मुजफ्फरनगर/मेरठ: मुजफ्फरनगर की एक अदालत ने भाजपा नेता और सरधना के पूर्व विधायक संगीत सोम को 14 साल पुराने एक मुकदमे में साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। हालांकि उनके तत्कालीन निजी सुरक्षा गार्डों को दोषी ठहराते हुए 2-2 साल की सजा सुनाई है, जिन्हें कोर्ट ने 20-20 हजार के निजी मुचलके पर जमानत प्रदान करते हुए रिहा कर दिया।
भाजपा नेता और सरधना से पूर्व विधायक ठाकुर संगीत सोम ने 2009 में मुजफ्फरनगर लोकसभा क्षेत्र से सपा प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा था। 17 मार्च 2009 को टीएसआई हरमीत सिंह ने संगीत सोम और उनके तीन निजी सुरक्षा गार्डों पर गंभीर आरोप लगाते हुए थाना सिविल लाइन में मुकदमा दर्ज कराया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि 17 मार्च को मालवीय चौक पर संगीत सोम ने उनके 7-8 गाड़ियों के काफिले के साथ जाम लगा दिया था।
उनके समर्थकों के पास वायलेस सेट थे और वे लोग हथियार लिए हुए थे। जब उन्हें जाम लगाने से मना किया तो उन्होंने धक्का-मुक्की और मारपीट की थी। इस मामले में संगीत सोम के तत्कालीन निजी सुरक्षा गार्ड वीरेंद्र सिंह, जयपाल सिंह और कमोद सिंह को हथियारों सहित गिरफ्तार कर लिया गया था। जबकि संगीत सोम मौके से फरार हो गए थे।
लोक अभियोजक अरविंद सिंह ने बताया कि घटना के मुकदमे की सुनवाई सिविल जज सीनियर डिविजन मयंक जायसवाल की विशेष एमपी एमएलए कोर्ट में हुई। उन्होंने बताया कि इस मामले में कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में पूर्व विधायक संगीत सोम को बरी कर दिया। जबकि मामले में आरोपी और पूर्व विधायक के निजी सुरक्षा गार्ड वीरेंद्र सिंह, जयपाल सिंह और कमोद सिंह को 2-2 साल कैद की सजा सुनाई गई है। हालांकि कोर्ट ने तीनों को जमानत प्रदान कर दी है।
इन धाराओं में हुई 3 दोषियों को सजा
पुलिस से धक्का-मुक्की, सरकारी कार्य में बाधा डालने और क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट के तहत पूर्व विधायक संगीत सोम के तत्कालीन तीन निजी सुरक्षा गार्डों को कोर्ट ने दोषी ठहराया है। कोर्ट ने दोषी वीरेंद्र सिंह जयपाल सिंह और कमोद सिंह को आईपीसी की धारा 332, 353 और 341 में दोषी ठहराते हुए 2 वर्ष कैद की सजा तथा 7 CLA एक्ट में डेढ़ वर्ष कैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने तीनों पर 7500-7500 रुपये का जुर्माना भी लगाया है।