धमेन्द्र पांडे
गाजियाबाद। गाजियाबाद में नगर निकाय चुनाव के लिए भाजपा के मेयर से लेकर पालिका व पंचायत अध्यक्षों और पार्षद उम्मीदवारों के टिकट घोषित होते ही घमासान मच गया है। असंतुष्टों की संख्या इतनी अधिक है कि नेता अपने कार्यकर्ताओ को समझाने में असफल हो रहे हैं। एक तरफ जहां भाजपा के 15 सीटिंग पार्षदों का टिकट कट जाने से उन्होंने बवाल कर दिया है तो वहीं दूसरी ओर लंबे समय से मेहनत कर रहे कार्यकर्ताओं को भी पार्टी ने टिकट नही दिया है। रविवार रात इसे लेकर भाजपा के महानगर कार्यालय पर खूब हंगामा भी हुआ। अब पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने अपने फोन या तो बंद कर लिए हैं या कॉल उठ नहीं रही। कई पदाधिकारियों ने इस्तीफे दे दिए हैं तो कुछ ने स्पष्ट बगावत का ऐलान कर दिया है। तो कुछ की नाराजगी देखकर लग रहा है कि वे पार्टी में रहकर ही पार्टी का नुकसान पहुंचाने का काम कर सकते हैं।
किसी ने पैसे मांगने का आरोप लगाया तो किसी ने छोड दी पार्टी
भाजपा के शहर मंडल अध्यक्ष नवनीत गुप्ता का आरोप है कि कुछ पदाधिकारी उनसे 25 लाख रुपए मांग रहे थे। उनके पास इसके पर्याप्त सुबूत भी मौजूद हैं। रुपए नहीं देने पर उन्हें टिकट नहीं दिया गया। उधर, राजनगर मंडल अध्यक्ष विनीत शर्मा ने अपना इस्तीफा वॉट्सएप पर पदाधिकारियों को भेज दिया है। विनीत भी टिकट की लाइन में थे, लेकिन किसी और को टिकट मिल गया। उन्होंने कार्यकर्ताओं की अनदेखी का आरोप पदाधिकारियों पर लगाया है। प्रह्लाद गढी, वसुंधरा वार्ड 36 से भाजपा के निर्वतमान पार्षद अरविंद चौधरी चिंटू की सीट जो महिला आरक्षित हो गई है उसके लिए वे अपनी पत्नी राखी के लिए टिकट मांग रहे थे। अरविंद चौधरी व उनकी पत्नी ने पिछले पांच सालों में अपने वार्ड में अदभुद काम किया है लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट न देकर आशा शर्मा को टिकट दिया है। ऐन वक्त पर अरविंद चौधरी की पत्नी राखी को बसपा ने अपना सिंबल देकर इस वार्ड से अपना प्रत्यशी बना दिया है। यहां ये बताना जरूरी है कि अरविन्द्र चौधरी भाजपा में आने से पहले बसपा में ही थे और निगम पार्षद का चुनाव उन्होंने बसपा प्रत्याशी के रूप में ही जीता था। इधर, वार्ड 60 से साहिबाबाद विधायक सुनील कुमार शर्मा के सबसे करीबी पार्षद सचिन डागर का भी पार्टी ने टिकट काट दिया। लिहाजा सचिन डागर अब निर्दलीय के रूप में नामांकन भर रहे हैं।
टिकट के नाम पर वसूली का लगा आरोप
गाजियाबाद में भारतीय जनता पार्टी से टिकट लेने वालों की लंबी फेहरिस्त थी। कुछ लोगों का नाम विधायकों के द्वारा पहुंचा, तो कुछ लोगों को टिकट दिए जाने की सिफारिश जनरल वीके सिंह के द्वारा की जा रही थी। लेकिन जिस तरह से लिस्ट जारी हुई है और तमाम टिकट लेने वाले लोगों की प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। उससे लग रहा है कि टिकट बंटवारे में विधायक गुट मजबूत रहा। सांसद वी के सिंह के बहुत सारे लोगों को टिकट नहीं मिलने की जानकारी आ रही है। इसीलिए नाराज सासंद टिकटों का ऐलान होंने के बाद जब दिल्ली स्थित यूपी भवन में प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी से मिलने पहुंचे तो उन्होंने जनरल के लिए कमरे का दरवाजा ही नहीं खोला। भाजपा के उन नेताओं पर भी टिकट के नाम पर पैसे लेने का आरोप लग रहा है जो टिकट फाइनल कराने वाले नेता रहे। इतना ही नहीं कई वार्ड से टिकट मांगने वाले लोगों में यहां तक आरोप लगाया है। कि पैसे के चक्कर में ऐसे लोगों को भी टिकट दिया गया है। जो पार्टी के सदस्य ही नहीं है और कभी पार्टी में उनकी कोई प्रतिक्रिया नहीं रही। जिन लोगों ने आरोप लगाया वह अपने अन्य साथियों के साथ भाजपा कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए।
भाजपा छोड़ आप ज्वाइन की, अब लड़ेंगी चुनाव
वार्ड-33 की निवर्तमान पार्षद रेखा जैन ने टिकट न मिलने पर भाजपा से इस्तीफा देकर आम आदमी पार्टी जॉइन कर ली है। अब वे इस वार्ड में भाजपा प्रत्याशी के सामने ही चुनाव लड़ेंगी। लोहियानगर वार्ड-69 से टिकट मांग रहे अंकुश ने भी अनदेखी का आरोप लगाया है। राजनगर एक्सटेंशन के कई वार्डों के दावेदार भी टिकट वितरण से असंतुष्ट हैं। इन्होंने रविवार रात भाजपा महानगर कार्यालय पर पहुंचकर हंगामा भी किया। कई हाउसिंग सोसाइटी के संगठनों ने भाजपा के टिकट वितरण का विरोध किया है और इस पर पुर्नविचार करने की मांग की है।
लोनी चेयरमैन का टिकट होल्ड पर
लोनी नगर पालिका से चेयरमैन पद पर बीजेपी ने अभी कोई प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। यहां रालोद से निवर्तमान चेयरमैन रंजीता धामा और बसपा से मेहरीन प्रत्याशी हैं। वे अपना नामांकन पत्र भर चुकी हैं। भाजपा में टिकट को लेकर जबरदस्त रार है। पैनल में जिन दो लोगों को टिकट देने की चर्चाएं हैं, उनके खिलाफ विधायक नंदकिशोर गुर्जर खुलकर खड़े हैं। विधायक ने पार्टी पदाधिकारियों पर 2 करोड़ रुपए लेकर विपक्षियों को टिकट देने के गंभीर आरोप लगाए हैं। इस वजह से टिकट होल्ड पर है।