फंस गई हैं। इस वजह से बाढ़ का पानी आगे न बढ़कर सिटी फॉरेस्ट एरिया सहित आसपास के गांवों में घुस गया है। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने सिंचाई विभाग को पत्र लिखकर जलकुंभी हटवाने की मांग की है, ताकि पानी का बहाव बना रहे।
सिटी फॉरेस्ट में आने-जाने के लिए बना था लोहे का पुल
गाजियाबाद में हिंडन नदी के किनारे गांव करहैड़ा के निकट प्राधिकरण ने 150 एकड़ जमीन पर सिटी फॉरेस्ट एरिया विकसित किया है। इसमें तमाम प्रकार की सुविधाएं नागरिकों हेतु उपलब्ध हैं। हर रोज तीन से चार हजार लोग इस एरिया में घूमने के लिए आते हैं। सिटी फॉरेस्ट में आने वालों के लिए हिंडन नदी के ऊपर एक पर्यावरण सेतु (पुल) बनाया गया था, जो लोहे से निर्मित है।
जलकुंभी निकालने को सिंचाई विभाग को लिखी चिट्ठी
गाजियाबाद प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया, इस पुल के नीचे जलकुंभी और मरे हुए पशु फंस जाते हैं, जिन्हें समय-समय पर प्राधिकरण द्वारा निकाला भी जाता है। वर्तमान में बाढ़ के चलते सारी जलकुंभी इकट्ठा होकर इसी पुल के नीचे फंस गई है। बाढ़ के तेज बहाव में कर्मचारी उसको निकालने का रिस्क नहीं ले पा रहे हैं। ऐसे में बाढ़ का पानी पुल से आगे अपनी गति से नहीं बढ़ रहा और वो करहैड़ा व सिटी फॉरेस्ट एरिया में घुसा जा रहा है। इससे पुल के बहने की आशंका बनी हुई है। प्राधिकरण ने सिंचाई विभाग आगरा कैनाल के अधिशासी अभियंता को पत्र भेजा है और पुल के नीचे से जलकुंभी निकलवाने के लिए कहा है।
बाढ़ से प्रभावित 7 हजार लोग बाहर निकाले
गाजियाबाद में हिंडन नदी की बाढ़ से प्रमुख रूप से तीन गांव प्रभावित हैं। इन गांवों से सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक करीब 7 हजार लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। NDRF, PAC, पुलिस, प्रशासन की अलग-अलग टीमें लोगों को रेस्क्यू करने में जुटी हुई हैं। बड़ी संख्या में ऐसे भी लोग हैं, जो घर से सामान चोरी होने के डर से शेल्टर होम में नहीं जाना चाहते। ये लोग घर की छतों पर पनाह लिए हुए हैं। इनसे बार-बार बाहर निकलने के लिए भी कहा जा रहा है।