संवाददाता
गाजियाबाद। गाजियाबाद की पूर्व मेयर आशा शर्मा के पति और शहर के जाने में माने समाजसेवी के के शर्मा ने जिलाधिकारी को पत्र लिख गली मोहल्लों में लाउडस्पीकर सामान बेचने वाले वेंडर के खिलाफ ध्वनि प्रदूषण के आरोप में कार्रवाई करने की मांग की है।
सोशल चौकीदार नाम की संस्था के संस्थापक के के शर्मा ने जिलाधिकारी आर के सिंह को पत्र लिखकर याद दिलाया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के आदेश पर ध्वनि प्रदूषण खत्म करने के लिए मंदिरों व मस्जिदों पर लगे लाउडस्पकीर उतरवा दिए गए है। उन्होंने पत्र लिखकर शिकायत की है कि अब हर गली, हर सडक पर फेरी लगाकर सामान बेचने वाले लोग माइक व लाउडस्पीकर का इस्तेमाल कर रहे है और घरों के आस पास ध्वनि प्रदूषण का स्तर बढा रहे हैं।
कई बार तो एक ही कालोनी में एक ही समय में 8 ये 10 लाउडस्पीकर बजने लगते हैं। जिससे कालोनी में रहने वाले लोगों को बेहद असुविधा होती है। उन्होंने पुलिस आयुक्त व सिटी मजिस्ट्रेट को भी पत्र लिखकर ध्वनि प्रदूषण फैलाने वाले फेरी वालों के लाउडस्पीकर व माइक पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है।
सोशल चौकीदार संस्था के संस्थापक केके शर्मा अक्सर जरूरतमंदों की मदद के लिए आगे आते है। चाहे कोरोना संकट के समय राशन सामग्री या सैनिटाइजर या मास्क बांटने का मामला हो या किसी गरीब कन्या की शादी में मदद की गुजारिश हो, सोशल चौकीदार के के शर्मा हमेशा मदद के लिए आगे रहते हैं। कोरोना काल में सोशल चौकीदार से शिब्बनपुरा निवासी एक गरीब व्यक्ति मुकेश महतो ने अपनी पुत्री कोमल की शादी में सामान आदि देने की गुजारिश की तो के के शर्मा ने कोमल की मां को आर्थिक सहायता के अलावा कोमल को घर संसार चलाने के लिए सामान दिया। इसी तरह सोशल चौकीदार ने एक बार एक ऑटो चालक की स्टंट डलवाने में मदद की थी।
सोशल चौकीदार संस्था भू-माफिया के खिलाफ भी निरंतर आवाज उठा रही है। उन्होंने कई भूमाफियाओं की शिकायत करके सरकारी भूमि को उनके कब्जे से मुक्त कराया। सोशल चौकीदार के के शर्मा ने इस बार जो जनसरोकारी मुद्दा उठाया है उससे शहर की आम जनता काफी पीडित है। इतना ही नहीं इस मुद्दे पर जन प्रतिनिधि भी चुप्पी साधे रहते है और पुलिस भी इस मामले में कोई कदम नहीं उठाती। लेकिन के के शर्मा ने जो मुद्दा उठाया है उसमें जनता की परेशानी छिपी है।
रेहडी व फेरी लगाकर लाउडस्पीकर व माइक से सामान बेेेेचने वाले विरोध करने पर कई बार कालोनी में रहने वालों से अपनी गरीबी और उत्पीडन करने की दुहाई देकर झगडा करने पर उतारू हो जाते हैं।