विशेष संवाददाता
गाजियाबाद। क्या नगर निकाय चुनाव में भाजपा, कांग्रेस, बसपा को दल बदल का डर सता रहा है। नामांकन में बस दो दिन बचे हैं लेकिन इन तीनों ही दलों ने अभी मेयर से लेकर पार्षदों के टिकट का भी ऐलान नहीं किया है। इससे साफ है कि पार्टी एक खास रणनीति के तहत नामांकन से एक दिन पहले ही उम्मीदवारों के नाम का ऐलान करेगी ताकि असंतुष्ट नेताओं को दल बदल करने अथवा अपनी ही पार्टी का खेल खराब करने का मौका ना मिल सके।
राजनीतिक जानकार बता रहे हैं कि मेयर से लेकर पंचायत अध्यक्षों और पार्षदों के नाम की घोषणा में देरी राजनीतिक दलों की इसी नई नीति के कारण हो रही है। नगर निकाय चुनाव के नामांकन में अब केवल दो दिन बचे हुए हैं, लेकिन अभी तक अधिकतर पार्टियों की ओर से प्रत्याशियों के नामों की घोषणा नहीं की गई है। अंतिम दिनों में ही प्रत्याशियों के नाम घोषित किए जाने की बात की जा रही है। राजनीतिक गलियारे में यह चर्चा शुरू हो चुकी है कि अब राजनीतिक दल नामांकन के अंतिम दिनों में ही प्रत्याशी के नामों का ऐलान करती है। जिससे दावेदारों को दूसरी पार्टी में जाने का मौका न मिल सके और बागियों की वजह से इलेक्शन को खराब होने से बचाया जासके । बताया जा रहा है कि हर बड़ी पार्टी में मेयर और पार्षद की कुछ सीटों पर मजबूत दावेदार हैं। ऐसे में पार्टी को प्रत्याशी तय करने में बहुत अधिक दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। यदि जल्दी प्रत्याशी के नाम का ऐलान कर दिया जाता है तो दूसरे दावेदार दूसरी पार्टी में जाकर चुनाव लड़ सकते हैं। विधानसभा समेत अन्य चुनाव में इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं। नगर निकाय के पहले चरण के चुनाव के नामांकन के एक दिन पहले ही अधिकांश पार्टियों ने प्रत्याशियों के नामों का ऐलान किया इसलिए किसी भी दल के दावेदार को दूसरेदल में जाने का मौका नहीं मिला। हां इतना जरूर है कि कुछ लोगों ने निर्दलीय जरूर पर्चा भर दिया है।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि अंतिम दिनों में टिकट घोषित करने पर दावेदार अपने टिकट को फाइनल करवाने में पूरा जोर लगाते रहते हैं। इसलिए उन्हें दूसरी पार्टी के साथ सेटिंग करने का मौका नहीं मिल पाता है। बताया जा रहा है कि दूसरे चरण में भी मेयर के प्रत्याशी का ऐलान नामांकन के एक दिन पहले ही होने की संभावना बन रही है। जबकि पार्षद के नामों का ऐलान आज होने के संभावना बन रही है। सपा की तरफ से नाम फाइनल कर दिए गए है। अब केवल सिंबल आना बाकी है। बीजेपी में मेयर का टिकट हासिल करने के लिए अब दावेदार लखनऊ और दिल्ली में जोर लगाने में जुटे हुए हैं। पार्टी सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि जिस दावेदार का दिल्ली और लखनऊ के स्तर पर सही सेटिंग होगी। वहीं टिकट हासिल कर सकेगा। वहीं दूसरी तरफ यदि पार्टी नेताओं की मानें तो पार्टी मेहनती कार्यकर्ता को ही टिकट देने में प्राथमिकता देगा।
देरी के कारण बढ़ रही है उम्मीदवारों के दिल धड़कने
यदि हम पार्षद और मेयर के प्रत्याशी की बात करें तो सभी पार्टियों की ओर से 3 प्रत्याशियों का पैनल को फाइनल किया है। अब इसमें एक का टिकट देकर ऐलान किए जाने की देरी है। बताया जा रहा है कि पार्षद के टिकट जल्द ही हर पार्टी ऐलान कर देगी। क्योंकि जिले में 100 सीटों पर पार्षद का चुनाव होना है। अंतिम दिनों में ऐलान किए जाने से नामांकन को लेकर मारामारी की स्थिति रहेगी। इसमें कुछ प्रत्याशी दिन के हिसाब से नामांकन करते है। नाम की घोषणा में जितनी देरी होगी। प्रत्याशियों को उतना ही कम मौका दिन के चयन को लेकर मिल सकेगा।