नई दिल्ली । पंजाब के लोगों को खालिस्तान के ख्वाब दिखाने वाले अमृतपाल सिंह खुद कनाडा जाकर बसने के ख्वाब को पूरा करने में लगा था। ब्रिटिश नागरिक किरणदीप कौर से शादी करने से पहले अमृतपाल सिंह कनाडा में जाकर स्थायी नागरिकता लेने की तैयारी कर रहा था। अमृतपाल सिंह ने दिसंबर 2021 में कनाडा में वर्क परमिट के लिए आवेदन किया था और तीन माह बाद 2022 में उनके वर्क परमिट को मंजूर कर लिया गया था । उससे अगली प्रकिया अपनाने के लिए कहा गया था। लेकिन इस बीच अमृतपाल सिंह का कनाडा के स्थान पर भारत आने का कार्यक्रम बन गया।
पजांब को हिंसा की आग में झौंकने सहित कई सगीन मामले दर्ज होंने के बाद पंजाब से फरार हुआ अमृतपाल कई राज्यों की पुलिस के साथ चूहे बिल्ली का खेल खेल रहा है। एजेंसियों को इस बात की पूरी आशंका है कि वह नेपाल से होकर कनाडा जा सकता है। पुलिस और खुफिया एजेंसियां नेपाल जाने वाले हर रूट पर कडी नजर रख रही हैं।
खुफिया एजेंसियों के हाथ अमृतपाल सिंह से जुड़े ऐसे दस्तावेज लगे हैं, जिससे साफ है कि अमृतपाल सिंह ने कनाडा में ट्रक ड्राइवर के लिए वर्क परमिट का आवेदन किया था। अमृतपाल इसी फिराक में था कि वह कनाडा जाकर बस जाए। एजेंसियों की रिपोर्ट के मुताबिक अमृतपाल सिंह दो एजेंटों के संपर्क में था, जिसके बाद अमृतपाल सिंह का एजेंटों के साथ संपर्क व तालमेल को पूरी तरह से खंगाला जा रहा है।
बता दें कि कनाडा में कई खालिस्तान समर्थक शरण लिए हुए हैं। इनमें लखबीर लंडा, हरदीप निज्जर, अमनजोत सिंह जैसे कई नाम हैं। एजेंसियों एक पुख्ता साक्ष्य मिलें हैं कि कनाडा और अमेरिका में बैठे लोगों ने ऑपरेशन अमृतपाल सिंह के मामले में न सिर्फ टूल किट के माध्यम से अभियान चलाया, बल्कि अमृतपाल मामले को ऑपरेशन ब्लू स्टार जैसी बड़ी घटना से भी जोड़कर माहौल को हवा देने की कोशिश की है। कनाडा के कई सांसदों ने इस ऑपरेशन के बाद अप्रत्यक्ष रूप से कड़ी आलोचना भी की थी, जिसके बाद में उनके भारत में ट्विटर हैंडल ब्लॉक कर दिए गए थे।
एजेंसियों को अमृतपाल सिंह का कनाडा संपकों के अलावा उन सभी नेटवर्क की जानकारी मिल गई है जो उसके वारिश पंजाब दे नेटवर्क को फंडिग कर रहे थे। फंडिग करने वाली अधिकांश संस्थाए पंजाब में खालिस्तान की मांग और कट्टरपंथ को जिंदां करने वाले गुटों से जुड़े हैं।