संवाददाता
गाज़ियाबाद । समाजवादी पार्टी ने गाजियाबाद में मेयर का टिकट बदल दिया है। वरिष्ठ नेता पीएन गर्ग की पत्नी नीलम गर्ग का टिकट काटकर पूनम यादव को प्रत्याशी बनाया गया है। सपा ने संशोधित सूची बुधवार दोपहर को जारी कर दी है।
नीलम के पति सुरेंद्र उर्फ सिकंदर पहले थे बसपाई, अब सपाई
पूनम यादव के पति सुरेंद्र उर्फ सिकंदर यादव गाजियाबाद में बम्हैटा गांव के रहने वाले हैं। साल-2012 का मेयर चुनाव उन्होंने निर्दलीय रूप में लड़ा था। सपा में आने से पहले वे बसपा में थे। 2012 के चुनाव में इन्हें 19 हजार वोट मिले थे। हालांकि सिकंदर यादव की पत्नी पूनम यादव काफी समय से समाजवादी पार्टी की सदस्य थीं। सुरेंद्र उर्फ सिकंदर यादव गाजियाबाद में एडवरटाइजिंग एजेंसी चलाते हैं। हिंडन नदी स्थित इंदिरा प्रियदर्शिनी पार्क के संचालन का ठेका भी इन्हीं के पास है। इसके अलावा उत्तराखंड में भी सिकंदर रियल एस्टेट कारोबार से जुड़े हैं।
5 दिन पहले नीलम गर्ग को बनाया था प्रत्याशी
पूनम यादव से पहले पी एन गर्ग की पत्नी नीलम गर्ग को मेयर टिकट दिया गया था
इससे पहले बीते शनिवार को सपा ने वरिष्ठ नेता पीएन गर्ग की पत्नी नीलम गर्ग को गाजियाबाद नगर निगम से मेयर का प्रत्याशी घोषित किया था। नीलम गर्ग समाजसेवी हैं और दुहाई स्थित एक शिक्षण संस्थान में डायरेक्टर हैं। नीलम के पति पीएन गर्ग 2022 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले ही कांग्रेस छोड़कर सपा में आए थे। तब पीएन गर्ग 2022 के विधानसभा चुनाव में शहर विधानसभा सीट से दावेदारी ठोक रहे थे, लेकिन टिकट नहीं मिल पाया था।
गाजियाबाद शहरी क्षेत्र में सर्वाधिक ओबीसी वोटर
गाजियाबाद नगर निगम क्षेत्र में कुल मतदाता 15.39 लाख है। इनमें शहरी क्षेत्र में वैश्य मतदाता 2.10 लाख, 1.75 लाख ब्राह्मण, 1.82 लाख एससी, 1.80 लाख मुस्लिम, 2.35 लाख ओबीसी और 1.45 लाख पंजाबी मतदाता बताए जाते हैं। माना जा रहा है कि ओबीसी वोटरों की सर्वाधिक संख्या को ध्यान में रखते हुए ही सपा ने नीलम गर्ग का टिकट काटकर पूनम यादव को मेयर प्रत्याशी बनाया है। गाजियाबाद शहरी वोटरों को लेकर ये भी कहा जाता है कि वैश्य मतदाता का झुकाव भाजपा की तरफ रहता है। हो सकता है कि सपा को भी यही बात लग रही हो कि नीलम गर्ग को चुनाव में टिकट देकर ज्यादा फायदा न मिले, शायद इसीलिए ही सपा ने नीलम गर्ग का टिकट काटा है।