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पैरोल लेकर फरारी काट रहा हत्‍या में शा‍मिल उम्रकैद की सजा का आरोपी गिरफ्तार

संवाददाता

नई दिल्‍ली। अपराध शाखा की दक्षिणी रेंज टीम ने भगोड़े अपराधी सोनू उर्फ  हेमराज को गिरफ्तार किया है।  38 वर्षीय सोनू  संगम विहार, दिल्ली का रहने वाला और  संगम विहार, दिल्ली में दर्ज एक मामले में गिरफ्तार हांने के बाद पैरोल पर रिहा किया गया था । लेकिन उसने निर्धारित समय पर समर्पण नहीं किया | उसे कोर्ट  ने आजीवन कारावास की सजा दी थी और दिल्ली उच्च न्यायालय ने भी उसकी सजा को बरकरार रखा था।

अपराध शाखा के उपायुक्त अंकित सिंह

अपराध शाखा के स्‍पेशल कमिश्‍नर रविन्‍द्र सिंह यादव ने बताया कि दिनांक 28-29  नवंबर 2010 की रात को संगम विहार के सी-ब्लॉक के सरकारी स्कूल के पास एक लड़के को चाकू मारने की सनसनीखेज घटना घटित हुई थी। पीड़ित को एम्स ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, जहां गंभीर चोटों के कारण उसने अपना दम तोड़ दिया। इस सम्बन्ध में संगम विहार थाने में हत्‍या का मामला दर्ज किया गया था। जांच के दौरान तीन आरोपियों सोनू उर्फ हेमराज, मुकेश उर्फ हड्डी और एक ज्‍यूवेनाइल  को पकड़ा गया था।  न्यायालय ने आरोपी सोनू उर्फ हेमराज को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। कोविड-19 महामारी के दौरान उच्च न्यायालय दिल्ली ने उसे पैरोल दी थी।  एक जून 2021  सोनू जेल से रिहा हुआ और वह तब से फरार चल रहा था।

ऐसे भगोड़े अपराधियों  जिन्होंने कोविड -19 महामारी के दौरान न्यायालय द्वारा दी गई फरलो/पैरोल पूरी करने के बाद जेल अधिकारियों के समक्ष समर्पण नहीं किया है उन सभी के खिलाफ एक अभियान शुरू किया गया। एएसआई विजुमोन को भगोडे अपराधी सोनू उर्फ हेमराज के बारे में गुप्त सूचना मिली कि वह डीडीए फ्लैट्स, लाडो सराय, महरौली के पास आने वाला है। अगर समय पर कार्यवाही की जाये तो उसे वहाँ से पकड़ा जा सकता है |

अपराध शाखा के उपायुक्त अंकित सिंह ने एसीपी नरेश सोलंकी की देखरेख में  निरीक्षक विजय पाल दहिया के नेतृत्व में टीम का गठन किया। जिसमें एसआई राजेश, एएसआई विजुमोन, सिपाही विपिन और महिला सिपाही शोभा शामिल थे |

सूचना के आधार पर टीम द्वारा डीडीए फ्लैट्स, लाडो सराय, महरौली, दिल्ली के पास जाल बिछाया गया और आरोपी को पकड़ लिया गया। हत्या व लूट के मामले उसकी भागीदारी की पुष्टि करने के बाद उसे तिहाड़ सेंट्रल जेल के अधिकारियों को सौंप दिया गया।

आरोपी सोनू उर्फ हेमराज (38)  निवासी संगम विहार ने पैरोल पर दी गई रिहाई के बाद अपना हुलिया बदलाा और   पंजाब व उत्तर प्रदेश के मंदिरों और गुरुद्वारों में रहता था जहां वो इलेक्ट्रीशियन के रूप में काम करता था।

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