विशेष संवाददाता
गाजियाबाद। इस निकाय चुनाव में भाजपा की ओर कोई उपलब्धि भले ही न हुई हो लेकिन गाजियाबाद में की बगावत खुलकर सतह पर आ गई जो फिलहाल चरम चरम पर है। मेयर प्रत्याशी के टिकट को लेकर केंद्रीय मंत्री एवं सांसद जनरल वीके सिंह का सारे विधायकों से पाला खिंच गया है। सांसद की बेटी ने शहर विधायक के प्रतिनिधि पर FIR तक करा दी है। एक विधायक पर रुपए लेकर टिकट बांटने के आरोप लगे हैं। तो टिकट कटने से नाराज भाजपा में बागियों की संख्या 50 से ज्यादा हो गई है, जो निर्दलीय के रूप में अब भाजपा के सामने हैं।
ये कुछ ऐसे मुद्दे रहे जिनके चलते भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी को आज गाजियाबाद आना पडा। हांलाकि बहाना तो मेयर प्रत्याशी सुनीता दयाल के चुनाव कार्यालय का उद्घाटन करने का था लेकिन असल मकसद था रूठों को मनाने का। इसीलिए तमिलनाडु में पार्टी के कार्यक्रमों को संभाल रहे सांसद जनरल वीके सिंह को भी गाजियाबाद वापस बुला लिया गया। इस कार्यक्रम में पार्टी के सभी पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को मौजूद रहने की ताकीद की गई थी, ताकि जनता से लेकर मीडिया को एकजुटता का संदेश दिया जा सके।
ये जानजा जरूरी है कि आखिर वे कौन से विवाद है जिसके लिए प्रदेश अध्यक्ष को गाजियाबाद आना पड़ा
विधायक का लेटर- 2 करोड़ में टिकट बेचने की तैयारी
20 अप्रैल को लोनी क्षेत्र से भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को एक पत्र भेजा। आरोप लगाया कि जिला पंचायत अध्यक्ष के पति बसंत त्यागी जो भाजपा में प्रदेश मंत्री हैं, ने दो करोड़ रुपए अपने चुनाव में योगेंद्र मावी से लिए थे। अब बसंत त्यागी, योगेंद्र मावी को चेयरमैन का टिकट दिलाना चाहते हैं। इस लेटर के बाद खूब बवाल हुआ और आखिकारकार भाजपा ने किसी अन्य प्रत्याशी पुष्पा को टिकट दे दिया।
महानगर अध्यक्ष की पत्नी को टिकट न मिलने से सारे विधायक नाराज
भाजपा ने 23 अप्रैल को प्रदेश उपाध्यक्ष सुनीता दयाल को मेयर प्रत्याशी घोषित किया है। कहा जा रहा है कि सांसद जनरल वीके सिंह ने एड़ी-चोटी का जोर लगाकर ये टिकट कराया है। गाजियाबाद के करीब-करीब सभी विधायक ये चाहते थे कि भाजपा महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा की पत्नी को मेयर का टिकट हो। लेकिन इस बात का भाजपा महिला मोर्चा ने ही ये कहकर विरोध कर दिया कि नेताओं की पत्नियों को टिकट नहीं होना चाहिए। इस टिकट से कई विधायक नाराज हैं। वो बात अलग है कि पार्टी नेतृत्व के निर्देश पर वे मेयर प्रत्याशी के साथ कैंपेन में दिखाई पड़ रहे हैं।
सीटिंग पार्षदों के टिकट कटे, कइयों ने दिए इस्तीफे
भाजपा ने इस बार 15 सीटिंग पार्षदों का टिकट काट दिया। वे नाराज होकर बागी बन गए। शहर मंडल अध्यक्ष नवनीत गुप्ता ने आरोप लगाए कि टिकट दिलाने के नाम पर एक पदाधिकारी ने उनसे 25 लाख रुपए मांगे थे। राजनगर मंडल अध्यक्ष विनीत शर्मा ने टिकट न मिलने पर इस्तीफा दे दिया। वार्ड-33 की निवर्तमान पार्षद रेखा जैन टिकट कटने पर आम आदमी पार्टी में चली गईं। 23 अप्रैल को राजनगर एक्सटेंशन के कुछ लोग भाजपा महानगर कार्यालय पर पहुंचे। इन्होंने बताया कि भाजपा ने ऐसे व्यक्ति को टिकट दिया है, जो कुछ महीने पहले युवती से छेड़छाड़ करते पकड़ा गया था। चप्पलों से उसकी पिटाई हुई थी और फिर कुछ भाजपा नेताओं ने ही उसे छुड़ाया था।
विधायक अजीतपाल पर पैसे लेकर टिकट बांटने के आरोप
23 अप्रैल को ही विधायक अजीतपाल त्यागी के कैंप कार्यालय पर जूतम-पैजार हुई। आरोप लगा कि विधायक ने रीना भाटी को खोड़ा नगर पंचायत से चेयरमैन का टिकट दिलाया और अब रीना भाटी ही कई पार्षदों के टिकट कटवा चुकी हैं। विधायक पर भी आरोप लगे कि वे रुपए लेकर पार्षद के टिकट दिलवा रहे हैं। कुल मिलाकर इस बार भाजपा के मंडल स्तर के पदाधिकारियों में सबसे ज्यादा असंतोष देखा गया है और वे बागी बनकर चुनाव में खड़े हुए हैं।
लज्जा रानी बोलीं- मुझे सांसद ने फोन करके हरवाया
26 अप्रैल को हापुड़ जिले के पिलखुवा कस्बे में भाजपा के चेयरमैन प्रत्याशी विभु बंसल के चुनाव कार्यालय का उद्घाटन हुआ। इसमें भाजपा की पूर्व क्षेत्रीय अध्यक्ष लज्जा रानी गर्ग ने बयान दे दिया कि 2017 के नगर निकाय चुनाव में गाजियाबाद सांसद जनरल वीके सिंह ने एक अधिकारी को फोन करके उन्हें हरवाया था। लज्जा रानी गर्ग चेयरमैनी का ये चुनाव सिर्फ 8 वोटों से हारी थीं। उनके इस बयान से गाजियाबाद की राजनीति में चर्चाएं तेज हो गई हैं।
सांसद की बेटी ने विधायक प्रतिनिधि पर कराई FIR
26 अप्रैल को ही भाजपा सांसद जनरल वीके सिंह की बेटी मृणालिनी सिंह ने शहर विधायक अतुल गर्ग के प्रतिनिधि अजय राजपूत के खिलाफ थाना विजयनगर में मुकदमा दर्ज कराया। मृणालिनी ने आरोप लगाया कि अजय राजपूत ने अपने वॉट्सएप स्टेटस पर ये लिखा कि मैं पैसे लेकर टिकट बांट रही हूं। इससे मेरी छवि खराब हुई है। हालांकि अजय राजपूत ने कहा कि उनका वॉट्सएप हैक किया गया है, चाहे तो पुलिस इसकी जांच करा ले। इस मुकदमेबाजी के बाद सांसद और विधायक के बीच रेखा खिंच गई है।