अदालती आदेश के बावजूद वाहन छोडने के लिए की थी रिश्वत की मांग
संवाददाता
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने अदालती आदेश के बावजूद सीज वाहन को छोडने के बदले 3000 रूपए की घूस मांग रहे दिल्ली परिवहन विभाग के एक इंसपेक्टर व दो सिपाहियों को गिरफ्तार किया है।
भ्रष्टाचार निरोधक शाखा के प्रमुख संयुक्त पुलिस आयुक्त मधुर वर्मा ने बताया भ्रष्टाचार निरोधक शाखा डीसीपी श्वेता चौहान के पास एक पीडित ने संपर्क कर बताया था कि उसकी स्विफ्ट डिजायर टैक्सी कार एमवी एक्ट के तहत चालान कर उसके वाहन को सीज कर दिया गया था। बाद में बाद में पीडित ने अदालत में दस्तावेज व जुर्माने की राशि अदा कर दी तो न्यायालय ने उनके वाहन को छोड़ने का आदेश दिया था। लेकिन जब पीडित इंपाउंडिंग पिट लेकर द्वारका स्थित परिवहन विभाग के अधिकारियों के पास पहुंचे तो वाहन को मुक्त करने की एवज में 3,000 रुपये घूस की मांग की गई।
पीडित की शिकायत प्राप्त पर एसीपी जरनैल सिंह ने एक इंस्पेक्टर वीरेंद्र चौधरी, इंस्पेक्टर लक्ष्मी, हैडकांस्टेबल विवेक कुमार, प्रदीप, जगदीप और सिपाही मुकुल की टीम तैयार की। शिकायतकर्ता के पास मौजूद 3,000 की रकम जो 100 रूपए के नोटों के रूप में थी उन पर फेनोल्फथेलिन पाउडर लगाकर पीडित को गवाहों के साथ परिवहन विभाग में भेजा गया। जहां परिवहन विभाग के कार्यालय में प्रभारी इंपाउंडिंग पिट निरीक्षक वेदपाल, , प्रवर्तन दल के सिपाही उमेश व आदित्य कुमार को एक-एक हजार रूपए की घूस लेते हुए रंगे हाथ पकडा गया। तीनों के कब्जे से पाउडर लगे नोट भी बरामद कर लिए गए।