विशेष संवाददाता
नई दिल्ली। कुख्यात नंदू गैंग के लिए हथियार सप्लाई करने वाले यर विक्रांत उर्फ पिंटू उर्फ मेंटल को दिल्ली पुलिस की अपरध शाखा ने गिरफ्तार कर लिया है। तिहाड जेल में कुछ दिन पहले गैंगस्टर प्रिंस तेवतिया की हत्या के बाद वह उसके गैंग का सरगना बन गया था। वह कुछ समय से दिल्ली के थाना वजीराबाद में अंजाम दिए गए हत्या के मुकदमे में और थाना प्रीत विहार में जबरन वसूली के मामले में भी फरार चल रहा था। तेवतिया गैंग का सरगना बनने के बाद किसी बड़ी आपराधिक वारदात की को अंजाम दे पाता उससे पहले ही इसे गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने उसके कब्जे से दो ऑटोमेटिक और तीन देशी पिस्तौल, 16 जिंदा कारतूस और एक चोरी की स्कूटी बरामद किए हैं।
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के स्पेशल सीपी रविन्द्र सिंह यादव ने बताया कि विक्रांत उर्फ मेंटल को बिजवासन-नजफगढ़ रोड, बजघेरा के पास, दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है। 25 साल का यह बदमाश दिल्ली के संगम विहार इलाके का रहने वाला है। जून 2020 में आरोपी विक्रांत उर्फ मेंटल ने प्रिंस, हरि किशन, हनी रावत और अन्य के साथ संपत्ति के विवाद को लेकर वजीराबाद के राकेश चौहान की हत्या कर दी थी। इस बाबत थाना वजीराबाद, दिल्ली मामला दर्ज किया गया था। राकेश चौहान के कत्ल वाले दिन ही गिरोह के सरगना प्रिंस तेवतिया के निर्देश पर, विक्रांत उर्फ मेंटल ने अपने साथियों हरी किशन और हनी रावत के साथ, शिकायतकर्ता पक्ष पर रंगदारी मांगने की धमकी देकर फायरिंग कर दी। इस संबंध में थाना प्रीत विहार दिल्ली में आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था।
पुलिस के मुताबिक इन दोनों ही मामलों में विक्रांत को छोड़कर सभी आरोपी पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं। केस दर्ज होने के बाद से ही विक्रांत फरार चल रहा था। विक्रांत कुख्यात प्रिंस तेवतिया गैंग का सदस्य है। 14 अप्रैल 2023 को प्रिंस तेवतिया की तिहाड़ जेल में अतातुर रहमान उर्फ अट्टा और रोहित चौधरी गिरोह के अन्य सदस्यों ने हत्या कर दी थी। उसके बाद प्रिंस तेवतिया गैंग की बागडोर अपने हाथ में ले चुके विक्रांत ने, रोहित चौधरी गिरोह के सदस्यों को खत्म करने की ठान ली थी।
क्राइम ब्रांच डीसीपी अंकित कुमार सिंह के नेतृत्व में सहायक आयुक्त नरेश कुमार की देखरेख में इंस्पेक्टर कृष्ण कुमार और गुलशन के अधीन सब इंस्पेक्टर सचिन गुलिया, हवलदार विनोद, नरेंद्र, दीपक, श्याम सुंदर, मिंटू, पप्पू, धर्मराज, ओमवीर और धीरज की एक टीम बनाई गई थी जिसे विक्रांत मेंटल को पकडने का जिम्मा सौंपा गया था।
विक्रांत उर्फ मेंटल वजीराबाद हत्याकांड के बाद गिरफ्तारी से बचने के लिए बार-बार ठिकाना बदल रहा था। क्राइम ब्रांच की टीम को सूचना मिली थी प्रिंस तेवतिया की हत्या का बदला लेने के लिए विक्रांत, रोहित चौधरी गिरोह के सदस्यों को खत्म करने की योजना बना रहा है। नंदू गिरोह का संदीप छिकारा इस उद्देश्य के लिए उसे हथियारों की आपूर्ति करेगा। विक्रांत के आने-जाने और गतिविधियों के बारे में एक पुख्ता सूचना हासिल करने के बाद बिजवासन-नजफगढ़ रोड पर क्राइम ब्रांच की टीम ने दबोच लिया। पुलिस के मुताबिक तिहाड जेल में मारा गया प्रिंस तेवतिया शुरुआत में रोहित चौधरी गैंग का सदस्य और विक्रांत, प्रिंस तेवतिया का सहयोगी था। साल 2018 में प्रिंस ने पैसों के लेन-देन के मसले को लेकर अपना अलग गिरोह बना लिया। विक्रांत अपराधिक गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेता था। वो प्रिंस तेवतिया गिरोह के सभी अवैध कार्यों को अंजाम देता था। यह गिरोह लॉरेंस बिसनोई और नंदू गिरोह से जुड़ गया। उसका गिरोह आम तौर पर सट्टा संचालकों, शराब तस्करों, बिल्डरों से संरक्षण का पैसा और हत्या की सुपारी भी लेता था। गिरोह के सदस्य कार चोरी, डकैती, हत्या के प्रयास, जबरन वसूली और हत्या के मामलों में भी शामिल हैं। प्रिंस तेवतिया गिरोह की गतिविधियों को लेकर रोहित चौधरी इन दिनों नाखुश था।
प्रिंस तेवतिया का तिहाड़ जेल नंबर 3 में रोहित चौधरी गिरोह के सदस्य अतातुर रहमान उर्फ अट्टा से विवाद हो गया था. प्रिंस तेवतिया पर रोहित चौधरी गिरोह के सदस्यों ने हमला कर दिया और उसके बाद जेल में दोनों गिरोहों के सदस्य आपस में भिड़ गए. जेल भीतर हुई उस खूनी भिड़ंत में चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. प्रिंस तेवतिया को दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल ले जाया गया जहां, उसे मृत घोषित कर दिया गया. अतीत में अतातुर रहमान और प्रिंस तेवतिया दोस्त थे और उसी गिरोह से निकले थे जिसका नेतृत्व कभी, शक्ति नायडू करता था. जो एक मुठभेड़ में मारा गया था.