चुनाव से पहले विशेष खबर के प्रधान संपादक से मुलाकात कर लिया था जीत का मंत्र, लोगों की सेवा भी काम आई
विशेष संवाददाता
गाजियाबाद। नगर निगम चुनाव में इस बार कई इलाकों से ऐसे नतीजे समाने आए हैं जहां बड़े- बडे़ दिग्गज धराशायी हो गए। वार्ड 96 से भाजपा के पच्चीस साल से लगातार पार्षद बनकर जीत हासिल करते अनिल स्वामी को भाजपा से ही बागी होकर निर्दलीय जन उम्मीदवार अजीत निगम ने हरा दिया। पिछले निगम चुनाव में अजीत निगम मामूली अंतर से चुनाव हार गए थे। लेकिन जनता से दुव्यवहार करने वाले और जीत के बाद अक्सर कनाडा में वक्त बिताने वाले अनिल स्वामी को इस बार लगातार जीत का अहंकार भारी पड गया। जबकि पिछला चुनाव हारने के बावजूद अजीत निगम ने जनता से नाता नहीं तोडा और हार के बावजूद एक पार्षद की तरह लोगों की मदद करते रहे।
वार्ड 96 से भाजपा के 25 साल पुराने सभासद को चुनाव हराने वाले अजीत निगम को चुनाव लडाने में क्षेत्र की जनता ने अहम भूमिका निभाई। अजीत निगम ने खासकर नेहरूनगर अशोक नगर के उन इलाकों जहां अनिल स्वामी के समर्थक रहते थे, वहां उन्होंने एक एक वोटर से व्यक्तिगत मुलाकात कर पिछले कुछ सालों में भाजपा पार्षद अनिल स्वामी द्वारा क्षेत्र को लेकर किए गए कार्यो की बाबत पूछा तो उन्हें लोगों की स्वामी के प्रति नाराजगी का पता चला। अजीत निगम ने वहीं क्षेत्र के लोगों के बीच पिछले पांच साल में अपने द्वारा किए गए काम से लोगों को प्रभावित किया जिसके परिणाम स्वरूप लोगों ने उन्हें क्षेत्र का पार्षद चुना।
निर्दलीय पार्षद चुने गए अजीत निगम ने नामांकन के बाद विशेष खबर मीडिया समूह के नेेेहरू नगर सेकेंड स्थित प्रशासनिक कार्यालय में आकर प्रधान संपादक विनीत कांत पाराशर से मुलाकात कर उन्हें पुष्प गुच्छ भेंट किए और जीत का आर्शीवाद लेकर जीत का चुनाव की रणनीति तैयार की थी। विशेष खबर से बातचीत में अजीत निगम ने कहा था कि अगर क्षेत्र की जनता ने उन्हें अपना पार्षद चुना तो सप्ताह के सात दिन और 24 घंटे जनता की सेवा में हाजिर रहेंगे।